अगले 3 महीने पूरे उत्तर में ठंड के रिकॉर्ड टूटेंगे, तापमान लगातार सामान्य से नीचे ही रहेगा

अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका असर मध्य भारत तक रहेगा। यहां जबरदस्त शीतलहर चलेगी। मौसम विभाग ने रविवार को सर्दी के तापमान का पूर्वानुमान जारी किया।

उत्तर भारत में इन तीन महीनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। हालांकि, अधिकतम तापमान सामान्य से कुछ बढ़े रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों में राजस्थान में सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, ओडिशा व पूर्वोत्तर के राज्यों में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से डेढ़ डिग्री तक अधिक रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य व पूर्वी भूमध्य प्रशांत महासागर में समुद्र सतह का तापमान सामान्य से कम है।

मार्च तक ऐसी स्थिति ही बनी रहेगी

प्रशांत महासागर में मध्यम दर्जे के ला-नीना की स्थितियां बनी हुई हैं। इसके कारण कम से कम सर्दी के मौसम के आखिर तक यानी मध्य मार्च तक ऐसे ही बने रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानी डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि न्यूनतम तापमान में कमी के चलते सुबह के समय पहाड़ी राज्यों से लेकर उत्तर के सभी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व राजस्थान में जबरदस्त शीत लहर चलेगी, जबकि अधिकतम तापमान के अपेक्षाकृत बढ़ने के असर से ठंडे दिनों की संख्या कम हो सकती है।

इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ के आने से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होना है। पहाड़ की ओर से आने वाली हवाएं व उत्तर व उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में आसमान के साफ रहने से रात में तापमान गिरेगा और दिन में धूप खिलने से तापमान बढ़ेगा।

पहाड़ों में 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा, हर बार बर्फबारी होगी

मौसम विभाग के मुताबिक कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड में अगले तीन महीने के दौरान 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा। दिसंबर में तीन से चार, जनवरी में पांच से छह और फरवरी में चार से पांच विक्षोभ आएगा।

हर विक्षोभ के समय बार बर्फबारी का दौर देखने को मिलेगा। राजस्थान में न्यूनतम तापमान में 1.17 डिग्री की कमी रहने की संभावना है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, मप्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा में सामान्य से कम तापमान दर्ज होने की संभावना 50% से भी ज्यादा है।



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मौसम विभाग ने अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी।


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दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथों को किया डिजिटल; ऑनलाइन पढ़ने के साथ उच्चारण भी सुन सकते हैं

धार्मिक पुस्तकों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गीता प्रेस में काम कर चुके मेघ सिंह चौहान पिछले दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथ और किताबें डिजिटल कर चुके हैं। जोधपुर के मूल निवासी मेघ सिंह चौहान 25 साल तक गीता प्रेस गोरखपुर में असिस्टेंट मैनेजर रहे। कुछ साल पहले उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को ई-बुक में तब्दील करने की ठानी।

2017 में नौकरी छोड़ शुरू किया काम

संस्थान में नौकरी करते हुए यह संभव नहीं हुआ तो इसके लिए उन्होंने 2017 में गीता प्रेस की नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद भी उन्हें कई जगहों से लाखों रुपए महीने के पैकेज का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। उद्देश्य एक ही था कि युवाओं के हाथ में मोबाइल है तो इस मोबाइल में युवा पीढ़ी को संस्कार लाने वाली कुछ चीजें को भी उपलब्ध करवाना चाहिए। जोधपुर लौटकर 2018 से उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम शुरू किया।

इसके लिए गीता सेवा ट्रस्ट एप बनाने के अलावा वेबसाइट, इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप पर लाने के लिए काम शुरू किया। इसके लिए लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और मात्र दो साल में धर्म ग्रंथों की 335 पुस्तकों को हिंदी-अंग्रेजी की ई-बुक में बदल दिया।

आज साढ़े 3 लाख लोग डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े हैं। अब कन्नड़, तमिल, बांग्ला सहित सहित क्षेत्रीय भाषाओं में धार्मिक पुस्तकों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम हो रहा है। 2021 में तक अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में गीता प्रेस की पुस्तकें उपलब्ध होंगी, वो भी निशुल्क।

स्कैन की जगह हर शब्द को दोबारा टाइप किया गया
मेघ सिंह कहते हैं कि इन्हें पढ़ने के लिए पुस्तकों को धार्मिक ढंग से सहेजना भी होता है। हजारों पेजों की पुस्तकों को आसानी से पढ़ा जा सके, इसके लिए स्कैन करने की जगह हर शब्द को टाइप किया गया। 50 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया। लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और गीता प्रेस की अधिकांश पुस्तकें आज एक एप पर मुफ्त में ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अन्य भाषाओं के लिए अब भी लोग घर से काम कर रहे हैं।

सबसे बड़ी खासियत, हर पुस्तक को पढ़ने के साथ हर शब्द का शुद्ध उच्चारण साथ-साथ सुनने को मिलता है। यानी अगर आप रामायण पढ़ रहे हैं तो एप पर साथ-साथ उच्चारण भी ऑडियो में चलता रहेगा। गीता ट्रस्ट गोरखपुर के ट्रस्टी ईश्वर प्रसाद पटवारी कहते हैं कि गीता प्रेस और गीता सेवा ट्रस्ट दोनों अलग ईकाई हैं। लेकिन दोनों में कोई आपत्ति या विवाद नहीं है।

चूंकि गीता प्रेस डिजिटल प्लेटफार्म पर नहीं आ सकता था तो गीता सेवा ट्रस्ट ये काम कर रहा है। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर आए और लाभ लिया। मेघ सिंह बताते हैं कि गीता प्रेस में तकनीकी काम देखते हुए हमने रिसर्च किया कि देश में सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है। हर युवा के हाथ में मोबाइल है लेकिन हमारी धार्मिक किताबों का डिजिटल वर्जन नहीं है।

मैंने ट्रस्ट से बात की। उन्हें समझाया कि अब हमें समय के साथ गीता प्रेस को डिजिटल करना चाहिए। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करना चाहिए। ट्रस्ट ने मुझे सलाह दी कि तुम चाहो तो व्यक्तिगत तौर पर डिजिटल प्लेटफार्म तैयार कर सकते हो। लेकिन ट्रस्ट की सलाह मानकर काम करना संभव नहीं था, क्योंकि नौकरी के दौरान इतना समय निकालना और डिजिटल प्लेटफार्म के लिए मददगार ढूंढना संभव नहीं था। मैंने फैसला लिया की नौकरी छोड़कर ये काम करुंगा। ट्रस्ट ने कहा कि हमारी तरफ से पूरा सहयोग रहा, ये अलग बात है कि ई-बुक तैयार करने में ट्रस्ट मेरी मदद नहीं कर सकता था।



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335 धार्मिक ग्रंथों को डिजिटल करने वाले मेघ सिंह।


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दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को 10 घंटे के लिए भेजा जा रहा जेल? जानें वायरल वीडियो का सच

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस और प्रशासन का अमला एक शख्स को गिरफ्तार कर जबरदस्ती वाहन में बैठाता दिख रहा है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स को मास्क न पहनने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे मैसेज में दावा है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को 10 घंटे जेल में रखा जा रहा है। जल्द ही मुंबई और हैदराबाद में भी यही नियम लागू होने वाला है।

और सच क्या है ?

  • वायरल वीडियो के की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें News18 के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला। कैप्शन से पता चलता है कि वीडियो दिल्ली नहीं, बल्कि उज्जैन का है।

  • साफ है कि मध्यप्रदेश के वीडियो को दिल्ली का बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ वायरल हो रहे मैसेज में ये भी दावा किया गया है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर 10 घंटे जेल में रखे जाने का प्रावधान है। पड़ताल के अगले फेज में हमने इसी दावे की पड़ताल की।
  • दैनिक भास्कर की उज्जैन, गुना, शिवपुरी जिले की कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मध्यप्रदेश में मास्क न पहनने वालों को 10 घंटे तक खुली जेल में रखा जा रहा है। इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर 10 घंटे की जेल का प्रावधान है।
  • पड़ताल के दौरान हमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 19 नवंबर का सोशल मीडिया पोस्ट मिला। इससे पता चलता है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है। पोस्ट में 10 घंटे की जेल का कहीं जिक्र नहीं है।
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  • साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा फेक है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को जेल भेजा जा रहा है।


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10 Hours Jail for not Wearing Mask in Delhi


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New top story on Hacker News: It’s time to remove news from Facebook and Google

It’s time to remove news from Facebook and Google
40 by anaxana | 19 comments on Hacker News.


For Trump, Past Is Prologue


By BY CHARLES M. BLOW from NYT Opinion https://ift.tt/39yrdVM
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Ransomware Attack Closes Baltimore County Public Schools


By BY AZI PAYBARAH from NYT U.S. https://ift.tt/3q6qBgd
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Coronavirus


By Unknown Author from NYT World https://ift.tt/2HSR3bS
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Biden names all-female communications team with Jen Psaki as press secretary.


By BY ANNIE KARNI from NYT U.S. https://ift.tt/3qcrTGs
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Biden team wants to tackle child care, elder care, preschool in one overarching plan.


By BY PAULA SPAN from NYT U.S. https://ift.tt/3mpUdCU
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पार्क में मोबाइल टॉवर लगाए जाने के विरोध में उतरे काॅलोनियों के लोग

सेक्टर-43 स्थित एचएसवीपी के पार्क में मोबाइल टावर लगाए जाने के विरोध में आसपास की कालोनियों को लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और इसके लगाए जाने पर सवाल उठाए।

लोगों का कहना है कि नगर निगम अधिकारियों से टावर नहीं लगाने का बार-बार आग्रह किया जा रहा है। उसके बावजूद निगम अधिकारी टावर लगाने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं। आसपास की कालोनियों में मोबाइल टावर लगने से लोगों के स्वास्थ्य को बेहद खतरा बढ़ जाएगा।



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जेबीटी टीचर्स को वापस पुराने जिले में ज्वाइन करने के आदेशों की अध्यापक संघ ने की निंदा

निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा द्वारा अंतर जिला स्थानांत्रित हुए 2544 जेबीटी अध्यापकों को वापस पुराने जिले में ज्वाइन करने के आदेश की हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सम्बद्ध सर्व कर्मचारी संघ ने निंदा की है। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव व जिला सचिव जसविंदर ने कहा कि इन 2544 प्राथमिक शिक्षकों का स्थानांतरण बहुत पहले हो चुका है। बार-बार इनको ज्वाइन करवा कर वापस भेज कर शिक्षा विभाग द्वारा अंतर जिला ट्रांसफर को एक तमाशा बना दिया है।



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कोरोना टेस्टिंग में फेल हुई है दिल्ली सरकार: लांबा

कांग्रेस ने कोरोना संक्रमण, कोरोना के उपचार, बचाव सहित परीक्षण मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को पूरी तरह से फेल होने का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार को निशाने पर लेते हुए पूर्व विधायक अल्का लांबा ने प्रेस वार्ता में कहा कि कोविड-19 मामलों के वास्तविक आंकड़ों को कम दिखाने छल कपट का सहारा ले रही है।

उन्होंने कहा कि प्रति मिलियन की संख्या पर 10,000 टेस्ट प्रतिदिन की जरूरत है, जबकि नवम्बर महीने में प्रतिदिन 2700 टेस्ट किए जा रहे है और पिछले 2 महीने से की जाने वाली टेस्टिंग संख्या एक समान ही है, वर्तमान कोविड आपातकाल में 83 प्रतिशत टेस्टिंग कम की जा रही है।

अल्का लांबा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरु से ही आरटी-पीसीआर टेस्टों की मांग करती आ रही है, जबकि 1 से 24 नवम्बर के बीच कुल टेस्टों में 67 प्रतिशत टेस्ट रेपिड एंटीजन टेस्ट किए गए और इसी दौरान 4.11 लाख आरटी-पीसीआर टेस्ट में 28.6 प्रतिशत पॉजिटिव संक्रमित पाए गए।

लांबा ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी सितम्बर माह में दिल्ली सरकार की नाकामियों को उजागर करते हुए कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्टों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। लांबा ने गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अरविन्द दोनों ने टेस्टिंग बढाने पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों की घोषणाओं के बावजूद भी जरूरत के हिसाब से टेस्ट नहीं किए जा रहे है और एक सप्ताह के बाद तक भी 10 प्रतिशत टेस्टों की संख्या नही बढ़ी।



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कोविड टेस्ट लेकर पत्रकार वार्ता करती पूर्व विधायक अलका लांबा


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बीआईएस मानक वाले हेलमेट अनिवार्य करवाने के लिए 392 दिनों तक पीएमओ में शिकायत दर्ज करवाई : उल्हास

सड़क हादसों में सबसे अधिक दुपहिया वाहन चालकों की हो रही मौत को लेकर केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने वाहन सवार के लिए हेलमेट (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2020 को मंजूरी देते हुए बीआईएस मानक वाले हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है।

इसके लिए दिल्ली के रहने वाले सामाजिक फिल्म निर्देशक, निर्माता उल्लास पीआर की 2014 से नॉन बीआईएस हेलमेट की बिक्री को बंद करने के लिए अभियान छेड़ते हुए प्रधानमंत्री, केन्द्रीय परिवहन मंत्री से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं।

दुपहिया चालकों की मौत ड्राइविंग के दौरान हुई दुर्घटनाओं में बिना हेलमेट या नॉन आईएसआई हेलमेट पहनने के कारण हुई। इसके बाद 2010 में दो पहिया वाहनों के लिए बीआईएस मानक वाले हेलमेट अनिवार्य करवाने के लिए उल्लास ने लगातार 392 दिनों तक पीएमओ में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें 2017 में 100 दिन और 2020 में 292 शिकायत दर्ज करवाई।

इसके बाद अलग-अगल 29 राज्यों में जाकर दोपहिया सवारों की हो रही मौत अन्य मामलों की जानकारी के लिए 40 आरटीआई लगाई, फिर सर्वोच्च न्यायालय से जानकारी प्राप्त करने की अर्जी लगाई थी।

उनका यह मिशन यहीं नहीं रुका। उन्होंने टीवी और होर्डिंग पर चल रहे बिना हेलमेट वाले विज्ञापनों को भी बंद करवाया। 2019 अगस्त में बीआईएस हेलमेट अनिवार्य करने के लिए बन रहा कानून 6 माह के लिए टला। इस साल मार्च में 6 माह की अवधि दी गई। इसके लिए आम जनता से सुझाव मांगे गए।

महिलाओं के लिए हैलमेट करवाया अनिवार्य

इस अभियान की शुरुआत 2010 से हुई थी। जब दिल्ली में महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य नहीं था। उन्होंने इसके लिए भी काफी लंबी लड़ाई लड़ी, तब जाकर 2014 में दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य किया।

वहीं रोचक है कि नॉन बीआईएस हेलमेट पहनना गैरकानूनी है मगर बनाना और बेचना गैर कानूनी नहीं है। इसके बाद इन्होंने एक और मुहिम छेड़ी कि नॉन बीआईएस हेलमेट बनाना और बेचना गैर कानूनी किया जाए।



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Complaint filed in PMO for 392 days to make BIS standard helmet mandatory: Ulhas


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