वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप अब 2022 में होगी, बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप की तारीख में बदलाव संभव
खेल डेस्क. अमेरिका के यूजीन में अगले साल होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप अब 2022 में होगी। टोक्यो ओलिंपिक की नई तारीख आने के बाद यह फैसला लिया गया। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 6 से 15 अगस्त तक होनी थी। जबकि टोक्यो गेम्स अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होना है। दोनों टूर्नामेंट की तारीख टकराने के कारण एथलेटिक्स की वर्ल्ड बॉडी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप 2022 में कराने का फैसला किया।
वर्ल्ड एथलेटिक्स ने कहा, ‘हम ओलिंपिक की नई तारीखों का स्वागत करते हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों को ट्रेनिंग और स्पर्धा के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।’ वर्ल्ड एथलेटिक्स ने साथ ही कहा, ’हम कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन से भी चर्चा करेंगे क्योंकि बर्मिंघम में 2022 में 27 जुलाई से 7 अगस्त तक कॉमनवेल्थ गेम्स भी होने हैं।’
स्पेन में होगी बैडमिंटन चैम्पियनशिप
बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) ने कहा है कि अगले साल स्पेन में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप की तारीख बदल सकती है क्योंकि उसी समय टोक्यो ओलिंपिक होना है। बीडब्ल्यूएफ ने कहा, ‘हमें पता है कि वर्ल्ड चैंपियनशिप की तारीख बदलना जरूरी है। हम मेजबान स्पेन से बात कर जल्द ही इसके बारे में फैसला लेंगे।’
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टी-20 वर्ल्ड कप टला तो अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल संभव, रद्द होने पर खिलाड़ियों को सैलरी भी नहीं मिलेगी
खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण टी-20 लीग आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित किया गया है। इस बीच बीसीसीआई अब अक्टूबर-नवंबर में लीग को आयोजित कराना चाह रही है। यह तभी संभव है जब अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी-20 वर्ल्ड कप टल जाए। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘बोर्ड अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल आयोजित करने पर विचार कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने छह महीने के लिए बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी है। इससे स्थिति बदल सकती है।’
अधिकारी ने कहा कि अगर आईसीसी मौजूदा स्थिति को देखकर वर्ल्ड कप टाल देती है, तभी हम इसके बारे में सोच सकते हैं। वर्ल्ड कप स्थगित करना अंतिम विकल्प होगा।’
आईपीएल नहीं हुआ तो सैलरी भी नहीं मिलेगी
आईपीएल का मौजूदा सीजन नहीं हुआ तो खिलाड़ियों को सैलरी भी नहीं मिलेगी। फ्रेंचाइजी से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि खिलाड़ियों को टूर्नामेंट शुरू होने के एक हफ्ते पहले 15% सैलरी दी जाती है। 65% टूर्नामेंट के दौरान जबकि बाकी 20% टूर्नामेंट के अंत में दी जाती है। इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने कहा कि आईपीएल के नहीं होने से भारी नुकसान होगा। इस कारण घरेलू खिलाड़ियों की सैलरी में भी कटौती हो सकती है।
सरकार ने 15 अप्रैल तक वीजा प्रतिबंध लगाए
बीसीसीआई ने केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए यात्रा और वीजा प्रतिबंधों के कारण लीग को 15 अप्रैल तक टाल दिया था। केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बाद यात्रा और वीजा से जुड़े कुछ प्रतिबंध लगाए थे। इसके तहत भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के वीजा 13 मार्च से 15 अप्रैल तक के लिए सस्पेंड हैं। सिर्फ डिप्लोमैटिक, ऑफिशियल, यूएन और अंतरराष्ट्रीय संस्थान, प्रोजेक्ट और एम्प्लॉयमेंट वीजा को ही छूट है। आईपीएल में आने वाले विदेशी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को बिजनेस वीजा मिलता है। ऐसे में उन्हें भी देश में आने की अनुमति नहीं है। आईपीएल की 8 टीमों में 189 खिलाड़ी हैं। इनमें 64 विदेशी खिलाड़ी हैं। सरकार के वीजा प्रतिबंधों की वजह से इनपर 15 अप्रैल तक भारत आने पर प्रतिबंध है।
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पहली मुलाकात में सनी लियोनी को लेस्बियन समझ बैठे थे उनके पति, कपल ने इंटरव्यू में किया खुलासा
बॉलीवुड डेस्क. सनी लियोनी की मानें तो पहली मुलाकात में उनके पति डेनियल वेबर ने उन्हें लेस्बियन समझा था। उन्होंने यह खुलासा एक इंटरव्यू में किया। सनी और डेनियल 12 साल से एक-दूसरे के साथ हैं। उनकी शादी को भी 9 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि दोनों की पहली मुलाकात कैसे हुई थी तो उन्होंने इससे जुड़ा दिलचस्प किस्सा साझा किया।
किसी और के साथ डेट पर जाने वाली थीं सनी
सनी ने बताया, "हमारी पहली मुलाकात लॉस वेगास में हुई थी और उस वक्त मैं अपनी बहुत ही क्लोज फ्रेंड के साथ थी। दरअसल, मैं पॉली शोर (उस वक्त के कॉमेडियन) के साथ डेट पर जाने वाली थी, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया।" इसके आगे डेनियल ने कहा, "पॉली को रास्ते में कोई और मिल गया और वह अपने दोस्त से मिलने रावाना हो गया। और भगवान ने मुझे उसके (सनी) पास पहुंचा दिया। यही नियति है।"
'डेनियल को लगा मैं लेस्बियन हूं'
सनी कहती हैं, "डेनियल को ऐसा नहीं लगा कि मैं स्ट्रैट नहीं हूं। उसने मुझे लेस्बियन समझा। मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ थी, जो कि लेस्बियन है। लेकिन उसने कुछ मर्दाना कपड़े पहने हुए थे। इससे डेनियल को गलतफहमी हो गई।" डेनियल बताते हैं, "मैं कन्फ्यूज था, क्योंकि वे दोनों ही हाथों में हाथ डाले थीं और मैंने सिचुएशन का गलत आंकलन कर लिया।"
3 साल की डेटिंग के बाद कर ली शादी
सनी ने एक इंटरव्यू में बताया था, "डेनियल हर सुख-दुख में मेरे साथ रहे। हम जब मिले थे, तब मैंने अपनी मां को खोया था। मैं डिप्रेशन में थी और जिंदगी से इतनी निराश हो चुकी थी कि कोई भी लड़का मेरी हालत देखता तो शायद मुझे छोड़कर चला जाता, लेकिन डेनियल डटे रहे। तीन साल डेट करने के बाद हमने शादी कर ली। फिर मेरे पिता की मौत हो गई, तब भी उन्होंने मुझे संभाला।"
सनी की बदौलत परिवार का महत्व पाए डेनियल
डेनियल के अनुसार, सनी की बदौलत वे परिवार का महत्व जान पाए और उनके करीब आए। सनी के पति डेनियल वेबर भी एडल्ट फिल्मों के स्टार रह चुके हैं। 2011 में दोनों की शादी हुई थी। 2017 में सनी और डेनियल ने महाराष्ट्र के लातुर से बेटी निशा को अडॉप्ट किया था। वहीं 2018 में कपल सेरोगेसी से जुड़वां बेटों Asher और Noah का पेरेंट बना।
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5 मिनट में पता लग जाएगी मरीज के दिल और फेफड़ों की हालत, डॉक्टर ऐप के जरिए कर निगरानी सकेंगे
नई दिल्ली (अमित कुमार निरंजन).जानलेवा कोरोनावायरस की चुनौती से निपटने के लिए दुनियाभर के मेडिकल साइंटिस्ट और टेक्निकल एक्सपर्ट तमाम प्रयासों में जुटे हुए हैं। देश में मानव संसाधन विकास मंत्रालय(एमएचआरडी) और अखिल भारतीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद(एआईसीटीई) द्वारा कोराना पर कराए गए आइडियाथॉन में कई इनोवेशन सामने आए। ये सभी साधन इजी टू यूज और इजी टू मूव हैं। मुंबई के एक स्टार्ट अप ने दिल की धड़कन और लंग्स में मौजूद फ्लूइड जांचने वाली डिवाइस बनाई है, जो कोरोना के लक्षणों की 90% तक सही जानकारी सिर्फ पांचमिनट में दे सकती है। वहीं, सेना के लिए रोबोट बनाने वाले पुणे के स्टार्टअप ने वेंटिलेटर की तरह ऑक्सीजन देने वाली इजी टू मूव डिवाइस बनाई है, जिसे अंबू एयर नाम दिया गया है। एमएचआरडी के इनोवेशन सेल डायरेक्टर डॉ मोहित गंभीर ने बताया कि आइडियाथॉन में आए इनोवेशन के बारे में डीएसटी और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड से जानकारी साझा की गई है। उन्होंने इनपर काम भी शुरु कर दिया है।
ईजी टू यूज और ईजी टू मूव हैं: ये इनोवेटिव मेडिकल इंस्ट्रूमेंट
मुंबई स्थित अभया इन्फॉर्मेशनटेक्नॉलॉजी एलएलपी स्टार्टअप के सीईओ तरक वीएस नागराज ने बताया कि हमने हार्ट बीट और लंग्स में फ्लूइड टेस्ट के लिए एक खास डिवाइस विकसित की है। इसमें एक छोटा साउपकरण छाती पर लगाया जाता है। इसका नाम हार्टबीट है,जो धड़कनों की गणना और लंग्स में मौजूद फ्लूइड का आंकलन करता है। इसका डाटा मोबाइल एप के माध्यम से मिलता है। यह एप मरीज और डॉक्टर दोनों के पास होता है। जो छाती पर लगे डिवाइस का डाटा ब्लूटूथ से एप में कनेक्ट होकर क्लाउड के माध्यम से कहीं भी बैठे डॉक्टर को मिल जाएगा। एप में मौजूद एआई अस्थायी डॉक्टर की भूमिका निभाता है जो ह्रदयऔर लंग्स में होने वाली किसी भी खराबी के बारे में खुद ही डॉक्टर को सूचित कर देता है।
पुणे :वेंटिलेटर की तरह कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को देगा ऑक्सजीन
सेना के लिए रोबोट तैयार करने वाले स्टार्टअप कॉम्बेट रोबोटिक्स इंडिया ने वेंटिलेटर जैसी डिवाइस तैयार की है। पुणे स्थित इस कंपनी के सीईओ गनेश पंडित सूर्यवंशी ने बताया कि हमने ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले पार्ट्स की मदद की वेंटिलेटर की तरह काम करने वाला अंबू एयर बनाया है। यह बिजली और बैटरी दोनों से चलता है। कोरोना प्रभावित मरीज को सांस लेने में मुश्किल होने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। अंबू एयर में मरीज को रखने पर उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति तुरंत शुरू हो जाती है। यह डिवाईस वेंटिलेटर की तुलना में छोटी और हल्की होने से इजी टू मूव है। गनेश ने बताया कि यदि हमें प्रशासन और सरकार से मैन्युफैक्चरिंग के मामले में सपोर्ट मिले तो 100 अंबू एयर प्रतिदिन तैयार हो सकते हैं।
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विशेषज्ञ बोले- जांच के मामले में भारत बहुत पीछे, शायद इसीलिए संक्रमितों की संख्या कम
(पवन कुमार). देश में काेराेनावायरस के मरीजाें की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन जांच का दायरा नहीं बढ़ रहा है। सरकार ने जांच के जो मानक तय किए हैं, उनके मुताबिक भी शत-प्रतिशत जांच नहीं होरही है। विशेषज्ञों के अनुसार सरकार का अगर यही रवैया रहा, तो आने वाले समय में भीषण नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।21 दिन का लॉकडाउनतभी कारगर होगा, जब कोरोना के संदिग्धों की बड़ी संख्या में जांच की जाएगी।
सर गंगाराम अस्पताल के सेंटर फॉर चेस्ट सर्जरी के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार सिंह कहते है कि एक पाॅजिटिव मरीज भी लॉकडाउन तोड़ता है तो समाज में बीमारी फैला देगा। सरकार जांच की क्षमता बढ़ाए। उनकी भी जांच करे, जिनके किसी के संपर्क में आने की आशंका है। इटली, स्पेन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया में अधिक से अधिक जांच के बाद पाॅजिटिव लोगोंकोअलग किया जा रहा है, ताकि वायरस पर अंकुश लगे।
इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बैलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने भी अधिक से अधिक जांच की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के 80% से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि मरीज को बीमारी का पता नहीं होगा, तो उससे परिवार के दूसरे लोगोंकोभी बीमारी होसकती है। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जिसके संक्रमित होने की आशंका हो, उसे जांच के बाद आइसोलेट कर दिया जाना चाहिए। लेकिन, भारत के पास इतनी क्षमता नहीं है। ऐसे में ज्यादा जांच करना जरूरी है। जो पाॅजिटिव न मिले, उसे काम पर लगाना चाहिए, ताकि अर्थव्यवस्था कोनुकसान न हाे। अभी भारत सरकार की जोरणनीति है, उसकी निंदा करने के बजाय सख्ती से पालन करना चाहिए।
उधर डैंग लैब के प्रमुख डॉ. नवीन डैंग के अनुसार सरकार की जांच का क्राइटेरिया कुछ दिन पहले तक तो ठीक था, लेकिन अब दायरा बढ़ाना ही होगा। कम जांच से नुकसान ही होगा। अभी तोसरकार के क्राइटेरिया के अनुसार भी शत-प्रतिशत जांच नहीं होरही। निजी लैब के पास किट नहीं हैं। सैंपल लेने वालों की कमी है।
डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा है-
कोविड-19 की जांच के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का सिर्फ यही कहना है कि ज्यादा से ज्यादा जांच करें। जहां भी लोगों को आशंका हो या उनमें लक्षण दिखें, उनकी जांच की जाए।
भारत में पांच तरह के लोगों कोजांच के दायरे में रखा गया
- वो लोग जो विदेश से आए हों और जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दें।
- विदेश से आए लोग जिनमें कोरोना केलक्षण थे, उनके संपर्क में आए वो लोग जिनमें लक्षण दिख रहे हों।
- कोरोना मरीज के परिजन जो किसी रूप में उसके संपर्क में आए हों।
- अस्पतालाें में भर्ती वे मरीज, जिन्हें सांस की बीमारी है और उनमें लक्षण दिख रहेहों।
- स्वास्थ्य कर्मी या डॉक्टर जो कोरोना मरीजों या संदिग्धों के इलाज में लगे हों और उनमें भी लक्षण दिख रहे हों। ऐसे लोगों की जांच को सरकार ने मानक बनाया है।
द. कोरिया ने विदेश से लौटे हर व्यक्ति की जांच की
सिर्फ दक्षिणकोरिया ने हर उस व्यक्ति की जांच की, जिसने पिछले दिनों क्रूज शिप में यात्रा की हो याविदेश से लौटा हो। कोरोना पॉजिटिव के संपर्क मेंआने वाले और हैल्थ वर्कर की भी जांच की गई। भारत में ऐसा सिर्फ निजामुद्दीन में होने जा रहा है। जबकि, दुनियाभर में सिर्फ उन लोगों की जांच की जा रही है, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
निजी लैब को भी सरकार ने जांच की इजाजत दी
सरकार ने कोरोनावायरस की जांच के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की सूची जारी की है। https://ift.tt/2H6SUX3 पर यहलिस्ट उपलब्ध है। कोविड-19 के परीक्षण के लिए सरकार ने निजी अस्पतालों और निजी प्रयोगशालाओं को कुछ शर्तों के साथ जांच की अनुमति दी है। निजी प्रयोगशालाएं जांच के लिए 4,500 रुपए से अधिक शुल्क नहीं वसूल सकतीं। हालांकि सरकार ने निजी लैब से भी जांच सुविधा बिना किसी लागत के उपलब्ध कराने का कहा है।
दुनिया के प्रमुख देशों में टेस्ट का डाटा
| देश | कुल टेस्ट | टेस्ट प्रति
10 लाख |
मरीज प्रति 1000 टेस्ट |
| अमेरिका | 10.21 लाख | 3,078 | 159 |
| द. कोरिया | 4.10 लाख | 6,931 | 24 |
| इटली | 4.77 लाख | 3,657 | 213 |
| भारत | 42.7 हजार | 32 | 29 |
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Trump Suggests Lack of Testing Is No Longer a Problem. Governors Disagree.

By BY JONATHAN MARTIN, MAGGIE HABERMAN AND MIKE BAKER from NYT U.S. https://ift.tt/3dGuKBm
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4 साल में स्पोर्ट्स व्यूअरशिप 90% बढ़ी, 2900 करोड़ मिनट देखा गया भारत-पाकिस्तान वर्ल्ड कप मैच
खेल डेस्क. पिछले चार साल में देश में स्पोर्ट्स व्यूअरशिप 90% तक बढ़ गई। इसमें लाइव क्रिकेट 58% व्यूअरशिप के साथ टॉप पर रहा। ब्राॅडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत-पाक वर्ल्ड कप मैच 2900 करोड़ मिनट देखा गया। यह 2016-2019 के बीच सबसे ज्यादा देखा गया क्रिकेट मैच रहा।
बार्क की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिकेट के अलावा कबड्डी, रेसलिंग और फुटबॉल को सबसे ज्यादा व्यूज मिले। कुल व्यूअरशिप 85% रही। 70% ग्रामीण लोगों ने कबड्डी जबकि 52% शहरी लोगों ने रेसलिंग के मुकाबले देखे। फुटबॉल के 50% से ज्यादा दर्शक केरल, असम, सिक्किम, प. बंगाल के रहे।
- 200 करोड़ मिनट देखा गया भारत का पहला पिंक बॉल टेस्ट, 4.3 करोड़ व्यूअरशिप मिली।
- 42.4 करोड़ लोगों ने आईपीएल मैच लाइव देखे, यह टीवी देखने वाले लोगों का 51% है।
- 50.9 करोड़ लोगों ने टीवी पर क्रिकेट वर्ल्ड कप देखा, 20 लाख सेकंड एडवरटाइज दिखाए गए।
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खिलाड़ी ऑनलाइन फेस्टिवल और खेल सामग्री नीलाम कर रुपए जुटा रहे, सैलरी कम करवाने के अलावा डोनेशन भी दे रहे
खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। खेल और खिलाड़ी भी इससे अछूते नहीं है। खेल जगत से जुड़े लोग चाहे वे खिलाड़ी हों या खेल एसोसिएशन या फिर अन्य कोई, सभी खुद को बचाने के साथ-साथ मदद भी कर रहे हैं। ये जरूरतमंदों की आर्थिक मदद करने के अलावा खाने की सामग्री भी दे रहे हैं। कुछ खिलाड़ी चैरिटी इवेंट आयोजित कर राशि जुटा रहे हैं तो कुछ अपनी सैलरी कम करवाने के अलावा डोनेशन भी दे रहे हैं। कुछ खिलाड़ी क्राउड फंडिंग कर, वहीं कुछ स्पोर्ट्स इक्विपमेंट की नीलामी कर राशि जुटा रहे हैं। कई खिलाड़ी अपने-अपने देश की नेशनल हेल्थ सर्विस से जुड़ गए हैं। कुछ बड़े खेल फेडरेशन 200-300 करोड़ रुपए डोनेट कर चुके हैं जबकि कुछ ने स्टेडियम को पीड़ितों की मदद के लिए खोल दिया है।
नडाल, रामोस, गेरार्ड पिक ने पांच करोड़ जुटाए
राफेल नडाल, गेरार्ड पिक और सर्जियो रामोस ऑनलाइन ग्लोबल म्यूजिक फेस्टिवल से जुड़े। स्पेनिश लीग द्वारा आयोजित चैरिटी इवेंट से कुछ अन्य सेलेब्रिटी भी जुड़े। इन्होंने इससे 5.2 करोड़ रुपए की राशि जुटाई। भारत में बीसीसीआई ने 51 करोड़ रुपए की मदद की है। गांगुली और पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मीरतन शुक्ला 50 लाख रुपए के दाल-चावल दे चुके हैं। अमेरिका का नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन 300 करोड़ से ज्यादा की राशि जुटा चुका है।
कुछ खिलाड़ी अपने देश की हेल्थ सर्विस में वॉलंटियर बन रहे
ब्राजील के साओ पाउलो में पेकाम्बू स्टेडियम को ओपन-एयर हॉस्पिटल में बदल दिया गया है। इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर सिटी सहित कई क्लब और रग्बी क्लबों ने स्टेडियम को हॉस्पिटल में बदलने की पेशकश की है। वहीं इटैलियन क्लब युवेंटस के स्टार रोनाल्डो, कई खिलाड़ी और स्टाफ ने चार महीने की लगभग 750 करोड़ की सैलरी छोड़ दी है।
जर्सी बनाने वाली कंपनी अब मास्क बना रहीं
मेजर लीग बेसबॉल की ऑफिशियल जर्सी और यूनिफॉर्म बनाने वाली कंपनी अब मास्क और गाउन बना रही है। यह कंपनी लोगों को फ्री में मास्क भी दे रही है।
स्टेडियम बना हॉस्पिटल, खिलाड़ियों ने 750 करोड़ की सैलरी छोड़ी
इंग्लैंड महिला क्रिकेटर हीथर नाइट नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से बतौर वॉलंटियर जुड़ गई हैं। वे दवाएं बांटने, लोगों को जागरुक करने का काम करेंगी। फुटबॉल रेफरी एंथोनी टेलर एनएचएस में वॉलंटियर बन गए हैं। वहीं, भारतीय टीम को 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप जिताने वाले तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा अब लोगों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए सड़क पर उतर आए हैं। वे हरियाणा पुलिस में हिसार में डीएसपी हैं। इस समय जोगिंदर लॉकडाउन का पालन कराने और कोरोना से बचाने के लिए लोगों को घर में रहने के लिए कह रहे हैं।
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