नई दिल्ली.विदेश मंत्रालय ने गुरुवार काे कहा कि जाे लाेग करतारपुर काॅरिडाेर के लिए भारत के अाधिकारिक जत्थे का हिस्सा नहीं हैं या जिन्हें पाकिस्तान से न्याेता मिला है, उन्हें पाक जाने के लिए नियमानुसार राजनीतिक मंजूरी लेनी होगी। मीडिया रिपाेर्ट्स में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता नवजाेत सिंह सिद्धू 9 नवंबर को करतारपुर काॅरिडाेर के उद्घाटन पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का न्याेता स्वीकार कर चुके हैं।
इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि करतारपुर साहिब की यात्रा का मतलब पड़ोसी देश की यात्रा है। राजनीतिक हस्तियों एवं पाकिस्तान द्वारा आमंत्रित लोगों को यात्रा से पहले राजनीतिक मंजूरी लेनी होगी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि राजनीतिक हस्तियां या निमंत्रित लोग, जो सोचते हैं कि उन्हें राजनीतिक मंजूरी लेनी होगी और उनके नाम सूची में नहीं हैं, उन्हें इसका पता चल जाएगा। काेई अचरज वाली बात नहीं होनी है। मेरी समझ यह है कि ऐसी यात्राओं के लिए राजनीतिक मंजूरी लेने का सामान्य नियम लागू होगा।' उन्हाेंने बताया कि भारत ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्रियों अाैर राजनीतिक लोगों समेत 450 एवं 31 अन्य लोगों की सूची पाकिस्तान को मंजूरी के लिए भेजी है। लेकिन पता चला है कि पाकिस्तान कोई और ही सूची तैयार कर रहा है।
सिद्धू के दौरे के बदौलत ही साकार हुआ कॉरिडोर का काम, 20 डॉलर खत्म करना सिखों की डिमांड नहीं : पूर्व डिप्टी स्पीकर
भास्कर न्यूज, जालंधर राज्य के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर सिंह ने कहा करतारपुर कॉरिडोर खुलने में नवजोत सिंह सिद्धू का पूरा सहयोग है। पाकिस्तान दौरे के समय उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करने वाले नेता आज उनका श्रेय खुद लेना चाह रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की निंदा करते हुए कहा कि उन दिनों में हरसिमरत ने भी काफी आलोचना की थी। उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से दर्शन करने वालों पर 20 डॉलर टैक्स के मामले में कहा कि सिख संगत बिलकुल नहीं चाहती कि इसे बंद किया जाए, क्योंकि पाकिस्तान ने हजारों एकड़ जगह में डिवेलपमेंट की है और हम अपने देश की सरहद पार कर रहे हैं, इन पैसों में हमें सुविधा भी दी जाएगी। सिख संगत कॉरिडोर को खोलने की मांग कर रही है और इतनी छोटी सी बात को राजनीति के लिए मुद्दा बनाया जा रहा है जो गलत है। उन्होंने कहा कि यह छोटी सी रकम है।
सिद्धू के लिए धर्म सकंट से कम नहीं है| पाक न्यौता सिद्धू के लिए किसी धर्म संकट से कम नहीं है। अगर वह पाक के समारोह में जाते है तो एक बार फिर से विपक्षी दलों के निशाने पर आ जाएंगे। क्योंकि पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाक जाने और पाक आर्मी चीफ के गले मिलने की तस्वीरें सामने आने के बाद सिद्धू की देश भर में काफी किरकिरी हुई थी।
दोनों देशों की ओर से एक ही दिन होगा उद्घाटन| ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सिद्धू पाक जाते है या नहीं। क्योंकि 9 नवंबर को भारत की ओर से भी कॉरिडोर का उद्घाटन होगा और उसी दिन पाकिस्तान की ओर से भी उद्घाटन किया जाएगा । भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और और पाक की ओर से इमरान खान कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा।
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