
By BY THE EDITORIAL BOARD from NYT Opinion https://ift.tt/39txG4t
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कोरोना वैक्सीन आने के बाद दिल्ली की आबादी के वैक्सिनेशन के लिए पर्याप्त साधन मौजूद हैं। दिल्ली सरकार तीन से चार सप्ताह के अंदर सभी लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए तैयार है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर ये बात कही।
उन्होंने कहा कि हमारे पास कई तरह के साधन हैं जैसे कि मोहल्ला क्लीनिक, पॉलीक्लिनिक, डिस्पेंसरीज और अस्पताल। वैक्सीन के स्टोरेज की भी कोई दिक्कत नहीं है। किसानों के आन्दोलन का समर्थन करते हुए मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों का यह शांतिपूर्वक आंदोलन है और इसे नहीं रोकना चाहिए।
मंत्री जैन ने कहा कि यह किसानों की जायज मांग है और यह उनके हक़ की लड़ाई है। केंद्र सरकार को उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए। अगर वह दिल्ली आना चाहते हैं, तो उनको दिल्ली आने देना चाहिए। मंत्री ने कहा कि किसान हमारे देश के अन्नदाता हैं, यही लोग हमारे लिए सब्जी उगाते हैं, अनाज पैदा करते हैं, उनको आने से नहीं रोका जाना चाहिए।
दिल्ली पुलिस 9 स्टेडियम को बनाना चाहती थी अस्थायी जेल
दिल्ली के 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने के दिल्ली पुलिस के आवेदन पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पुलिस का प्रपोजल 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने का था जिसको हमारी दिल्ली सरकार ने मना कर दिया। हमने कहा कि जब कोई शांतिपूर्वक अपनी बात रखना चाहता है तो उसे जेल में नहीं डालना चाहिए।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार किसानों का स्वागत कर रही है, जबकि केंद्र सरकार किसानों को रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जो भी सुविधा मुहैया करानी होगी, हम वो सब करेंगे| मंत्री ने कहा कि हम किसानों के लिए बिजली, पानी, खाने-पीने, उनके रहने एवं शौचालय की सुविधा में कोई कमी नहीं आने देंगे।
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी नहीं, सामान्य हैं हालात
दिल्ली में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि कल दिन में ऑक्सीजन की थोड़ी दिक्कत आई थी, लेकिन थोड़े देर में ही इस कमी को दूर कर लिया गया था और हालात सामान्य हो गए। उन्होंने कहा कि अभी दिल्ली में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
हेल्थ बुलेटिन में कोरोना के आंकड़ों का जिक्र करते हुए मंत्री ने बताया कि दिल्ली में कल कोरोना के कुल 5482 नए मामले सामने आये और पॉजिटिविटी दर 8.5 प्रतिशत थी। मंत्री ने बताया कि दिल्ली में 7 नवंबर को पॉजिटिविटी दर सबसे अधिक 15 से भी ज्यादा थी जो अब घट कर लगभग आधे से कम पर आ गया है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में खाली बेड की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और यह काफी संतोष की बात है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में अभी 50 प्रतिशत से ज्यादा बेड खाली है, जिसमें 1200 से ज्यादा आईसीयू बेड खाली हैं और कुल मिलाकर 9500 बेड अभी खाली है।
दिल्ली पुलिस ने पत्र लिखकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली सरकार के 9 स्टेडियम को जेल में बदलने की अनुमति मांगी थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने परमिशन देने से साफ इनकार कर दिया। आम आदमी पार्टी की सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्र और हरियाणा सरकार किसानों के संघर्षों को कुचलने की कोशिश कर रही है।
भाजपा की हरियाणा और केंद्र सरकार ने किसानों को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने की की कोशिश की, हालांकि इसमें वह कामयाब नहीं हो सके, लेकिन केजरीवाल सरकार ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उनके रहने, खाने-पीने आदि की हर सुविधा देने का वायदा कर दिया।
केजरीवाल सरकार की ओर से साफ इन्कार किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने किसानों के समक्ष अपने घुटने टेकते हुए किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत दे दी। केंद्र की भाजपा सरकार जो सुरक्षा बलों की ताकत का इस्तेमाल कर किसानों के आंदोलन को कुचलना चाहती थी, वहीं केजरीवाल सरकार ने असफल कर दिया।
केजरीवाल सरकार के समर्थन में आने के बाद किसानों के संघर्ष को भरपूर समर्थन मिला है। केजरीवाल की ओर से अन्नदाताओं की हर संभव मदद किए जाने के ऐलान के बाद दिल्ली के सभी विधायक किसानों के खाने-पीने और रहने के प्रबंध करने में जुट गए हैं। देर रात भी दिल्ली के कई मंत्री और विधायक किसानों के रहने, खाने-पीने के प्रबंध को देखने के लिए निजी तौर पर मौजूद रहे।
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को किसानों के लिए पीने वाले पानी मुहैया करवाने के आदेश जारी कर दिए हैं, जिस के बाद दिल्ली जल बोर्ड टैंकरों के द्वारा प्रदर्शन स्थल पर जा कर पानी का प्रबंध कर रही है।
दिल्ली सरकार पूरी तरह से किसानों के आंदोलन के साथ है और पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक भी बिना किसी सियासी हित के किसान जत्थेबंदियों के झंडे तले आंदोलन में डटे हुए हैं। आम आदमी पार्टी पंजाब के विधायकों ने मोदी की रिहायश के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने उनके साथ धक्कामुक्की करते हुए उन्हें थाने में बंद कर दिया।
समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यमंत्री और राजकीय निर्माण निगम के पूर्व डिप्टी चेयरमैन संदीप शुक्ला ने आप का दामन थाम लिया है। आम आदमी पार्टी मुख्यालय में सोमवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शुक्ला आप में शामिल हुए। आप सांसद संजय सिंह ने पार्टी की टोपी और पटका पहनाकर संदीप शुक्ला का अभिनंदन किया।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि इससे पहले भी कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संस्थानों से जुड़े लोग अरविंद केजरीवाल की सरकार द्वारा बिजली के क्षेत्र में, पानी के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए अद्भुत परिवर्तनों से प्रभावित होकर आप में शामिल हुए हैं।
संदीप शुक्ला ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने आप ज्वॉइनकी है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आज देश में यदि भाजपा का कोई विकल्प नजर आता है, तो वह केवल और केवल आम आदमी पार्टी ही है। आज यूपी में भाजपा की सरकार है और जिस प्रकार से भाजपा ने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिकता का माहौल बनाया हुआ है, मंदिर-मस्जिद के नाम पर आपस में लोगों को लड़ा रही है, वह बेहद ही चिंताजनक है।
पिछले एक साल में जिस प्रकार से आप सांसद माननीय संजय सिं के नेतृत्व में पार्टी उत्तर प्रदेश में संघर्ष कर रही है और जो माहौल, जो आंदोलन संजय सिंह ने प्रदेश में खड़ा किया है, उससे प्रभावित होकर मैंने आप का दामन थामा है।
केजरीवाल के नेतृत्व से संतुष्ट हैं शुक्ला
उत्तर प्रदेश की जनता का विकास कोई कर सकता है तो वह केवल और केवल आम आदमी पार्टी ही है। जिस प्रकार से दिल्ली में माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने दिल्ली की जनता के विकास में जो अद्भुत काम किए हैं, आज उत्तर प्रदेश की जनता को भी उन्हीं परिवर्तनों की जरूरत है। आज उत्तर प्रदेश की जनता भी प्रदेश में आप की सरकार बनने का इंतजार कर रही है।
उन्होंने कहा जिस प्रकार से आज उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार के संरक्षण में सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है, मंदिर मस्जिद के नाम पर लोगों को लड़ाया जा रहा है, सेक्युलरिज्म को खत्म करने की साजिश रची जा रही है, उसे रोकने के लिए उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी की सत्ता को उखाड़ना बेहद जरूरी है। यह काम केवल और केवल मेहनत और संघर्ष के द्वारा ही किया जा सकता है और आज देश में संघर्ष केवल आम आदमी पार्टी ही कर रही है। उत्तर प्रदेश में ना तो बहुजन समाज पार्टी और ना ही समाजवादी पार्टी भाजपा का विकल्प बन पाई। लोगों को केवल आम आदमी पार्टी से ही उम्मीद है।
आम आदमी पार्टी (आप) के उत्तर प्रदेश (यूपी) प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा कोरोना मरीजों की फर्जी जांच करने का दावा किया है। सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में कोरोना उपकरण खरीद घोटाला की तरह ही ‘भूत जांच घोटाला’ किया है।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 956 गुमनाम लोगों की कोरोना जांच कर दी गई, लेकिन इनका कोई रिकॉर्ड ही मौजूद नहीं है। इसी तरह, यूपी के 75 जिलों में कोरोना की जांच कागजों में करके किट तोड़ कर फेंक दी गई, न उस व्यक्ति का पता है, न उसके नाम का पता है और न उसके मोबाइल नंबर का पता है।
इससे पहले, योगी सरकार ने 800 रुपए का ऑक्सीमीटर 5 हजार में, 1600 रुपए का थर्मामीटर 13 हजार में, 1.5 लाख का एनलाइजर 3.30 लाख रुपए में खरीद कर घोटाला किया था। उत्तर प्रदेश में नो टेस्टिंग, नो करोना, नो महामारी और नो खतरा, इसीलिए लोग योगी आदित्यनाथ की सरकार में सब चंगा कहते हैं। कोरोना नियंत्रण में योगी सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है। आप सांसद संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी।
संजय सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार के बारे में मैं बार-बार कहता आया हूं कि उनकी सरकार में अपराधीकरण, गुंडाराज, जंगलराज चल रहा है और भ्रष्टाचार भी चरम सीमा पर है। एक मामला सामने आया है, जिस से पता चला है कि कोरोना की महामारी में फर्जीवाड़ा कैसे किया जा सकता है, यह आदित्यनाथ का मॉडल है।
बरेली से एक खबर प्रकाशित हुई है, जिसमें कोरोना की महामारी के दौरान भी फर्जीवाड़ा कैसे किया जा सकता है, यह देखने को मिला है। खबर में लिखा है कि न कोई व्यक्ति है, न उसका कोई नाम है, न उसका कोई अता-पता है और योगी आदित्यनाथ की सरकार उसकी कोरोना जांच कर देती है। आदित्यनाथ की सरकार भूतों की जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि अगर आपको भूतों की कोरोना जांच देखनी है, तो आप उत्तर प्रदेश जाइए। यूपी सरकार भूतों की कोरोना जांच कर रही है। हमने सिर्फ 956 लोगों की जांच का घोटाला सिर्फ एक जिले में पकड़ा है। पूरे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में जिस तरह इन्होंने कोरोना घोटाला किया, उसी तरीके से इन्होंने भूत जांच घोटाला किया है। यानी कोई इंसान मौजूद ही नहीं है और उसकी कोरोना जांच हो गई। उसकी रिपोर्ट भी आ गई और किट तोड़ कर फेंक दी गई।
जांच किए गए व्यक्ति के मोबाइल नंबर के सामने जीरो, जीरो, जीरो लिख दिया गया। यह आदित्यनाथ सरकार में काम हो रहा है। जो जीरो सरकार है, वह जीरो, जीरो, जीरो नंबर पर जांच कर रही है। वाह! आदित्यनाथ जी आप लोगों ने श्मशान में दलाली खाई, आपदा में अवसर तलाश लिया। 800 रुपये का ऑक्सीमीटर 5000 में खरीदा गया। मैंने 75 जिलों के घोटाले का खुलासा किया था। 1600 में मिलने वाला थर्मामीटर 13000 में खरीदा गया। पीपीई किट में घोटाला किया गया। जेम पोर्टल पर मौजूद डेढ़ लाख के एनालाइजर को 3,30000 में योगी सरकार ने खरीदा।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि जब हमने इस पर सवाल उठाया तो एक एसआईटी बना दी गई। एसआईटी आज उत्तर प्रदेश में सफेद हाथी बन गई है। एसआईपी आदित्यनाथ सरकार का सुरक्षा कवच बन गई है। कोई भी मामला हो उसमें एसआईटी बना दो, जिससे उस मामले में कुछ न निकल सके। मैं तो आदित्यनाथ जी से कह रहा हूं कि शिक्षा भर्ती घोटाले में एसआईटी बनाई कुछ नहीं निकला। कोरोना उपकरणों के घोटाले में आप ने एसआईटी बनाई उसमें भी कुछ नहीं निकला।
इंद्रकांत त्रिपाठी मामले में एसआईटी बनाई, कानपुर कांड में, हाथरस कांड में एसआईटी बनाई लेकिन जांच में कुछ नहीं निकला। अब इन सभी एसआईटी जांचों में क्या निकला, उसकी भी जांच करने के लिए एसआईटी का गठन कर दीजिए। सारी एसआईटी जांच का परिणाम निकालने के लिए एक एसआईटी बना दीजिए। न किसी को जेल हुई, न रिकवरी हुई, न किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई, न कोई एफआईआर हुई, लेकिन जो भूत जांच घोटाला आप लोगों ने किया है, उसकी जांच कौन करेगा?
सिंह ने कहा कि यह लोग कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में सब चंगा है। सब चंगा कैसे है, यह पता चल गया है। जब आप जांच करेंगे ही नहीं तो परिणाम तो यही होगा। नो टेस्टिंग, नो करोना, नो महामारी और नो खतरा। कोरोना नियंत्रण में आदित्यनाथ सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है।
योगी सरकार का मॉडल यह है कि ऑक्सीमीटर में, थर्मामीटर में और पीपीई किट में घोटाला करो। हर चीज में घोटाला करो और कोरोना के नाम पर भूत की जांच करके जीरो वाली आदित्यनाथ सरकार ने महा घोटाला किया है। कोरोना महामारी में यूपी के 70 जिलों में जांच कागजों में हो गई और किट तोड़ कर फेंक दी गई। जिस इंसान की जांच की गई, न तो उस नाम का कोई इंसान है, न उसका कुछ अता-पता है और न ही उसका मोबाइल नंबर है। यह आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश में कोरोना से लड़ने का मॉडल है।
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। गाजीपुर बार्डर पर किसानों ने बीती रात और सोमवार सुबह बैरिकेड तोड़ जबरन दिल्ली में घुसने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। आखिरकार, यहां पुलिस ने एहतियातन बड़े बड़े सीमेंट के क्रेन की मदद से रखवा दिए। पुलिस ने सभी बार्डर समेत नई दिल्ली क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी तरह से तैयार है।
किसान बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में जाने को राजी नहीं हैं। सिधू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर पर किसान ठंड के बीच अपनी आवाज उठाने के लिए डटे हुए हैं। यहां बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर मौजूद किसानों ने तो पुलिस पर बंधक बनाए जाने तक का आरोप लगा दिया। उनका कहना है पुलिस हमें यहां से बाहर निकलने नहीं दे रही। यदि पुलिस ऐसा करेगी तो वे भूख हड़ताल पर बैठ जाएगें।
बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के अलावा आरएएफ तैनात
दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि इधर किसी को बंधक नहीं बनाकर रखा गया है। वहां मौजूद लोगों से गुजारिश की जा रही है कि वे यहीं रहकर अपना प्रदर्शन जारी रखें। इस सबके बीच दिल्ली पुलिस ने राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया है।
लगभग पूरी दिल्ली को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है। सोमवार को गुरु पर्व होने की वजह से सभी प्रदर्शन स्थलों पर मौजूद किसानों ने कीर्तन कर अपने विरोध को प्रकट किया और सरकार से मांग उठाई कि वह इस काले कृषि कानून को वापस ले ले। गाजीपुर बार्डर पर सोमवार को पुलिस लगातार किसानों से कहती रही कि जबरन दिल्ली में आने की कोशिश न करें, यहां धारा 144 लगी हुई है। इस बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के अलावा आरएएफ के साथ अतिरिक्त सुरक्षा बलों की कंपनियों को लगाया गया है।
गुरुपर्व होने पर आंदोलनकारी किसानों ने सुबह किया कीर्तन
सिंधू बॉर्डर पर किसानों का सोमवार को चौथा दिन था। गुरुपर्व का दिन होने पर किसानों ने सुबह कीर्तन किया। अरदास लगाने के बाद प्रशाद बांटा। मौके पर तैनात अधिकतर पुलिस व पैरामिलिट्री फोर्स को प्रशाद बांटा। इस बीच दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने भी नेताओं से बातचीत की। जिन्होंने बॉर्डर पर शांतिपूर्वक आंदोलन को आगे चलाने के बारे में बताया। लेकिन सुबह दिल्ली व हरियाणा पुलिस और आंदोलन कारियों ने एक दूसरे को गुरुपर्व की शुभकामनाएं दी।
तिहाड़ जेल में एक कैदी पर किसी धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान शेर सिंह (23) के तौर पर हुई जो सीडी पार्क जहांगीरपुरी इलाके का रहने वाला था। सोमवार को इस वारदात की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए डीडीयू भेज दिया।
इस वारदात को अंजाम जेल में ही बंद तीन अन्य कैदियों ने दिया, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। डीसीपी वेस्ट के मुताबिक सोमवार सुबह साढ़े नौ बजे जेल नंबर तीन के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने इस घटना की बाबत सूचना दी थी। शेर सिंह जहांगीर पुरी थाने में दर्ज हत्या के एक केस में पिछले साल 11 जून से बंद था।
आज उस पर तीन कैदियों ने तिहाड़ जेल नंबर तीन में किसी धारदार हथियार से हमला कर दिया था। यह पता चलने पर जेल प्रशासन ने सेंट्रल जेल हॉस्पिटल में उसका इलाज कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस अब मामले की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर किस वजह से जेल के अंदर यह वारदात हुई। जेल में बंद कैदियों ने इस युवक पर हमला क्यों किया था।
नार्थ दिल्ली के कोतवाली इलाके में बेटे की चाहत में एक महिला ने दस हजार रुपए में बच्चा तो खरीद लिया, लेकिन वह ज्यादा दिनों तक उनके घर नहीं रह सका। किडनैपिंग के इस केस में पुलिस ने पहले बच्चे को अगवा करने वाले को दबोचा और फिर उस महिला को पकड़ा जिसने इस बच्चे का सौदा किया था।
इनके चुंगल से बच्चे को मुक्त कराने के बाद उसे परिवार के हवाले कर दिया गया है। डीसीपी एंटो अल्फोंस ने बताया 26 नवंबर को इस मामले को लेकर एक महिला ने शिकायत दर्ज करायी थी। पुलिस को बताया गया वह भीख मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करती है।
25 नवंबर की शाम प्रीत नाम के एक शख्स ने उसके साथ बातचीत कर मौका देख उसके दो साल के बेटे को अवा कर लिया था। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी की पहचान कर उसे हरिद्वार उत्तराखंड से पकड़ लिया। आरोपी का नाम शुभम कश्यप उर्फ प्रीत (25) है, जो चांदनी चौक इलाके में रहता है।
विशेष धर्म से ताल्लुक रखती है आरोपी महिला
आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया उसने बच्चे को किडनैप करने के बाद उसी दिन एक महिला को दस हजार रुपए में बेच दिया था। इस महिला के बारे में मिली जानकारी के बाद उसे भी पटेल नगर एरिया से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से बच्चा भी मिल गया। आरोपी महिला ने बताया वह एक शख्स के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहती है। उसे मां बनने की चाहत थी, लेकिन किसी वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा था।
प्रेम नगर इलाके में बीती देर रात बारात में रुपए लूटने को लेकर हुए विवाद में बदमाशों ने 2 युवकों को चाकू से वार कर गंभीर रुप से घायल कर दिया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
घायलों की पहचान गब्बर और माहूल के रुप में हुई है। डीसीपी पीके मिश्रा ने बताया कि मामले में हत्या के प्रयास के तहत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है। वारदात में शामिल 2 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया है।
मामले में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। जानकारी के मुताबिक सुलेमान नगर में एक परिवार में लड़की की शादी थी, जिसमें बैंड वाले बारात में शामिल थे। रविवार रात को बाराती बैंड बाजा वालों पर नोट उड़ा रहे थे।
लोगों ने बताया कि आसपास के युवक इन रुपयों को लूट रहे थे, जिस कारण बग्घी की सजावट बिगड़ रही थी। इस पर बग्घी चालक नितिन ने युवकों को टोका तो युवकों ने उसे थप्पड़ मार दिया। बैंड के साथ चल रहे गब्बर और माहूल ने बीच बचाव किया तो हमलावर चले गए।
कुछ देर बाद 6 से 7 लड़के आए और बैंड वालों पर हमला कर दिया। आरोपियों ने गब्बर एवं माहूल को चाकू मार घायल कर दिया। वहां मौजूद लोगों ने अविनाश, अंकित एवं एक नाबालिग को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
दिल्ली पुलिस में सिपाही पद पर पांच हजार भर्ती होने जा रही है। एसएससी द्वारा आयोजित की जा रही इस दिल्ली पुलिस की भर्ती में अभी तक कुल 28 लाख आवेदन आये हैं। इन सभी आवेदनकर्ता अब लिखित परीक्षा दे रहे हैं। एसएससी द्वारा इन सभी उम्मीदवारों से बीते 27 नवंबर से परीक्षा ली जा रही है और यह परीक्षा आगामी 16 दिसंबर तक चलेगी।
एसएससी द्वारा परीक्षा के जारी एडवाइजरी को दिल्ली पुलिस ने भी इन परीक्षार्थियों से एडवाइजरी साझा करते हुए कहा है कि उन्हें परीक्षा के दौरान उन्हें किस प्रकार की सावधानियां बरतनी है। इसमें बताया गया है कि परीक्षा केंद्र पर जाने से पहले उन्हें किन दस्तावेज को साथ रख लेना चाहिए। रिक्रूटमेंट डीसीपी श्वेता चौहान के अनुसार दिल्ली पुलिस में पांच हजार से ज्यादा सिपाही भर्ती किये जा रहे हैं। यह भर्ती स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एसएससी) द्वारा की जा रही हैं। इसके लिए बीते अगस्त माह में फॉर्म निकाले गए थे।
इस परीक्षा में हिस्सा लेने वाले परीक्षार्थियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे मोबाइल, लैपटॉप, ब्लूटूथ, केलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी आदि का इस्तेमाल परीक्षा केंद्र में न करें।
परीक्षार्थी को अपने साथ दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ लेकर जाना होगा। इसके साथ ही उनके पास आधार कार्ड, पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या कोई अन्य दस्तावेज होना चाहिए जिससे उनकी पहचान हो सके। इन डॉक्यूमेंट पर उनकी जन्म तिथि अंकित होनी चाहिए। परीक्षा का प्रवेश पत्र अपने साथ अवश्य रख लें।
परीक्षार्थी किसान आंदोलन को देखते हुए बरते सावधानी
डीसीपी श्वेता चौहान ने एनसीआर में रहने वाले दिल्ली पुलिस के सिपाही पद के परीक्षार्थी किसान आंदोलन को देखते हुए समय पर परीक्षा केन्द्र पर पहुंचने के लिए अपील किया है। बता दें कि कृषि बिल के विरोध को लेकर दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर सहित कई बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं। जिसकी वजह से वहां से गाड़ियां नहीं आ रही हैं, इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस की तरफ से अपील की गई है कि परीक्षार्थी समय से पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचे।
दिल्ली में कोरोना से हो रही मौत के आंकडे एक बार फिर बढ़ने लगे है, मौत का आंकड़ा फिर सैकड़ा पार कर गया। सोमवार को कोरोना के कारण 108 मरीजों ने दम तोड़ दिया। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सोमवार को आए 3726 नए मामलों के साथ दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 570374 हो गया है।
रविवार को दिल्ली में 50670 टेस्ट किए गए जिसमें 7.35 फीसदी मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए। दिल्ली में सोमवार को 5824 मरीजों को छुट्टी दी गई, जबकि 108 मरीजों ने दम तोड़ दिया। दिल्ली में अभी तक 528315 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 9174 मरीजों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया।
ठीक हुए मरीज दोबारा हो रहे संक्रमित, दो मामले आए
कोविड-19 से संक्रमित होकर ठीक हुए मरीजों को भी फिर से कोरोना हो रहा है। ऐसे ही 2 मामले गंगाराम अस्पताल में देखने को मिले हैं। यहां एक महिला स्टाफ और एक अन्य मरीज में कोरोना से ठीक होने के बाद फिर से कोरोना के लक्षण दिखे। जांच के बाद दोनों की रिपोर्ट आरटी-पीसीआर से कोरोना पॉजिटिव आई। इस संबंध में मैक्स अस्पताल के डॉ. विवेका कुमार का कहना है कि अभी तक माना जा रहा था कि फिर से कोरोना का संक्रमण नहीं हो सकता। लेकिन इन दोनों केस में फिर से कोरोना होने मामले सामने आए हैं।
अब दिल्ली में 800 रुपए में होगा आरटीपीसीआर टेस्ट
अब दिल्ली सरकार ने कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए टेस्टिंग बढ़ाने की मकसद से बड़ा निर्णय लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आदेश दिया है कि 2400 के जगह कोरोना जांच के लिए की जाने वाली आरटी पीसीआर टेस्ट 800 रुपए में किया जाए। अब दिल्ली के लोग किसी भी प्राइवेट लैब से 800 रुपए में कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं। दैनिक भास्कर ने 22 नवंबर को कोरोना टेस्ट की कीमतों को आधा करने के लिए जी-17 फेडरेशन के द्वारा लिखित पत्र के हवाले से खबर को प्रकाशित किया था।
किसानों के दिल्ली घेराव के पांचवें दिन सोमवार को किसान संगठनों ने दावा किया- ‘पंजाब-हरियाणा की पंचायतें फैसले कर रही हैं कि हर घर से एक व्यक्ति आंदोलन में जाएगा।’ दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 40 मिनट के भाषण में 26 मिनट सिर्फ किसानों पर बोले।
कहा- ‘किसानों को कुछ लोग बरगला रहे हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने वर्षों तक किसानों से एमएसपी के नाम पर छल किया। लेकिन, हमारा मन गंगाजल जैसा है।’ किसान नेता योगेंद्र यादव ने जवाब दिया। कहा- ‘हमें किसी ने बरगलाया नहीं है। न हम किसी राजनीतिक दल से प्रेरित हैं।’ इसी बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं को फोन कर वार्ता के लिए बुलाया। किसानों ने शर्त रखी। कहा- ‘पहले बुराड़ी में रोके किसानों को सिंघु बॉर्डर आने दें। क्योंकि, वे पुलिस के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
आज से हरियाणा की 130 खाप पंचायतें भी किसानों के आंदोलन में शामिल होंगी
130 खाप पंचायतों के प्रवक्ता जगबीर मलिक ने कहा, ‘खापों के सभी सदस्य पहले किसान हैं, फिर नेता। हमने आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया है।’ खापों की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मोदी खुद 2014 के हरियाणा चुनाव में इनका आशीर्वाद मांग चुके हैं।
अलीपुर थाने में किसान आंदोलन में सिंघू बॉर्डर पर हुए बवाल को लेकर दर्ज हुई एफआईआर
शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर हुए बवाल जिस तरह से किसानों ने दिल्ली में प्रवेश करने के जबरदस्ती की और उसमें पथराव आदि किया था, उसे देखते हुए अलग अलग धाराओं के तहत अलीपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, यह केस अज्ञात लोगों के खिलाफ बनाया गया है।
(भोला पांडेय) सेहतपुर गांव में पचास बेड का अस्पताल बनाने के लिए नगर निगम को जमीन स्वास्थ्य विभाग के नाम ट्रांसफर करनी पड़ेगी। इसके बाद ही अस्पताल का निर्माण हो सकेगा। निगम की जमीन स्वास्थ्य विभाग के नाम ट्रांसफर करने के लिए निगम प्रशासन ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
वहां से मंजूरी का इंतजार है। यहां 50 बेड का अस्पताल बनने के बाद दिल्ली बॉर्डर तक बसी फरीदाबाद की कॉलोनियों के करीब पांच लाख की आबादी को फायदा होगा। अभी उक्त जमीन पर एक आवासीय स्कीम लाने के लिए निगम सरकार से मंजूरी पहले ही ले चुकी है।
इसे बेचकर निगम करीब 300 करोड़ रुपए कमाना चाहता था। लेकिन निगम सदन में सर्वसम्मति से वहां अस्पताल बनाने का प्रस्ताव पास होने के बाद अब उक्त जमीन का सीएलयू होना तय है। निगम की इस जमीन पर अस्पताल बनाने के लिए तीन साल पहले सीएम ने घोषणा की थी। लेकिन निगम की लापरवाही के बाद अभी तक इस काम की शुरूआत नहीं हो पाई है। पार्षद गीता रक्षवाल और सोमलता भड़ाना लगातार सदन की बैठक में इस मुद्दे को उठाती आ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यह की थी घोषणा
26 अक्टूबर 2017 को सेहतपुर स्थित श्याम कॉलोनी में छठ पर्व के एक कार्यक्रम में सीएम मनोहर से स्थानीय लोगों ने केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के माध्यम से 4 मांगें रखी थीं। सेहतपुर क्षेत्र में बड़ा सरकारी अस्पताल न होने से लोगों को परेशानी होती है। इस पर सीएम ने यहां 50 बिस्तर का अस्पताल बनाने और गलियों को बेहतर बनाने के लिए 20 करोड़ का बजट, बिजली समस्या निवारण के लिए 66 केवी का नया बिजली सब स्टेशन बनाने की घोषणा की थी।
वर्ष 2012 में यहां हाउसिंग स्कीम पास हो चुकी थी
नगर निगम की जिस 36 एकड़ जमीन पर अस्पताल बनाने की घोषणा सीएम ने की है वहां 9 अगस्त 2012 में 5 ग्रुप हाउसिंग स्कीम साइट, एक कम्युनिटी सेंटर साइट, शॉपिंग सेंटर साइट और 314 रिहायशी प्लाट पहले से ही पास हो चुकी थी। निगम प्रशासन की लापरवाही का आलम देखिए जब उक्त जमीन का पहले से ही प्लान तैयार था तो अफसरों ने सीएम को इससे अवगत भी नहीं कराया।
अस्पताल बनने से इन कॉलोनियों को होगा फायदा
यहां सरकारी अस्पताल बनने से सूर्यनगर फेज वन, टू, सेक्टर 91, दुर्गा बिल्डर ईडन वर्ग सिटी, श्याम कॉलोनी, सरस्वती कॉलोनी, सूर्या कॉलोनी, नंबरदार कॉलोनी, सूर्य विहार, सूरदास कॉलोनी, शिव कॉलोनी, ओम एंक्लेव, विनय नगर, रोशन नगर, दीपावली कॉलोनी, पंचशील एंक्लेव, विष्णु एंक्लेव, निखिल विहार, वेदराम कॉलोनी, चौहान कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी, तंगवाल कॉलोनी, दुर्गा एंक्लेव, मोती कॉलोनी, सोना कॉलोनी, शिव एन्क्लेव के लोगों को फायदा होगा। इसके अलावा सेहतपुर, पल्ला, तिलपत, अगवानपुर, इस्माइलपुर और बसंतपुर गांव वालों को भी फायदा होगा। पार्षद के मुताबिक उक्त कॉलोनियों और पंचायतों की आबादी पांच लाख से अधिक है।
^सदन में सर्वसम्मति से 50 बेड का अस्पताल बनाने का प्रस्ताव पास होने के बाद निगम की जमीन स्वास्थ्य विभाग के नाम ट्रांसफर करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।-डॉ. यश गर्ग, निगम कमिश्नर, फरीदाबाद
नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत शहर के बाजारों, होटलों, अस्पतालों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, स्कूलों और कार्यालयों में स्वच्छता रैंकिंग प्रतियोगिता करा रहा है। निगमायुक्त डा. यश गर्ग के अनुसार प्रत्येक श्रेणी के विजेता को निगम की ओर से एक वर्ष के लिए स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा भारत सरकार की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए जारी किए गए निर्देशों के तहत जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छ होटल, स्वच्छ मार्केट, स्वच्छ विद्यालय, स्वच्छ आरडब्ल्यूए, स्वच्छ ऑफिस, स्वच्छ अस्पताल आदि 6 श्रेणियों की स्वच्छता रैंकिंग तय की जा रही है।
ऐसा करने के लिए सभी श्रेणियों में श्रेणी वाइज स्वच्छता रैंकिंग तय करने के लिए गूगल फार्म बनाए गए हैं। जिनमें होटल मालिक, मार्केट एसोसिएशन के प्रधान, विद्यालय के प्राचार्य या प्रबंधक, आरडब्लयूए के अध्यक्ष, आफिस व अस्पताल आदि स्वच्छता रैंकिंग से संबंधित जानकारी भर सकते हैं। जानकारी एकत्र होने के बाद नगर निगम की टीम की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर फील्ड निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद स्वच्छता रैंकिंग के विजेता की घोषणा 10 दिसंबर तक की जाएगी।
डा. गर्ग के अनुसार स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत नगर निगम की ओर से कराई जा रही जिंगल प्रतियोगिता, मूवी प्रतियोगिता, पोस्टर या ड्राइंग प्रतियोगिता, भित्ति चित्र, स्थानीय लोककला प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में किसी भी उम्र के लोग भाग ले सकते हैं।
उन्होंने लोगों से उक्त प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अपील की है। जिससे फरीदाबाद को स्वच्छता रैंकिंग में सम्मानजनक स्थान मिल सके। उक्त प्रतियोगिताओं और गूगल फार्म आदि के बारे में जानकारी के लिए फोन नंबर 7000704263 पर संपर्क कर सकते हैं।
नेशनल हाईवे सहित अन्य मार्गों पर हुई सड़क दुर्घटनाओं में युवती सहित चार की मौत हो गई, जबकि तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने सभी मामले दर्ज कर लिए हैं।
दुर्घटना एक : पैंगलतु गांव निवासी नंदन ने शिकायत में कहा है कि उनका 24 वर्षीय बेटा कृष्ण गुड़गांव में नौकरी करता था। 29 नवंबर को वह साथी बलराम व सोनू के साथ बाइक से ड्यूटी जा रहा था। एनएच पर बामनीखेड़ा गांव के निकट उनकी बाइक को कार ने टक्कर मार दिया। इससे बाइक सवार तीनों घायल हो गए। इन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने कृष्ण को मृत घोषित कर दिया।
दुर्घटना दो : मथुरा जिले के भदनवारा गांव निवासी देवकरण व राजीव नगर पलवल निवासी रमेशचंद सुजवाड़ी गांव से बाइक पर पलवल आ रहे थे। रास्ते में कार ने बाइक को टक्कर मार दी। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिला अस्पताल में घायल रमेशचंद को मृत घोषित कर दिया गया।
दुर्घटना तीन: विजयगढ़ गांव निवासी टेकचंद ने पुलिस को बताया कि उनके पिता रूपचंद को होडल-नूंह मार्ग स्थित मंदिर के निकट अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दिया। इससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने टेकचंद की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
दुर्घटना चार: नेशनल हाईवे पर डबचिक पर्यटक स्थल के निकट बाइक सवार ने 16 वर्षीय अंजली उर्फ नीतू को टक्कर मार दी। इससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने भाई अनिल की शिकायत पर अज्ञात बाइक सवार के खिलाफ केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
प्रदूषण का स्तर फिर से खराब श्रेणी में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी सूची के अनुसार सोमवार को फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 298 दर्ज किया गया, जो रविवार की तुलना में 62 अंक अधिक है। तेज हवा चलने से कुछ दिनों से शहर की हवा काफी साफ हो गई थी और प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी में पहुंच गया था।
तीन दिन तक हवा साफ बनी रही व वायु गुणवत्ता सूचकांक भी 200 से नीचे था। हवा चलने से हवा में मौजूद प्रदूषित के कण उड़ गए थे, मगर अब वह फिर से हवा में इकठ्टा होना शुरू हो गए हैं। इससे प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने लगा है। रविवार को फरीदाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 236 दर्ज किया गया था, मगर सोमवार को यह 298 तक पहुंच गया। शहर के सेक्टर-16ए क्षेत्र की हवा सबसे अधिक खराब रही। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 318 दर्ज किया गया।
ठगों ने आदर्श नगर बल्लभगढ़ निवासी रामभज से 96 हजार रुपए हड़प लिए। ठगों ने उन्हें सस्ती कार बेचने का झांसा दिया था। ठग ने सेना का फर्जी पहचान पत्र भी रामभज को भेजा। वर्दी पहनकर वीडियो काल भी की। जिस खाते में रुपये मंगाए वह भी इंडियन आर्मी ट्रांसपोर्ट सर्विस के नाम पर है।
इससे रामभज को विश्वास हो गया। रामभज के अनुसार ऑनलाइन शापिंग साइट पर कार का विज्ञापन देखा। कार की कंडीशन अच्छी थी और दाम भी ठीक थे। इसलिए उन्होंने बेचने वाले के नंबर पर संपर्क किया। उसने अपना नाम संदीप सहारन बताया। उसने कहा कि वह भारतीय सेना में अधिकारी है।
किसान आंदोलन के पांचवें दिन भी गुड़गांव-दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस की चेकिंग के कारण करीब दो घंटे तक चार किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। हालांकि सुबह 9.30 बजे दिल्ली पुलिस ने नाके लगाए, जिससे पीक ओवर्स में करीब दो घंटे तक लोगों को बॉर्डर पर परेशानी झेलनी पड़ी।
ऐसे में दिल्ली सीमा से साइबर हब तक वाहनों की लाइनें लग गई। करीब 12 बजे तक ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहने से कई लोगों को दिल्ली जाने में परेशानी हुई। हालांकि बॉर्डर पर पुलिस के नाके के क्रॉस होने के बाद दिल्ली में ट्रैफिक पूरी तरह समूद रहा। पंजाब व हरियाणा के किसान कृषि बिलों के विरोध में पिछले पांच दिन से सड़कों पर हैं।
दिल्ली में घुसे किसान दिल्ली सील करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में परेशानी ना बढ़े इसलिए गुड़गांव सीमा पर भी पुलिस एहतियात के तौर पर वाहनों की चेकिंग कर रही है। यही वजह रही कि सोमवार सुबह जैसे ही दिल्ली पुलिस ने 9.30 बजे से नाके लगाकर वाहनों की चेकिंग शुरू की तो सुबह 10 बजे ही वाहनों की लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई।
सुबह करीब 11.30 तक वाहनों की कतारें गुड़गांव के साइबर हब तक पहुंच गई।
यह समस्या केवल दिल्ली जाने वाली साइड रही, जबकि दूसरी साइब ट्रैफिक पूरी तरह सामान्य रूप से चलता रहा। मंगलवार को मेवात के कुछ किसान नेता आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। हालांकि किसान नेता अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। दो दिन पहले अलग-अलग स्थानों पर हुई किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद से गुप्त तरीके से ही रणनीति बना रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मेवात व गुड़गांव के कुछ किसान दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में मंगलवार को परेशानी बढ़ने के आसार हैं।
गुड़गांव पुलिस ने नहीं की है नाकेबंदी
गुड़गांव में किसान आंदोलन का असर दिखाई नहीं दे रहा है। यही वजह है कि गुड़गांव पुलिस ने नाकेबंदी तक नहीं की हुई है। जबकि गुड़गांव से दिल्ली में घुसने के लिए पांच रास्ते हैं। जिनमें एक डूंडाहेड़ा बॉर्डर, सिरहोल बॉर्डर, नाथुपुर बॉर्डर, ग्वालपहाड़ी बॉर्डर व मांगर से भी दिल्ली में एन्ट्री की जा सकती है। लेकिन सोमवार को कहीं भी कोई नाकेबंदी नहीं देखी गई। लेकिन दिल्ली पुलिस ने केवल सिरहोल बॉर्डर पर ही नाकेबंदी की हुई थी।
निकिता हत्याकांड मामले में एसआईटी टीम ने सोहना के कबीर नगर में ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान टीम को कोई कामयाबी नहीं मिली। टीम ने बीएसपी नेता जावेद अहमद निकिता हत्याकांड आरोपी के पिता जाकिर वह उसकी मां असमीना को 41ए के तहत नोटिस दिए हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में निकिता के किडनैप के मामले को राजनीतिक दबाव से रफा-दफा कर दिया गया था। उसी को लेकर निकिता के पिता ने अदालत से परमिशन लेकर इस मामले को दोबारा री ओपन किया है। इसी केस के मद्देनजर एसआईटी ने बीएसपी नेता जावेद अहमद, आरोपी के पिता जाकिर, उसकी माता को शामिल अनुसंधान धारा (41ए) के तहत तफ्तीश का नोटिस दिया था। लेकिन दोनों बार नोटिस मिलने के बाद भी कोई भी इस मामले में पेश नहीं हुआ।
जिसको लेकर सोमवार की सुबह एसआईटी की टीम ने सोहना के कबीर नगर में छापेमारी की, लेकिन वहां पर टीम को कोई सफलता हासिल नहीं हुई। एसआईटी टीम के एसआई श्यामवीर ने बताया कि सोमवार को छापेमारी के बाद तीसरी बार नोटिस दिए हैं।
गौरतलब है कि आरोपित वर्ष 2018 में भी लड़की को अपने साथ ले गया था, जिस पर मामला थाना सिटी बल्लभगढ़ में दर्ज किया गया था। गिरफ्तार आरोपित तौशीफ की उम्र 21 वर्ष है, आरोपित फिजियोथैरेपिस्ट का कोर्स कर रहा था जोकि थर्ड ईयर में है। दूसरा आरोपित रेहान निवासी रेवासन मेवात का रहने वाला है। मामले की अब दोबारा जांच की जा रही है।
बड़े नेताओं पर पड़ सकती है गाज
साल 2018 मामले को री ओपन होने के बाद मेवात के बड़े नेताओं पर गाज पड़ने की संभावना बढ़ गई है, वही इसको लेकर आरोपी के रिश्तेदार व माता-पिता मौके से फरार हैं।
रविवार रात को दिल्ली-जयपुर हाइवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार इंजीनियर की मौत हो गई। मृतक की पहचान सेक्टर-9 में किराए पर रहकर एक प्राइवेट कंपनी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में काम करने वाले उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के गांव कांडा मल्ला निवासी 35 वर्षीय प्रशांत के रूप में की गई।सेक्टर-37 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर प्रशांत कंपनी के काम से रविवार रात मानेसर गए हुए थे। वहां से लौटते समय गांव नरसिंहपुर के सामने तेज रफ्तार वाहन ने बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि वह बाइक से उछलकर सीधे नाले में गिर गया। इस इस हादसे में प्रशांत की मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों के गुड़गांव आने पर सोमवार को पोस्टमार्टम कराया गया। परिजनों ने बताया कि प्रशांत के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनमें से एक बच्चा एक साल से कम का है।
मोहम्मदपुर-फर्रुखनगर सीमा क्षेत्र के बीच करीब तीस फुट खाली जमीन को लेकर किसानों और कम्पनी के बीच विवाद खड़ा हो गया है। सोमवार को ओएमजी कम्पनी के कर्मचारियों व किसानों के बीच उस वक्ता विवाद पैदा हो गया जब कम्पनी के कर्मचारी खड़ी फसल के बीच सिमेंट के पोल गाड़ने पहुंच गए।
किसानों ने विरोध स्वरुप गाड़े गए पोल को उखाड़ दिए। मामले का बिगड़ता देख कम्पनी के कर्मचारियों ने पुलिस कंट्रोल रुम में फोन करके पुलिस बुलाई। पुलिस के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ। किसान रगबीर सिंह, राकेश, राजबीर सिंह सैनी, ओम प्रकाश, पार्षद अशोक कोहली, शिवदयाल, सोनू, अमित आदि ने बताया कि एक दशक पहले ओएमजी कम्पनी ने फर्रुखनगर-मौहम्मदपुर गांव की करीब 300 एकड़ भूमि अलग-अलग किसानों से खरीदी थी।
कम्पनी ने उक्त भूमि पर पैमाइस के बाद पोल खड़े करके कब्जा लेना शुरु कर दिया। लेकिन फर्रुखनगर शहर की सीमा के अंर्तगत आने वाले खेतों की पैमाइस ठीक नहीं होने के कारण किसान नाखुश हैं।
कम्पनी के कर्मचारी, अधिकारी और पटवारी, गिरदावर द्वारा जो पैमाइस कराई गई है, वह सीमा पत्थर अथवा बूर्जी से न करवा कर गांव मौहम्मदपुर की सीमा रेखा से 30 फीट चौड़ी है और करीब 10 एकड़ भूमि की लम्बाई को छोड़ कर कराई गई है। कम्पनी की पैमाइस को अगर ठीक मान कर कम्पनी जमीन पर कब्जा लेती है तो तहसील, बीडीपीओ कार्यालय जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग का टयूबैल, किसानों के मकान, तहसील के साथ लगती वत्स कालोनी, नगरपालिका की जमीन भी प्रभावित होगी।
जिला में कोरोना संक्रमण के नए केस में मामूली कमी आई है। जबकि नवंबर महीने में 19685 पॉजिटिव केस मिले हैं, वहीं जून के बाद सबसे अधिक मौत नवंबर महीने में हुई हैं। जून महीने में जहां 88 लोगों ने दम तोड़ा था, वहीं नवंबर महीने के दौरान 80 लोगों की मौत हो गई।
वहीं कुल मौत का आंकड़ा भी बढ़कर 293 तक पहुंच गया। इसके अलावा टेस्टिंग व सैंपलिंग में भी जिला में नया रिकॉर्ड कायम किया है। नवंबर महीने में 1.62 लोगों की सैंपलिंग व टेस्टिंग की गई। जिनमें से 19685 पॉजिटिव केस मिले। वहीं नवंबर में औसतन सैंपलिंग 5410 रही, जो अन्य महीनों के मुकाबले करीब दोगुना तक पहुंच गया है।
गुड़गांव में सोमवार को मिले 494 केस में से निगम के जोन-1 में 52, जोन-2 में 63, जोन-3 में 136 व जोन-4 में 166 नए केस मिले। जबकि पटौदी ब्लॉक में 58, फर्रुखनगर में 14 व सोहना में पांच केस मिले। जबकि सोमवार को 5565 लोगों की सैंपलिंग व टेस्टिंग की गई, जबकि 6861 लोगों के सेम्पल की रिपोर्ट पेंडिंग रह गई हैं।