छग में नक्सल प्रभावित इलाके में बास्केटबाॅल खेलने वाली लड़कियाें में टैलेंट था पर संसाधन नहीं, मान्या ने बढ़ाया हाथ

आनंद पवार | नई दिल्ली .बास्केटबाॅल की एनबीए प्रतियोगिता इस साल मुंबई में आयोजित जा रही है। इसके बीच राजधानी की 17 वर्षीय बास्केटबॉल खिलाड़ी मान्या अग्रवाल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके के गरीब परिवारों की प्रतिभावान बेटियों का करियर बनाने में मदद कर रही हैं। वह पिछले तीन साल से छत्तीसगढ़ की ट्राइबल यूथ स्पोर्ट्स सोसायटी के साथ जुड़ी हुई हैं।

मान्या, प्रतिभावान लड़कियों को तलाशकर उन्हें मुफ्त किट उपलब्ध कराती हैं। इस तरह अभी तक वह 120 लड़कियों को प्रशिक्षण दिलाने में मदद कर चुकी हैं। इनमें से कई लड़कियों ने नेशनल टीम में भी जगह बनाई है। मान्या स्कूल की छुट्टियों में छत्तीसगढ़ के बस्तर, कोंडा गांव, राजनांदगांव, अंबिकापुर सहित कई गांवों में घूमती हैं। वहां टैलेंटेड लड़कियों के माता-पिता को मनाती हैं कि वे उन्हें खेलने के लिए भेंजें।

9 साल की उम्र से खेल रही बास्केटबॉल मान्या अग्रवाल, पंडोरा रोड इलाके में परिवार के साथ रहती हैं। वह दिल्ली पब्लिक स्कूल में 12वीं कक्षा में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी मान्या के पिता मनीष अग्रवाल दिल्ली पुलिस में वरिष्ठ अधिकारी और मां मनीषा बंसल डॉक्टर हैं। मान्या ने बताया कि वह 9 साल की उम्र से बास्केटबॉल खेल रही हैं। देश की ओर से बास्केटबॉल खेलने पेरिस भी जा चुकी हैं।

मान्या वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ट्रेनिंग के लिए गई थीं। उन्होंने बताया, वहीं की लड़कियों में काफी टैलेंट है। वह बेहतर प्रदर्शन भी करती हैं लेकिन संसाधनों का अभाव आड़े आ जाता है। तभी मैंने उनके लिए कुछ करने के लिए ठाना।

स्कूल में प्रजेंटेशन दिया, वेबसाइट बनाई :मान्या ने लड़कियों की आर्थिक मदद हासिल करने के पहले अपने स्कूल में प्रजेंटेशन दिया। अपने परिचितों को मनाया और फिर पड़ोसियों से भी मदद मांगी। इसमें उनके दोस्तों ने भी उनकी मदद की। इसके बाद मान्या ने एक वेबसाइट बनाई। उन्हें जो भी आर्थिक मदद मिलती है, वह सीधे राजनांदगांव में ट्राइबल यूथ स्पोटर्स सोसायटी का संचालन करने वाले साई के कोच राजेश्वर राव व उनकी पत्नी राधा राव के पास पहुंचाई जाती है।

राजेश्वर लड़कियों को खेलना तो सिखाते ही हैं, पढ़ाई के लिए स्कूल में प्रवेश भी दिलाते हैं। मान्या की लगन को देखते हुए गेंद बनाने वाली कंपनी कॉस्को ने हाथ बढ़ाया और 40 से ज्यादा लड़कियों को मदद उपलब्ध कराई। इंटरनेशनल खिलाड़ी एवं कोच, राधा राव ने बताया कि मान्या की वजह से कई गरीब बच्चियां नेशनल खेल रही हैं।



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Many girls playing basketball in the Naxalite affected area in Chhatt had talent but no resources, Manya extended her ha


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