राजधानी में 24 घंटे में रिकॉर्ड 1295 नए मामले, 416 मरीज ठीक हुए

राजधानी में लगातार चौथे दिन कोरोना के 1 हजार से ज्यादा मामले आए। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के फैलने की रफ्तार भी तेज हो गई है। दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार 24 घंटे में रिकॉर्ड 1295 नए मामले सामने आए। दिल्ली में अब तक 19844 लोग संक्रमित हो चुके है। वहीं, पिछले 24 घंटे में 416 मरीज ठीक हुए। अब तक 8478 मरीज अस्पताल से ठीक होकर घर चले गए है। वहीं, गत शनिवार को एक दिन में 13 मरीजों की मौत हुई। वहीं, डेथ ऑडिट कमेटी ने पुरानी 44 मौतों को भी कोरोना से होना माना है। इसके साथ ही 57 मौतों के साथ अब तक 473 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है। अभी 10893 सक्रिय कोरोना मरीज है।

तारीख नए केस मौत
19मई 500 6
20मई 534 10
21मई 571 18
22मई 660 14
23मई 591 23
24मई 508 30
25मई 635 15
26मई 412 12
27मई 792 15
28मई 1024 13
29मई 1106 82
30मई 1165 16
31 मई 1295 57

13 दिन में बढ़े 10089 नए केस

लॉकडाउन 4.0 शुरू के 13 दिन में कोरोना के 10089 मामले बढ़ गए। यह संख्या दिल्ली में अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 8478 से भी ज्यादा है। बता दें दिल्ली में 17 मई को कोरोना के 9755 मामले ही थे। वहीं, दिल्ली में अब तक 2 लाख 12 हजार 784 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। बता दें दिल्ली में सरकार हल्के लक्ष्ण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रख रही है। ऐसे करीब 5781 पॉजिटिव मरीज होम आइसोलेशन में है।

डीडीजी और दिल्ली कोविड सेल में तैनात डॉक्टर कोरोना संक्रमित

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में तैनात डीडीजी डा. अनिल कुमार 26 मई से दिल्ली के सफदरजंग में भर्ती है। जिसकी पुष्टि सफदरजंग अस्पताल के पीआरओ दिनेश नारायण ने नहीं की, भास्कर को पड़ताल में पता चला कि डा. अनिल कुमार उत्तर प्रदेश के इंदिरापुरम में रहते हैं। वहीं पर उन्हें जांच में कोरोना पॉजेटिव पाई गई थी। वे सफदरजंग कोविड हॉस्पिटल में भर्ती हो गए।

डेथ की रिपोर्ट न देने पर चार अस्पताल को नोटिस

दिल्ली सरकार ने अस्पताल में कोरोना संक्रमित/संदिग्ध की मौत होने पर स्टेट सर्विलांस सेल को प्रतिदिन शाम 5 बजे तक मृतक की केस सीट देने के दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) के आदेश का उल्लंघन करने का दोषी माना है। इसको दिल्ली सरकार के लोक नायक और केंद्र सरकार के एम्स, सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा गया है।



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A total of 1295 new cases, 416 patients were cured in 24 hours in the capital


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दिल्ली पुलिस के तीन कर्मियों की मौत, 2 एएसआई की कोरोना संक्रमण से मौत

दिल्ली पुलिस के लिए रविवार का दिन बुरी खबर लेकर आया। कोरोना संक्रमण ने दो असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) की जान ले ली। कई दिन से उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। इनमें एक की मौत शनिवार को हुई जबकि दूसरे ने रविवार को दम तोड़ा। एक एएसआई की दो काेरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर तीसरी रिपोर्ट पॉजिटव आ गई। वहीं, नार्थ ईस्ट कंट्रोल रुम में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर पानी का ढक्कन ठीक करते समय घर की चौथी मंजिल से नीचे गिर गया, जिस कारण उसकी मौत हो गई।
केस-1

एएसआई शेष मणि पांडे कमला मार्किट मोबाइल क्राइम टीम में फ्रिंगर प्रिंट एक्सपर्ट थे। वह पूर्व सैनिक थे जिन्होंने एक नवम्बर 2014 को ही दिल्ली पुलिस ज्वाइन की थी। वह मूलरुप से रेवा एमपी के रहने वाले थे। यहां नारायणा गांव में रहते थे। इनका 26 मई को कोरोना टेस्ट लेडी हार्डिंग अस्पताल में हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 28 मई को पॉजिटिव आई। उसी दिन इस पुलिसकर्मी को आर्मी बेस हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया गया, जहां शनिवार शाम उन्होंने दम तोड़ दिया।

केस-2

इंस्पेक्टर चंचल सिंह दिल्ली पुलिस के नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक कंट्रोल रुम में तैनात थे। वह टाइप तीन पुलिस कॉलोनी सीमापुरी इलाके में रहते थे। आज दिन में करीब ग्यारह बजे वह घर की छत पर पानी की टंकी का ढक्कन ठीक कर रहे थे, तभी उनका पैर फिसल गया और वह चौथी मंजिल से नीचे आ गिरे। इस घटना के बाद गंभीर हालत में परिजन उन्हें नजदीकी अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।

केस-3

आउटर डिस्ट्रिक के सुलतानपुरी थाने में विक्रम एएसआई थे। एक मई से वह हाईवे पेट्रोलिंग ड्यूटी कर रहे थे। बुखार और खांसी की शिकायत होने पर उन्होंने 11 मई और 22 मई को अपना कोरोना टेस्ट करावाया, लेकिन दोनों ही बार उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। 25 मई को तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने एसजीएम अस्पताल में दिखाया, जहां डॉक्टर ने उन्हें एक सप्ताह के मेडिकल रेस्ट की हिदायत दी।

26 मई की सुबह उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई जिसके बाद वह अस्‍पताल गए। डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने तीसरी बार कोरोना का टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उनका इलाज दिल्ली कैंट स्थित आर्मी हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां रविवार दिन में उन्होंने काेरोना के आगे हार मान ली। वह इंदर एंक्लेव किराडी सुलमान एरिया में रहते थे।

इधर सफाई कर्मी की कोरोना से मौत, परिजनों का आरोप-5 दिन बाद भी सूचना नहीं दी

कोरोना से लड़ाई में एक और सफाईकर्मी जीवन की जंग हार गया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के बदरपुर वार्ड-95 एस में तैनात सफाई कर्मी सुभाष (52) की कोरोना से मौत हो गई है। अस्पताल में 26 मई को हुई सुभाष मौत के बावजूद भी परिजन को इसकी सूचना 5 दिन तक नही दी गईं। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल जाकर पूछताछ के बाद पता चला कि उनकी मौत हो गई है।
परिजनों का कहना है कि सुभाष को 14 मई को तबियत खराब होने पर लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोरोना संक्रमण के अलावा अन्य बीमारियां होने पर उन्हें 21 मई को लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। 31 मई को निगम बोध घाट में अंतिम संस्कार कराया गया है। दिल्ली सफाई एक्शन कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चुड़ियाना का आरोप है कि सुभाष की मौत 26 मई को हो गई थी, लेकिन अस्पताल और निगम प्रशासन ने परिजन को इसकी सूचना 31 मई तक नहीं दी। वहीं निगम प्रशासन ने सुभाष की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए हर संभव मदद की बात कही है।

प्रशासन का कहना है कि सुभाष को कई अन्य बीमारियां थी, जिसके चलते उन्हें लेडी हार्डिंग से एलएनजेपी अस्पताल के लिए रेफर किया था। निगम लगातार अपने सफाई सैनिक के परिजनों से संपर्क में था। बता दे कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में यह दूसरे सफाई कर्मी की मौत है इससे पहले जंगपुरा में तैनात 56 वर्षीय विनोद की मौत हुई थी। वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम रघुबीरपुरा वार्ड की सफाई कर्मी सुनीता और दया की को मौत हो गई थी। जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में रामरती, मीना, सुभाष, सतबीर की मौत हो चुकी है। जबकि प्रशासन अभी भी सिर्फ एक मौत की बात स्वीकार रहा है।



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Three Delhi Police personnel killed, 2 ASIs die due to corona infection


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ट्रेनों पर फिर भिड़े उद्धव-गोयल, यूं निकला रास्ता



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हॉकी स्टेडियम में वॉरियर्स के सम्मान में 500 से अधिक खिलाड़ी जुटे, प्लेसिस ने 35 हजार बच्चों को फूड पैकेट बांटे

कोरोनावायरस के कारण दुनिया भर के लोग परेशानी में है। खेल पर इसका बुरा असर पड़ा है। लेकिन इन सबके बीच हमें अच्छी खबर भी मिल रही है। भुवनेश्वर स्थित कलिंगा स्टेडियम में कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में 500 से अधिक खिलाड़ी जुटे। वहीं द. अफ्रीका के क्रिकेटर फाफ डू प्लेसिस अब तक 35000 बच्चों को फूड पैकेट बांट चुके हैँ। धीरे-धीरे दुनिया में खेल की वापसी भी शुरू हो गई है।

हाॅकी स्टेडियम में खिलाड़ियों और कलाकार सहित 500 से अधिक लोग शामिल हुए। इसमें हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप तिर्की, स्प्रिंटर दूती चंद सहित कई खिलाड़ी शामिल हुए। विभिन्न विभागों में काम करने वाले खिलाड़ी भी बतौर वॉलंटियर्स लड़ाई में मदद दे रहे हैं।

ब्रिटेन में घरेलू टूर्नामेंट 1 जून सेशुरू होंगे

ब्रिटेन की सरकार ने 1 जून से घरेलू टूर्नामेंट के आयोजन को मंजूरी दे दी है। हालांकि फैंस के आने पर पाबंदी अभी भी है। मार्च के मध्य से यहां खेल पूरी तरह से बैन है। हॉर्स रेसिंग और स्नूकर के मुकाबले सोमवार से शुरू हो रहे हैं। इंग्लिश प्रीमियर लीग के मुकाबले 17 जून से शुरू होंगे।

खिलाड़ियों को चार्टर्ड प्लेन की सुविधा
यूएस ओपन का आयोजन 24 अगस्त से होना है। आयोजक खिलाड़ियों को चार्टर्ड प्लेन से बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। ट्रैवल से पहले खिलाड़ियों को टेस्ट कराना अनिवार्य होगा



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ओडिशा के कलिंगा हॉकी स्टेडियम में कोरोना वॉरियर्स को सम्मान देने के लिए खिलाडियों के अलावा बड़ी संख्या में अलग-अलग विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे।


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खुशी वाले हार्मोन नहीं निकल रहे, खिलाड़ी चिड़चिड़े हो सकते हैं: मनोचिकित्सक

लॉकडाउन की वजह से खिलाड़ियों की परेशानी बढ़ी है। उन पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है। इससे सबसे ज्यादा खतरा उनके डिप्रेशन में जाने का है क्योंकि उन्हें लगता है कि अब शायद वे लक्ष्य हासिल नहीं कर सकेंगे। लेकिन मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक उनकी इस सोच को सही नहीं मानते।

एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर नंद कुमार ने बताया, ‘मनोवैज्ञानिक परेशानी के साथ लोग डॉक्टर के पास शुरुआत में जाने से कतराते हैं। लेकिन मौजूदा समय में खिलाड़ियों के आने की फ्रीक्वेंसी बढ़ी है।

दो रणजी क्रिकेटर मानसिक समस्या लेकर मेरे पास भी आए थे। मैं खिलाड़ियों को सिर्फ यह सलाह देना चाहता हूं कि घर पर ही शारीरिक परिश्रम करें और योग करें। इससे वे मोटिवेट होंगे।’

खिलाड़ियों को आत्मविश्वास बनाए रखना होगा

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की चीफ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. एकता पुरी का कहना है, ‘खिलाड़ी की पूरी जिंदगी एक्सरसाइज, फिटनेस और प्रैक्टिस पर चलती है। यह सब बंद हो गया तो उन्हें लगता है कि अब सब खत्म। ऐसे में उन्हें आत्मविश्वास को ठीक रखना होगा और उन्हें इस बात की सूची बनानी चाहिए कि इस वक्त क्या-क्या किया जा सकता है।’

लॉकडाउन के कारण खिलाड़ियों को खुशी नहीं मिल रही
डॉ. कुमार कहते हैं, ‘खिलाड़ी ज्यादा शारीरिक और मानसिक परिश्रम करते हैं। उनमें एंडोर्फिन और डोपामिन दो तरह के हॉर्मोन निकलते हैं। इससे उनको उस काम को करने में मजा आता है और प्रोत्साहन मिलता है।

लॉकडाउन की वजह से उन्हें वह खुशी नहीं मिल रही है। इसलिए उनके डिप्रेशन में जाने का खतरा है। उन्हें नींद कम आती है, चिड़चिड़ापन ज्यादा होता है।’



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मनोचिकित्सकों की खिलाड़ियों की सलाह- घर पर ही शारीरिक परिश्रम करें और योग करें। इससे वे मोटिवेट होंगे। -फाइल


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Truck Driver Arrested After Barreling Through Minneapolis Protest


By BY NICHOLAS BOGEL-BURROUGHS AND KIMIKO DE FREYTAS-TAMURA from NYT U.S. https://ift.tt/2AnE65I
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Christo’s Grand Projects


By Unknown Author from NYT Arts https://ift.tt/3gF8NUt
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Aggressive Police Tactics During Protests Are Under Scrutiny


By BY SHAILA DEWAN AND MIKE BAKER from NYT U.S. https://ift.tt/2MgdWED
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पायलट ट्रेनिंग के बाद भी नौकरी नहीं मिली तो कानपुर की सौम्या ने उधार की ड्रेस बेचकर खड़ा किया बिजनेस

2007 की आर्थिक मंदी में कानपुर की सौम्या गुप्ता के भी सपने टूटे थे। तब 19 साल की सौम्या ने 65 लाख रुपए खर्च कर अमेरिका में पायलट की ट्रेनिंग पूरी की थी। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी नौकरी नहीं मिली। इसलिए जिम रिसेप्शनिस्ट से लेकर कॉल सेंटर तक में काम किया। फिर उधार लेकर कपड़ों का अपना बिजनेस शुरू किया। आज उनकी कंपनी में 35 कर्मचारी काम करते हैं और उनके डिजाइन किए करीब दस हजार कपड़े रोज बिकते हैं।

सौम्या कहती हैं कि 2006 में मेरा करिअर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया। ट्रेनिंग के बाद नौकरी मिलना तय था। पर अचानक पूरी इंडस्ट्री अनिश्चितताओं के घेरे में आ गई। इसका कारण था अमेरिका का सब-प्राइम मोर्गेज डिफाल्ट, जिसके कारण लेहमन ब्रदर्स जैसे बड़े बैंक और अमेरिकन इंश्योरेंस ग्रुप दिवालिया हो गई थीं।

वे बताती हैं कि 2008 का पूरा साल मैंने नौकरी की तलाश में बिता दिया। आखिर मैंने 5000 रुपए महीने की नौकरी जिम में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर शुरू की। कुछ दिनों बाद ही एक कॉल सेंटर ज्वाइन कर लिया। रात में यहां काम करती और दिन में दूसरी नौकरी की तलाश।

इस बीच एक मेरी मुलाकात राबर्टो कवाली और गॉटियर जैसे ब्रांड के कपड़ों का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का काम करने वाली एक महिला से हुई। मैंने उनसे 20 ड्रेसें उधार लीं और घर में दोस्तों के लिए इन कपड़ों की सेल लगाई। एक घंटे में 100% मुनाफा कमाया।

ये 2009 की बात है। मैंने कॉल सेंटर की नौकरी छोड़ दी और कपड़ों के बिजनेस में आ गई। स्नैपडील, फ्लिपकार्ट और दूसरे छोटे-बड़े ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कपड़े बेचने की जद्दोजहद शुरू कर दी। आज मेरी कंपनी 10 ऑन 10 हर रोज 10 हजार ड्रेस बेचती है। कंपनी का काम अभी अमेरिका से चल रहा है और कनाडा और यूरोप में बिजनेस शुरू किया है।

अब मास्क का एक्सपोर्ट

सौम्या बताती हैं कि कोरोनावायरसके आने पर उन्हें लगा जैसे वो 2007 में पहुंच गई हों। फर्क सिर्फ इतना था कि आज कमाई नौ अंकों में होती है। ड्रेस की बिक्री घटी तो मास्क का एक्सपोर्ट शुरू किया है।



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सौम्या कहती हैं कि कोरोना के कारण ड्रेस की बिक्री घटी तो उन्होंने मास्क का एक्सपोर्ट शुरू कर दिया है।


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तीरंदाज सम्मान के लिए राज्य संघ, कोच और खेल विभाग के चक्कर लगा रहे; नाम की सिफारिश करने वाले आर्चरी फेडरेशन को मान्यता नहीं

देश के कई तीरंदाजअर्जुन पुरस्कारके लिए अपने नामों की सिफारिश के चक्कर मेंराज्य संघों, खेल विभाग के अफसरों के आगे-पीछे घूमने को मजबूर हैं। भारतीय तीरंदाजी संघ को चुनाव के 5 महीने बाद भी मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में वह राष्ट्रीयखेल पुरस्कारों के लिए तीरंदाजों के नामों की सिफारिश नहीं कर सकता।

तीरंदाजी के कंपाउंड राउंड से मध्यप्रदेश की मुस्कान किरार और दिल्ली के अमन सैनी अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं। इनके अलावा रिकर्व राउंड से पश्चिम बंगाल के अतनु दास और महाराष्ट्र के प्रवीण जाधव भी हैं।

एएफआई की 2012 में मान्यता रद्द हुई थी
आर्चरी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) का चुनाव कोर्ट के आदेश के बाद इस साल जनवरी में हुआ था। इससे पहले खेल मंत्रालय ने 2012 में स्पोर्ट्स कोड का पालन नहीं करने के कारण एएफआई की मान्यता रद्द कर दी थी। जबकि वर्ल्ड आर्चरी फेडरेशन (डब्ल्यूएएफ) ने 5 अगस्त 2019 को फेडरेशन पर प्रतिबंध लगाया था। तब से ही भारतीय खिलाड़ी सभी टूर्नामेंट में डब्ल्यूएएफ के झंडे तले हिस्सा ले रहे थे।

इसी साल जनवरी में हुए थे चुनाव
जनवरी में कोर्ट की ओर से दी गई गाइडलाइन के अनुसार खेल मंत्रालय, डब्ल्यूएएफ और एएफआई की निगरानी में चुनाव हुए थे। इसके बाद डब्ल्यूएएफ ने एएफआई पर से सशर्त प्रतिबंध हटा दिया था। लेकिन खेल मंत्रालय के पास कोर्ट की तरफ से चुनाव से जुड़े दस्तावेज नहीं पहुंचे। इसलिए खेल मंत्रालय ने अब तक फेडरेशन की मान्यता बहाल नहीं की है।

अतनु दास के नाम की सिफारिश कोच लालरेमसांगा ने की

टोक्यो के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं अतनु

इंटरनेशनल आर्चर अतनु दास ने अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन किया है। उन्होंने भास्कर को बताया कि मेरे नाम की सिफारिशपिछले साल मेजर ध्यानचंद अवॉर्ड से सम्मानित कोच सी. लालरेमसांगा कर रहे हैं। फेडरेशन को मान्यता नहीं मिली है। इसलिए उन्हें और दूसरे तीरंदाजों को व्यक्तिगत रूप से राज्य संघों और राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर चुके कोच और अपने मूल विभाग से नाम भिजवाना पड़ा रह है। जबकि आम तौर पर यह काम फेडरेशन का होता है। वही खिलाड़ीका नाम खेल मंत्रालय को भेजती है।

अतनु ने एशियन चैम्पियनशिप में 3 ब्रॉन्ज मेडल जीते
अतनु ने पिछले साल एशियन तीरंदाजी चैम्पियनशिप में 3 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। वहीं, 14 साल बाद वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर जीतने वाली टीम के सदस्य भी थे। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक के टीम इवेंट, सिंगल और मिक्स्ड डबल्स तीनों वर्ग में क्वालिफाई किया है।

अमन अपने नाम की सिफारिश के लिए साई के चक्कर लगा रहे।

कंपाउंड में देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुके अमन सैनी ने अब तक अर्जुन अवॉर्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं भेज पाए हैं। उन्होंने भास्कर को बताया कि आमतौर पर फेडरेशन सारी कागजी कार्रवाई पूरी करता है। लेकिन हमारे मामले में तीरंदाजी फेडरेशन को अब तक खेल मंत्रालय सेमान्यता नहीं मिली है। ऐसे में वो हमारे नाम की सिफारिश नहीं कर सकती है। इसलिए मैं खेल मंत्रालय कोऑनलाइन आवेदन भेजने के लिएस्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों से बात कर रहा हूं।

साई के पासमेरे पिछले तीन साल का रिकॉर्ड भी है। इस दौरान मेरा प्रदर्शन कैसा था। वह अच्छे से जानते हैं।इसलिए मैं अफसरों से अनुरोध कर रहा हूं कि वे पुरस्कार के लिए अप्लाई करने में मेरी मदद करें।

एशियन गेम्स में जीत चुके हैं मेडल
अमन ने 2018 एशियन गेम्स के टीम इवेंट में सिल्वर और 2019 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

मध्यप्रदेश स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने की मुस्कान की सिफारिश

अर्जुन अवॉर्ड के लिए मुस्कान किरार के नाम की सिफारिश मध्यप्रदेश स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट कर रहा है। वे 2016 से जबलपुर की आर्चरी अकादमी में ट्रेनिंग कर रही हैं।

वर्ल्ड चैंपियनशिप में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता
मुस्कान ने 2018 एशियन गेम्स के तीरंदाजी कंपाउंड टीम इवेंट में रजत पदक जीता था। उन्होंने इसी साल थाईलैंड एशिया कप में स्वर्ण और कांस्य पदक दिलाया था। मुस्कान ने टर्की में वर्ल्ड कप स्टेज-2 में भी रजत अपने नाम किया था। 2019 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के टीम इवेंट में भी ब्रॉन्ज जीता था।

प्रवीण ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर जीता

महाराष्ट्र के प्रवीण जाधव पिछले साल वर्ल्ड तीरंदाजी चैम्पियनशिप में 14 साल बाद सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम के हिस्सा थे। उनके साथ टीम में तरूणदीप राय और अतनु दास शामिल थे। इन्होंने भी सम्मान के लिए आवेदन दिया है।

अप्लाई करने की आखिरी तारीख 3 जून
अर्जुन अवॉर्ड के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 3 जून है। इस बार खिलाड़ियों को ऑनलाइन आवेदन भेजना है। यह सम्मान सभी खिलाड़ियों को उनके पिछले 4 साल के प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है।

इस मामले परआर्चरीफेडरेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी प्रमोद चांदुलकर ने बताया कि अभी फेडरेशन को खेल मंत्रालय से मान्यता नहीं मिली है। इसलिए हम अर्जुन अवॉर्ड के लिए किसी भी प्लेयर का नाम नहीं भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी में कोर्ट के आदेश पर चुनाव हुए थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट के आदेश से जुड़े दस्तावेजमंत्रालय में नहीं पहुंचे हैं। इस कारण मान्यता नहीं मिली है। प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही मान्यता मिल जाएगी।

-प्रमोद चांदुलकर,सेक्रेटरी,आर्चरीफेडरेशन ऑफ इंडिया



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Arjuna Award 2020 Update; Archer Muskan Kirar, Aman Saini Atanu Das Pravin Jadhav


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New top story on Hacker News: The Battle of Helm’s Deep, Part V: Ladders Are Chaos

The Battle of Helm’s Deep, Part V: Ladders Are Chaos
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Amid Riots and a Pandemic, Church Attendance Resumes in ‘a Very Broken World’


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Video Appears to Show a Tanker Truck Driving Into Minneapolis Protesters


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‘We’re Sick and Tired’: Voices From Minneapolis Protests


By BY KATIE G. NELSON, MIKE SHUM, SAMEEN AMIN, DMITRIY KHAVIN AND BARBARA MARCOLINI from NYT U.S. https://ift.tt/2TTYlis
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Symbol of N.Y.C. Unrest: A Burning Police Car


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Destructive Power of Despair


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What Trump and Toxic Cops Have in Common


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Fox News Breaking News Alert

Fox News Breaking News Alert

Semitrailer speeds into crowd of protesters on Minneapolis bridge; injuries unclear

05/31/20 4:29 PM

आज 'अनलॉक' हो रहा देश, कल ही मिले सबसे ज्यादा मरीज



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स्पाइसजेट जल्द शुरु करेगी ड्रोन से सामान की होम डिलीवरी

स्पाइजेट जल्द ड्रोन से आपके घर समान समान पंहुचाएगी। डीजीसीए ने स्पाइसजेट के मालवाहक विभाग ड्रोन के ट्रायल की इजाजत दी है। इसकी जानकारी स्पाइसजेट एयरलाइंस की ओर से जानकारी दी गई है। स्पाइसजेट ने कहा कि इस संबंध में डीजीसीए को एक प्रस्ताव दिया था।

इसी के आधार पर डीजीसीए ने मूल्यांकन और निगरानी समिति की सिफारिशों के आधार पर स्पाइस-एक्सप्रेस को परीक्षण की अनुमति दी है। कंपनी के मुताबिक सफल ट्रायल के बाद स्पाइसजेट ऐसी कंपनी होगी जो ड्रोन के जरिए बेहद कम खर्च में मेडिकल, फॉर्मा, ई कॉमर्स उत्पाद और आवश्यक वस्तुओं को बेहद कम समय तक ग्राहकों तक पहुंचा सकेगी।



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SpiceJet will soon start home delivery of goods by drone


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कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने के 3 दिन बाद बताया,सैंपल खराब हो गए:पीड़ित

(आनंद पवार)राजधानी में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। इसके साथ ही प्रशासन की खामियां भी सामने आने लगी है। आरके पुरम के मोहम्मदपुर गांव में एक परिवार के दो लोगों की कोरोना से मौत हो हुई। तीन लोग संक्रमित हो गए। इसके अलावा पड़ोस के दूसरे घरों में केस आने के बावजूद कंटेंनमेंट जोन घोषित नहीं किया गया। हद तो यह है कि पीड़ित परिवार के कोरोना सैंपल लिए गए, लेकिन तीन दिन बाद बताया गया कि आपके सैंपल खराब हो गए। अब दोबारा सैंपल लेने के लिए पीड़ित परिवार गुहार लगा रहा है।
लेकिन कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा है। मोहम्मदपुर गांव के सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उनके पड़ोस में एक महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस बीच उनके घर में भी लोगों को बुखार और खांसी के लक्षण दिखने लगे। उन्होंने अपने आप को घर में क्वारेंटाइन कर लिया। लेकिन उनके 63 वर्षीय पिता की तबीयत बिगड़ गई। सुरेन्द्र ने बताया कि पिता की 21 मई को सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके पांच दिन बाद उनके पड़ोस में रहने वाले चाचा की भी कोरोना से मौत हो गई। साथ ही इलाके में कई लोगों में संक्रमण के लक्षण दिख रहे है। इसके बाद भी उनके एरिया को ना तो कंटेंनमेंट जोन घोषित किया गया ना ही कोई सेनिटाइजेशन किया गया।

निजी लैब में 12 घंटे में रिपोर्ट, सरकारी में 3 से 4 दिन का इंतजार

सुरेन्द्र ने बताया कि 16 मई को पिता की तबीयत खराब होने पर आरएमएल अस्पताल में दिखाया, जहां उनके सैंपल लिया गया। वहां से दो दिन बाद रिपोर्ट आने की जानकारी दी गई। लेकिन 17 मई को अचानक तबीयत खराब होने पर निजी क्लीनिक में दिखाया, लेकिन डॉक्टर ने बिना कोरोना जांच रिपोर्ट के इलाज करने से मना कर दिया। उन्होंने 18 मई को निजी लैब में जांच कराई, जिसकी शाम को रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव आया। जिसके बाद उनको सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 21 मई को उनकी मौत हो गई। उनकी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया करने के बाद आरएमएल से उनको फोन पर बताया गया कि आपके पिता की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।

एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर कोरोना पॉजिटिव

लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर शनिवार को कोरोना संक्रमित मिले हैं। उसके साथ-साथ उनके 2 अन्य स्टाफ में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। बता दें कि कोरोना का इलाज कर रहे एलएनजेपी के पास 2000 बेड की क्षमता है। इसके मेडिकल डायरेक्टर ने गत 13 मई को ही पदभार संभाला था। लेकिन अब उनका और उनके 2 सहयोगियों का संक्रमित होना कहीं न कहीं सरकार के लिए बड़ी चिंता की बात है।

दिल्ली जलबोर्ड के कर्मचारी की कोरोना संक्रमण से मौत

कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के कर्मचारी की मौत हो गई है। पीड़ित की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिल्ली जल बोर्ड के मोती नगर स्थित कार्यालय में राजेंद्र सिंह चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत थे। 18 मई को उनकी तबीयत खराब हुई। इसके बाद परिवार ने निजी लैब में कोरोना की जांच कराई। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 23 मई एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां 26 मई उनकी मौत हो गई।

लैंब में सैंपल भी हो रहे खराब

पिता की मौत के बाद सुरेंद्र ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से कार्रवाई कर 24 तारीख को उनके घर के तीन लोगों के सैंपल लिए, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद 25 को 7 सदस्यों और 26 तारीख को 6 सदस्यों के सैंपल लिए गए। उनको बताया गया कि 25 मई को लिए सभी 7 सैंपल खराब हो गए है। दोबारा लेने होगा। वहीं, 26 मई को लिए सैंपल में एक रिपोर्ट पॉजिटिव, तीन नेगेटिव और दो पेंडिंग है।

  • “हम 13 दिनों से परेशान है। जबकि क्वारेंटाइन में ही 14 दिन रहना पड़ता है। सरकारी सिस्टम पूरी तरह ठप है। हमारे सैंपल लेने के बावजूद अब बताया जा रहा है कि खराब हो गए। ना अधिकारी सुन रहे ना जनप्रतिधि।सुरेंद्र कुमार, निवासी मोहम्मदरपुर।


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Corona told 3 days after taking sample for examination, samples deteriorated: Victim


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दिल्ली के किशाेराें ने सोशल डिस्टेंसिंग से किराना खरीदी का हल खाेजा, वाॅट्सएप चैट-बोट से बुकिंग और पेमेंट

(अमित कुमार निरंजन)कोरोनावायरस जैसी परिस्थिति में दिल्ली-एनसीआर के छह स्कूली किशाेराें ने मिसाल पेश की है। इन्हाेंने वाॅट्सएप चैट-बोट तकनीक से एक सिस्टम तैयार किया है। इससे किराना दुकान से सामान लेने के लिए कोई चाहकर भी सोशल डिस्टेंसिंग का नियम नहीं तोड़ सकता है। यह उन लोगों के लिए ज्यादा कारगर है, जो संक्रमण के डर से घर से निकलने में परहेज कर रहे हैं। खासकर बुजुर्ग इसके जरिये राेजमर्रा का सामान खरीद रहे हैं। इससे किराना वाले को भी पता चलता है कि उसका कौन सा सामान ज्यादा बिक रहा है।
इस तकनीक की शुरुआत दिलचस्प तरीके से हुई। लॉकडाउन लगते ही कुछ किशोर एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिले थे। जब पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया, ताे सबने भी इसी दिशा में कुछ करने की ठानी। कई लोगों से बात की। इस मंथन से निकल कर आया कि किराना दुकानाें पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सबसे जरूरी है, क्योंकि यहां सबकाे सामान लेने आना ही है। इसके बाद स्टार्टअप कंपनी व्हाईक्यू (WhyQ) की नींव रखी गई। कंपनी के सीईओ जय रेलान 14 साल के हैं और अब 10वीं कक्षा में पहुंचे हैं। उन्होंने बताया, ‘टीम के सदस्याें जसराज पुरी, सारा कोठारी, तेजस मेहता, अदिति अग्रवाल और पृथ्वी ओक ने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की मदद से वाॅट्सएप चैट-बोट तैयार किया।’
जय बताते हैं, ‘इसकी अलगोरिदम ऐसी है कि दुकानदार काे यदि लगता है कि कि सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पाएगी, ताे वह आपको दूसरा टाइम स्लॉट दे देगा। अभी दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके की आरडब्ल्यूए सोसायटी में 100 से ज्यादा ग्राहक और आधा दर्जन दुकानदार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। तकनीक की ऑपरेशनल कॉस्टकरीब पांच हजार रुपए महीना है। इसके लिए फंड अपनी पॉकेटमनी और डोनेशन से जुटा रहे हैं।’

दुकानदार के बताए टाइम स्लॉट पर सामान ले सकते हैं
जय बताते हैं, "यह तकनीक वाॅट्सएप के जरिये चलती है। ग्राहक सामान बुक करता है। दुकानदार दाम बता देता है। ग्राहक को पेमेंट के लिए लिंक मिलती है। इसके बाद सामान लाने के लिए टाइम स्लॉट मिल जाता है। आप तय समय पर दुकान से सामान ला सकते हैं।'



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Kishareen of Delhi has resolved to buy grocery from social distancing, booking and payment through WhatsApp chat-boat


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टिड्‌डी को देखकर रंग बदलती है टिड्‌डी, एक छोटा समूह भी 20 गुना तेजी से बढ़ा सकता है अपनी संख्या

देश के कई राज्य टिडि्डयों के हमले से जूझ रहे हैं। माना जा रहा है कि 25 साल बाद टिडि्डयों का ऐसा हमला हुआ है। दुनिया में यूं देखा जाए तो अफ्रीका, यमन, ओमान, दक्षिणी ईरान टिडि्डयों के प्रजनन के लिए सबसे मुफीद माने जाते हैं। भारत में ये पाकिस्तान के जरिए प्रवेश करती हैं। जहां बलूचिस्तान और खैबर पख्तून प्रमुख ब्रीडिंग क्षेत्र हैं।

कृषिवैज्ञानिकों के अनुसार- वर्तमान में पाकिस्तान टिड्डियों का नया प्रजनन स्थल बन गया है। इसलिए राजस्थान में टिड्डियों के बार-बार होने वाले हमले देखने को मिल रहे हैं। पाकिस्तान से भारत में प्रवेश करने वाले टिड्डियों के झुंड ने राजस्थान के आधे से अधिक जिलों को 11 अप्रैल तक कवर कर लिया था।

टिड्डियों के हमलों की तीसरी भीषण लहर से गुजर रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान टिड्डियों के हमलों की तीसरी भीषण लहर से गुजर रहा है। डॉन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सेना ने 5,000 कर्मियों को टिड्डी-रोधी ऑपरेशन में लगाया है इनमेंसे 1,500 कर्मचारी विभिन्न प्रांतों में तैनात किए गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा बीते एक दशक में किए गए अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में सबसे खतरनाक टिड्डी दल इस समय अफ्रीका के घास के मैदानों और खेतों को नष्ट कर रहा है। केन्या में पिछले 70 साल का यह सबसे बड़ा टिड्‌डी दल का हमला है। वहीं, इथोपिया और साेमालिया में 25 साल का सबसे बड़ा अटैक है।

टिड्‌डी से बचाव का कोई कारगर तरीका नहीं

टिड्डी के ये हमले इस पूरे क्षेत्र में खाद्य संकट पैदा कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, दक्षिणी अरब सागर में वर्ष 2018 में बने चक्रवाती तूफान मेकुनू और लुबान, ओमान और यमन से टकराए। इसके चलते हुई मूसलाधार बारिश की वजह से निर्जन रेगिस्तान बड़ी झील में बदल गए।

यहीं भारी मात्रा में इन टिडि्डयों ने प्रजनन कर संख्या करोड़ों में कर ली। अगर ये अनियंत्रित रूप से प्रजनन करें तो एक छोटा दल खुद की मूल संख्या का 20 गुना तक बढ़ा सकता है। और फिर बाद की पीढ़ियों में तेजी से मल्टीप्लाय होता है। यूं टिड्‌डी से बचाव का कोई कारगर तरीका नहीं है।

किसानों काे सुझाव दिया गया है कि वे रात के समय खेतों पर आवाज करें। बर्तन, सायरन बजाएं। रात में आराम नहीं कर पाने के कारण दिन में ये एक्टिव नहीं हाे पाती हैं। इसके अलावा क्लोरोपाइरीफोज और मेलाथियॉन का छिड़काव करने के लिए कहा गया है।

यूं बनते हैं टिडि्डयों के समूह,चरण दर चरण विकास

  • टिडि्डयां अपने जीवन में कई चरणों से होकर गुजरती हैं। अगर वातावरण अनुकूल है, तो वे समूह का रूप लेने लगती हैं। इस क्रम में उनकी शारीरिक क्षमताएं बदलती हैं। माहौल प्रतिकूल होने पर ये क्षमताएं रिवर्स भी हो जाती हैं।
  • रेगिस्तानी टिड्डी जब तक अकेली रहती हैं। तब तक वे कम नुकसान पहुंचाती हैं। लेकिन, भारी बारिश और चक्रवाती तूफानाें के बाद टिडि्डयाें के अनुकूल स्थितियां बनने लगती हैं। ऐसे में टिडि्डयां एक जगह जमा होने लगती हैं। जब ये समूह बनने लगता है तो टिडि्डयों का रंग बदलने लगता है। वयस्क होने पर उनका रंग पीला हो जाता है।
  • रेगिस्तान में जब हरियाली सूख जाती है। तब थोड़ी बहुत जो हरियाली होती है, वे उस तरफ आने लगती हैं। ऐसे में झुंड बनने लगता है। एक साथ होने पर इनमें बदलाव आने लगते हैं। इनके सेंट्रल नर्वस सिस्टम में सेरेटॉनिन रिलीज होता है,जिससे इनका व्यवहार बदलने लगता है। ये तेजी से विकसित होने लगती हैं।

ब्रीडिंग और फीडिंग
बारिश आते ही इन्हें नमी मिलती है, जोब्रीडिंग के लिए सबसे सही समय होता है। नईपीढ़ी समूह बनाती है। जैसे ही पंख बनते हैं। येसमूह भोजन की तलाश में उड़ते हुए झुंड बन जाते हैं।

आहार: छोटा समूह एक दिन में 35 हजार लोगों लायक खाना खा सकता है
टिडि्डयों का एक छोटा समूह भी एक दिन में 35 हजार लोगों के भोजन के बराबर खाना खा सकता है। एक टिड्‌डी अपने वजन के बराबर खाना खा सकती है। नेशनल जियोग्राफिक की स्टडी के अनुसार- रेगिस्तानी टिड्‌डी का समूह 460 वर्ग मील जितना हो सकता है। और आधे वर्ग मील में 4 से 8 करोड़ तक टिडि्डयां हो सकती हैं। 1875 में अमेरिका में 1,98000 वर्गमील क्षेत्र में टिडि्डयों का दल पाया गया था।

आकार: 3 इंच तक लंबी और दो ग्राम वजनी, एक पेपर क्लिप के बराबर
एक टिड्‌डी का आकार, 0.5 इंच से लेकर तीन इंच के बराबर हो सकता है। इसका जीवन कुछ महीनों का होता है। हालांकि, खतरा इसके समूह के आकार से है, रेगिस्तानी टिड्‌डी जो सबसे खतरनाक प्रजाति है, वह अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशिया में पाई जाती है। शांत अवस्था में भी यह तीस देशों में है। प्लेग (आफत) के समय यह 60 देशों तक फैल सकती है। पृथ्वी के लैंड सरफेस के पांचवें हिस्से के बराबर।

व्यवहार: हवा में लंबे समय रह सकती हैं, नॉन स्टॉप उड़ान भर सकती हैं
टिडि्डयां लंबे समय तक हवा में रह सकती हैं। 1954 में एक दल उत्तर पश्चिमी अफ्रीका से ब्रिटेन तक पहुंच गया था। 1988 में पश्चिमी अफ्रीका से ये कैरेबियन तक पहुंच गईं। यानी करीब पांच हजार किमी की यात्रा और वो भी सिर्फ दस दिन में। टिडि्डयों से जुड़े इतिहास में ये दोनों चौंकाने वाली घटनाएं मानी जाती हैं।

प्रकार: 10 प्रमुख प्रजातियां, इनमें सबसे खतरनाक है रेगिस्तानी टिड्‌डी
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के अधीन काम कर रहे लोकस्ट (टिड्डी) वार्निंग ऑर्गेनाइजेशन (एलडब्ल्यूओ) के शोध के मुताबिक दुनिया में टिड्डियों की 10 प्रजातियां सक्रिय हैं। सबसे खतरनाक रेगिस्तानी टिड्डी होती है।

भारत में इसके अलावा प्रवासी टिड्डियां, बॉम्बे टिड्डी और ट्री (वृक्ष) टिड्डी भी देखी गई हैं। रेगिस्तानी टिड्डे पारंपरिक रूप से पश्चिमी अफ्रीका और भारत के बीच के 1.6 करोड़ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में रहते हैं।

रफ्तार: 20 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार, एक दिन में 150 किमी तक सफर
टिड्डे कीड़ों की ही एक प्रजाति है जो बड़े झुंडों में यात्रा करते हैं। ये फसलों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। एक दिन में एक 150 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं। हालांकि इनकी यह गति हवा की दिशा और रफ्तार पर भी निर्भर करती है। टिड्‌डी दल फसलों को इस हद तक तबाह कर देता है कि इससे अकाल और भुखमरी की स्थिति पैदा हाे सकती है। दुनिया के कई देशों में इससे अकाल की स्थिति पूर्व में भी पैदा हो चुकी है।

90 हजार हेक्टेयर में नुकसान, सर्वाधिक प्रभावित राजस्थान
भारत में टिड्‌डी दल के हमले से सर्वाधिक प्रभावित राज्य राजस्थान है। यहां अब तक 90 हजार हेेक्टेयर बागवानी और सब्जीवाली फसल के प्रभावित होने का अनुमान है। इसके अलावा गुजरात के 52 में 16 जिले व उत्तर प्रदेश के 17 जिले इससे अब तक प्रभावित हुए हैं।

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई हिस्से इनके हमले झेल रहे हैं। टिड्‌डी नियंत्रण संगठन के अनुसार भारत में इतनी बड़ी संख्या में टिड्डी दल का हमला 1993 में हुआ था।



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The grasshopper changes color by looking at the grasshopper, even a small group can increase its number 20 times faster


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तिरुपति मंदिर श्रद्धालुओं के हर जत्थे के बाद सैनिटाइज होगा, शिर्डी में प्री-बुकिंग से दर्शन, वृंदावन में बाहरी प्रसाद-माला को मंजूरी नहीं

केंद्र सरकार ने मंदिरों को 8 जून से सशर्त खोलने की इजाजत दे दी है। ऐसे में देशभर के मंदिर ढाई महीने बाद श्रद्धालुओंके लिए फिर खुल जाएंगे। सभी मंदिरों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग रखना अनिवार्य होगा। इन स्थितियों में बड़े मंदिरों में अब पहले की तुलना में प्रतिदिन एक तिहाई श्रद्धालुओं को ही दर्शन का मौका मिल पाएगा।

श्रद्धालु मुख्य विग्रह के सामने तीन से पांच सेकंड तक ही रुक सकेंगे। दंडवत करने का मौका नहीं मिलेगा। जानिए किस मंदिर में कैसी व्यवस्था संभव है-

तिरुपति मंदिर

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्‌डी ने बताया कि वेंकटेश्वर मंदिर में थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क और साेशल डिस्टेंसिंग रखते हुए दर्शन कराएंगे। श्रद्धालु समूह में न आएं, इसके लिए परिसर पथ पर गोले बनाए गए हैं।

श्रद्धालुओं का हर जत्था निकलने के बाद मंदिर सैनिटाइज होगा। बार-बार सैनिटाइजेशन के चलते प्रवेश का समय भी कम होगा। श्रद्धालु सुबह पांच से रात नौ बजे तक ही दर्शन कर सकेंगे। हालांकि, पूजा का क्रम सुबह साढ़े तीन बजे शुरू होगा। अंतिम पूजा के बाद मंदिर रात साढ़े ग्यारह बजे बंद होंगे।
वैष्णोदेवी

श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश जांगिड़ ने बताया कि वैष्णाेदेवी यात्रा एकदम से न खोलकर सघन निगरानी में नियमित तरीके से खोली जाएगी। मंदिर तक पैदल मार्ग को बार-बार डिसइंफेक्ट करेंगे। यात्रियों के बैठने, ठहरने की जगहें भी बार-बार सैनिटाइज करेंगे। केंद्र व राज्य से मार्गदर्शन मिलने के बाद श्राइन बोर्ड तय करेगा कि हर दिन अधिकतम कितने लोग दर्शन करें। मंदिर खुलने के समय में परिवर्तन नहीं होगा।
वृंदावन

बांके बिहारी मंदिर प्रबंधक मुनीष शर्मा ने बताया, मंदिर में बाहरी प्रसाद-माला की मंजूरी नहीं होगी। दंडवत का मौका भी नहीं मिलेगा। 3-5 सेकंड में दर्शन कर निकास की ओर बढ़ना होगा। हर घंटे सैनिटाइजेशन पर दर्शनार्थियों को रोकेंगे। दर्शन का समय नहीं बढ़ेगा।

शिर्डी: रात 9 बजे के बाद दर्शन नहीं, श्रद्धालुओं को मास्क देंगे

ट्रस्ट के चेयरमैन सुरेश हवारे ने बताया, पहले हर घंटे 6 हजार लाेग दर्शन करते थे। इसे डेढ़ से दो हजार करेंगे। प्रयास करेंगे कि ऑनलाइन प्री-बुकिंग की सुविधा दें। मंदिर सुबह 4 से रात 11 बजे तक खुलता है, पर चार बार आरतियों और उनकी तैयारी के कारण रात नौ बजे के बाद फिलहाल दर्शन नहीं कर सकेंगे।

जगन्नाथ मंदिर: भगवान क्वारेंटाइन, मंदिर खुलेगा

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में 5 जून को स्नान पूर्णिमा की इजाजत मिल गई है। रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा को जल स्नान कराया जाता है। परंपरा है कि इस प्रक्रिया में भगवान ज्वर पीड़ित हो जाते हैं और 15 दिन क्वारेंटाइन होते हैं।

मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गजपति महाराज दिव्य सिंह देब ने कहा कि बिना श्रद्धालु केवल सेवकों की मौजूदगी में ही रथ श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर ले जाने की अनुमति मांगी गई है।



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शिर्डी: ट्रस्ट के चेयरमैन सुरेश हवारे ने बताया, पहले हर घंटे 6 हजार लाेग दर्शन करते थे। इसे डेढ़ से दो हजार करेंगे।


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हैफड व हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कोरपोरेशन के गोदामों को किया सील

नारनौल तथा महेंद्रगढ़ में सरसों खरीद घोटालों को लेकर शनिवार को पटौदी स्थित हैफड और हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कोरपोरेशन के गोदामों को सील कर दिया गया। पूरे हरियाणा में इस तरह की कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा हैं। गोदामों पर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया और आगामी कार्यवाही तक किसी भी प्रकार का माल निकालने और रखने तक के रोक लगा दी गई।

शनिवार को चंडीगढ़ से विशेष टीम को यहां रखी सरसों की बोरियों का निरीक्षण करने के लिए पहुंचना था लेकिन देर शाम तक टीम नहीं पहुंची। कयास लगाया जा रहा हैं कि इस दौरान टीम दूसरे गोदामों को चैक करने के लिए गई होगी।



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दूरवर्ती शिक्षा योजना की मॉनिटरिंग के लिए 11 अधिकारियों नियुक्त

दूरवर्ती शिक्षा योजना के तहत टीचर्स के साथ-साथ अधिकारियों को भी एक्टिव रहना पड़ेगा। शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश के 22 जिलों के लिए 11 अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो प्रत्येक दो जिलों की मॉनिटरिंग करेंगे। साथ में जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यों का भी आकलन करेंगे। गुड़गांव और फरीदाबाद की मॉनिटरिंग का काम एससीईआरटी के डिप्टी डायरेक्टर रविंदर करेंगे। वहीं भिवानी और मेवात की मॉनिटरिंग का काम सुजाता राणा, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ डिप्टी डायरेक्टर सुनील बजाज को जिम्मा सौंपा गया है।

विभाग द्वारा अधिकारियों को जिलावार जिम्मेदारियां दी गई है, जिसमें जिला और खंड स्तरीय अधिकारियों से समन्वय करके पर्यवेक्षण के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक छात्र दूरवर्ती शिक्षा का लाभ पहुंच रहा है। इसके लिए निदेशालय से अधिकारी जिलों की दैनिक रिपोर्ट का अवलोकन करेंगे।
विभिन्न स्कूल मुखिया से संपर्क करके जानकारी लेंगे और जिला स्तरीय अधिकारियों से जिले की प्रगति बनाए रखने पर चर्चा करेंगे। जिन स्कूल हेड, एबीआरसी, बीआरपी, डीएसएस, डीएमएस, एपीसी, डीईओ द्वारा दैनिक रिपोर्ट नहीं भरी जा रही हैं, उनके विरुद्ध कार्यवाही भी होगी।



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बारिश से धाराशाही होकर गिरा मकान, दबने से एक की हुई मौत

शुक्रवार की शाम को ओलावृष्टि, बारिश व तेज आंधी के चलते गोपालगढ़ थाना क्षेत्र के गांव जोतकादर में अहमद का 100 गज में बने एक रिहायशी मकान अचानक धराशाई होकर गिर गया। मकान के मलबे में दबने से तौफीक पुत्र अहमद की मौत हो गई और करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए सीकरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ग्राम पंचायत लाडमका के सरपंच हब्बू ने बताया कि घटना के दौरान मकान के अंदर करीब आधा दर्जन परिवारजन मौजूद थे। घटना में घायल, अहमद, फरजाना पुत्र अहमद, जुबेदा पत्नी अहमद, आहिल पुत्र अहमद को इलाज लिए सीकरी के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।



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नेहरु स्टेडियम के एक कर्मी संक्रमित, सात जून तक खेल परिसर बंद हुआ

नेहरु स्टेडियम के एक कर्मचारी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिसके बाद स्टेडियम को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। शुक्रवार शाम तक स्टेडियम में विभिन्न खेल ग्राउंड में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस हुई, जिसके बाद देर शाम को सभी प्रशिक्षकों को सूचित किया गया कि सात जून तक ग्राउंड में प्रैक्टिस नहीं करवाई जाएगी। ऐसे में शनिवार सुबह से प्रत्येक खेल की यहां पर रोक दी गई है।

स्टेडियम में कोर्फबॉल, जिम्नास्टिक, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, हैंडबॉल के खिलाड़ियों की प्रैक्टिस करवाई जाती है। जिसमें कई संख्या में खिलाड़ी पहुंचने लगे थे। लेकिन अब सात जून के बाद ही दोबारा फैसला लिया जाएगा कि यहां पर प्रैक्टिस कब से शुरू होगी। हरिनगर निवासी कोरोना संक्रमित कर्मचारी की ड्यूटी स्टेडियम के मैदान में थी।लगातार तीन दिन तक हल्का बुखार आने पर 22 मई को अपनी कोरोना जांच कराई। एहतियात बरतते हुए कर्मचारी ने बुखार आने के साथ ही खुद को क्वारेंटिन कर लिया था।



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प्रेमी से होटल में मिलने आई महिला के साथ होटल मालिक ने किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार

बिलासपुर में अपने प्रेमी से होटल में मिलने आई महिला से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। महिला का आरोप है कि होटल मालिक ने उसे अकेला पाकर वारदात को अंजाम दिया और इसके बाद मारपीट भी की। वारदात में होटल के दो कर्मचारी भी शामिल थे। महिला की शिकायत पर पुलिस ने होटल मालिक पर दुष्कर्म, मारपीट व दो अन्य के खिलाफ साजिश में शामिल होने का मामला दर्ज कर लिया। एसीपी शकुंतला यादव ने बताया कि मुख्य आरोपी के साथियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसकी तलाश की जा रही है।
अलवर निवासी 27 वर्षीय महिला 29 मई की रात को अपने प्रेमी के साथ मिलने के लिए बिलासपुर आई थी। यहां प्रेमी के दोस्त जितेंद्र के ओयो होटल पर गए। महिला का आरोप है कि जब उसका प्रेमी गाड़ी पार्किंग में लगाने गया तो होटल मालिक जितेंद्र ने उसे अकेला पाकर जबरन उसके कमरे में घुस गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला के विरोध जताने पर आरोपी ने उसके साथ मारपीट की। इस दौरान होटल के कर्मचारी रेवाड़ी निवासी राहुल व कृष्ण भी मौजूद थे। जब तक उसका प्रेमी आता आरोपी फरार हो गए। शुक्रवार शाम को महिला की शिकायत पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

किशोरी से दो युवकों ने की छेड़छाड़
सोहना कस्बे के रायपुर गांव में दुकान पर सामान लेने गई 17 वर्षीय किशोरी से दो लड़कों ने छेड़छाड़ की। किशोरी के विरोध करने पर आरोपी फरार हो गए। किशोरी के दादा की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर शनिवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान अल्ताफ व फरीद के रूप में हुई है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।



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कारपोरेशन बैंक का एटीएम तोड़ा, वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद

बल्लभगढ़ की मोहना रोड पर यादव डेयरी के पास स्थित कारपोरेशन बैंक का एटीएम बदमाशों ने ईंट मारकर तोड़ दिया। जब तक मकान मालिक का बेटा नीचे उतरकर आता आरोपी फरार हो गए। तोड़फोड़ की वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। सिटी थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। बैंक के ब्रांच मैनेजर मुकेश अरोड़ा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उनकी बैंक का एटीएम मोहना रोड पर स्थित है।

शुक्रवार रात करीब 12.30 बजे कुछ लोग एटीएम में घुसे और उस पर ईंट मारकर तोड़ने का प्रयास करने लगे। शोर सुनकर पहली मंजिल पर रहने वाले मकान मालिक का बेटा जब तक नीचे आकर देखता आरोपी फरार हो गए।



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कोरोना जांच के लिए लैब का पता, रेट ये सूचनाएं पोर्टल से मिल जाएंगी

कोरोना से बचाव और पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए किए गए प्रबंधों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान अरोड़ा ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक व्यक्ति को कहां जाकर टेस्ट करवाना है तथा प्राइवेट लैब कौन-कौन सी हैं और उनके क्या चार्जेज हैं। ये सब सूचनाएं पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होनी चाहिए। इसके अलावा जिस भी व्यक्ति की जांच में संक्रमण पाया जाता है उसे फोन या संदेश के माध्यम से तुरंत अलग-थलग रहने के निर्देश दिए जाएं। जिससे वह और लोगों में संक्रमण न फैला सके।

इसके अलावा जिन व्यक्तियों में बीमारी के लक्षण नहीं आते हैं उन्हें अपने घर में अगर जगह है तो वहां सामूहिक तौर पर अलग से बनाए गए स्थान पर अथवा वह किसी होटल आदि में रहना चाहता है तो उसकी सुविधा की जाए तथा इन सभी के रेट भी निर्धारित किए जाएं।ऐसे सभी व्यक्तियों की देखरेख लगातार की जाए और उसके लिए अधिकारियों की अलग से ड्यूटी लगाई जाए। प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी संक्रमित व्यक्तियों के इलाज की सुविधा देनी चाहिए और इस तरह के रोगियों के लिए आयुष्मान भारत के रेट के हिसाब से सरकार पैसा देगी।



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जिले में टिड्डी दल के संभावित खतरे को देखते हुए निषेधाज्ञा लागू

पलवल जिले में टिड्डी दल के संभावित खतरे से फसलों व मानव जीवन के बचाव के लिए डीसी नरेश नरवाल ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। उन्होंने धारा-144 के तहत आदेश जारी करते हुए उपकृषि निदेशक को पेस्टीसाइड के प्रबंध करने के साथ ही मैन-मैटीरियल-मशीन के मांग अनुरूप आपूर्ति करने के निर्देश दिए।

साथ ही जिले के प्रगतिशील किसानों के वाट्सएप ग्रुप बनाने, पेस्टीसाइड की गुणवत्ता की जांच के लिए नियमित सैंपलिंग करने सहित टिड्डी दल से बचाव के लिए अन्य आवश्यक कार्यों को करते हुए नियमित रूप से एक्शन टेकन रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।



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शराब का ठेका खोलने के विरोध में प्रदर्शन, महिलाओं ने सौंपा ज्ञापन

ग्रेटर फरीदाबाद के ताजूपुर गांव में शराब का ठेका खोलने के विरोध में शनिवार को महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इन्होंने कहा कि गांव की सीमा में शराब का ठेका खुलने से बच्चों और बड़ों पर गलत असर पड़ेगा। इसलिए ठेका को गांव की सीमा से बाहर खोला जाए। इस दौरान महिलाओं ने उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त एसपीएस चौहान को ज्ञापन सौंपकर ठेका बंद कराने की मांग की। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भी पत्र लिखा है। ताजूपुर निवासी डॉ. अरुणिमा सिन्हा ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा गांव में अवैध रूप से शराब का ठेका खोला जा रहा है। इसके लिए एक बड़ा कंटेनर गांव में रखा गया है।

महिलाओं ने जब ठेकेदार से इसे खोलने की अनुमति के बारे में पूछा तो उसने कहा कि गांव के सरपंच संजीव ने अनुमति दी है। सरपंच से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने उनसे कोई अनुमति नहीं ली। इससे महिलाओं का गुस्सा और भड़क गया। उन्होंने मौके पर जमकर हंगामा किया। प्रदर्शन के बावजूद जब कोई पुलिस अधिकारी व आबकारी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा तो वह सेक्टर-12 स्थित आबकारी कार्यालय पहुंच गईं। यहां उपआबकारी आयुक्त एसपीएस चौहान को ज्ञापन सौंपकर ठेका हटाने की मांग की। उन्होंने महिलाओं को बताया कि ठेका अवैध नहीं है।



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नौकरी जाने के डर से युवक ने नहर में कूदकर दी जान

केएन काटजू मार्ग इलाके में नौकरी जाने के डर से एक युवक ने जान दे दी। वह तनाव में आकर नहर में कूद गय। उसका शव नहर से बरामद हो गया है, जिसकी पहचान शुभम मित्तल (26) के रूप में हुई । शुभम के घरवालों का आरोप है कि घटना वाले दिन उसकी कंपनी के अधिकारियों ने कॉल कर दुबारा ज्वाइन नहीं करने के लिए कहा था। पुलिस शुभम का मोबाइल कब्जे में लेकर उसकी कॉल डिटेल चैक कर रही है। पुलिस ने बताया शुभम रोहिणी सेक्टर-16 इलाके में रहता था। पिछले तीन-चार साल से फरीदाबाद स्थित एक आईटी फर्म में शुभम नौकरी क रहा था।

लॉकडाउन से पहले उसकी मां की तबीयत बिगड़ी तो वह छुट्टी पर चला गया। बाद में उसकी दूसरी कंपनी में नौकरी लग गई। उसने पहली कंपनी से इस्तीफा देने की पेशकश की। लेकिन उसे कंपनी ने नहीं छोडा। इस वजह से शुभम ने दूसरी कंपनी से मिले नौकरी के ऑफर को ठुकरा दिया। लॉकडाउन खुलने पर उसे वापस अपनी नौकरी पर जाना था। लेकिन शुभम को कंपनी में दुबारा से ज्वाइन नहीं कराया गया। पुलिस को जांच के दौरान इसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।



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Trump Hopes for His Own Booster Shot from SpaceX Rocket Launch


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Photos From the Protests in 29 Cities Over Racism and Police Violence


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Draw a Self-Portrait


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