जम्मू-कश्मीर और लद्दाख कल से केंद्र शासित प्रदेश होंगे, उर्दू की बजाय हिंदी में काम होगा; आधार समेत 106 नए कानून लागू होंगे

नई दिल्ली (मुकेश कौशिक).जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर गुरुवार से दो नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि यहां की आधिकारिक भाषा उर्दू की जगह हिंदी हो जाएगी। जम्मू-कश्मीर देश का एकमात्र राज्य था, जहां आधिकारिक भाषा उर्दू थी। अब यहां आधार समेत 106 नए कानून पहली बार लागू होंगे। विशेष राज्य का दर्जा होने से यहां 153 कानून विशेष रूप से लागू किए गए थे, जो खत्म हो जाएंगे।

जेएंडके पुनर्गठन अधिनियम के सेक्शन 47 के मुताबिक नई विधानसभा का गठन होने के बाद नई सरकार किसी एक या इससे अधिक भाषाओं को प्रशासन के कामकाज की भाषा चुन सकेगी। ऐसी स्थिति में भी हिंदी के आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने का विकल्प बना रहेगा। विधानसभा में भी यही व्यवस्था लागू होगी। विधानसभा का कामकाज निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा तय की गई भाषा या हिंदी या अंग्रेजी में होगा। वीरवार से मुस्लिम बहुल इस केंद्र शासित प्रदेश में मुस्लिमों को अल्पसंख्यक के रूप में दर्जा और अधिकार भी मिलेंगे। राज्य में दो नए रेडियो स्टेशन भी लॉन्च किए जाएंगे।

लद्दाख चंडीगढ़ और जेएंडके पुडुचेरी की तर्ज पर काम करेगा

लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश चंंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर पुड्‌डुचेरी के मॉडल की तर्ज पर काम करेगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सदस्य हैं और परिसीमन के बाद इनकी संख्या 114 तक पहुंच जाएगी। इनके अलावा लेफ्टिनेंट गवर्नर को विधानसभा में दो महिला सदस्य मनोनीत करने का अधिकार रहेगा। विधानसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सीटों की संख्या भी उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षित की जाएगी। सभी आयोग भंग कर दिए जाएंगे।

पहली बार लागू होंगे ये कानून

पहली बार 106 नए कानून लागू होंगे। इनमें आधार, मुस्लिम विवाह विच्छेद कानून, शत्रु संपत्ति कानून, मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन एक्ट, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, आरटीआई, शिक्षा का अधिकार, व्हिसल ब्लोअर शामिल हैं।

पुलिस-प्रशासन और नियुक्ति

इन सेवाओं के अधिकारियों के बंटवारे में दोनों प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नरों की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार निर्णय लेगी। इन केंद्रीय सेवाओं के लिए नियुक्तियां अरुणाचल, गोवा, मिजोरम यूनियन टेरेटरी काडर से की जाएगी।

टोल टैक्स में छूट जारी रहेगी

नया केंद्र शासित प्रदेश बनने के बावजूद यहां के जिन वाहनों को टोल टैक्स में छूट है, वह केंद्र के नए फैसले तक जारी रहेगा। परमिट भी नई व्यवस्था तक वैध रहेंगे। लद्दाख के वाहनों को एलडीके की नंबर प्लेट मिलने की संभावना है।



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Jammu and Kashmir and Ladakh will be union territories from tomorrow


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