प्याेंगयांग/ नई दिल्ली .भारत जब अपना महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर उतारने की काेशिश कर रहा था, उस समय उत्तर काेरिया के सायबर हैकर्स भारत की स्पेस एजेंसी इसराे में सेंध लगा रहे थे। सायबर विशेषज्ञाें काे अाशंका है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसराे) देश का पांचवां एेसा सरकारी संस्थान है जिस पर सायबर हमला हुअा है। अाशंका है िक इसराे कर्मचारियाें ने उत्तर काेरिया के स्पैमर्स द्वारा भेजा गया िफशिंग ई-मेल खाेला अाैर उनके िसस्टम पर मालवेयर इंस्टाल हाे गया। हालांिक अधिकारियाें ने इस बात से इनकार िकया है िक सायबर हमले से मून मिशन प्रभावित हुअा है, जिसके कारण चंद्रयान-2 की लैंडिंग असफल हुई।
तमिलनाडु स्थित देश के सबसे बड़े परमाणु रिएक्टर में सायबर हमले के बाद इस खुलासे से खतरे की घंटी जरूर बज गई है। मालूम हाे, इस वर्ष मार्च में भारत ने अंतरिक्ष में ही सैटेलाइट काे मार िगराया था। िपछले हफ्ते, भारत के ऊर्जा प्रमुखाें ने स्वीकारा था िक कुडनकुलम परमाणु रिएक्टर पर सायबर हमला हुअा था। हालांिक शुरुअात में वे इससे इनकार कर रहे थे।
क्या है कुडनकुलम परमाणु रिएक्टर का मामला : दक्षिण कोरिया के एक गैर लाभकारी खुफिया संगठन इशू मेकर्स लैब (आईएमएल) ने हाल ही में दावा िकया था कि उत्तरी काेरिया के कुछ हैकर भारत के तमिलनाडु स्थित कुडनकुलम परमाणु रिएक्टर में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक और डिजाइन चुराना चाहते हैं। इसके लिए वे कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों को निशाना बना चुके हैं। इनमें एटॉमिक एनर्जी कमीशन के पूर्व चेयरमैन व भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के पूर्व डायरेक्टर अनिल काकोडकर और एटॉमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एसए भारद्वाज शामिल हैं। अाईएमएल ने दावा िकया था िक रिएक्टर पर हुआ मालवेयर हमला उत्तर काेरिया ने किया था।
सितंबर में इसरो को सायबर हमले का अलर्ट मिला था
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपाेर्ट के मुताबिक, सितंबर माह में चंद्रयान-2 िमशन के दाैरान इसराे काे साइबर हमले काे लेकर चेतावनी दी गई थी। तब इसराे ने दृढ़तापूर्वक कहा था िक उसके सिस्टम की हैकिंग की काेशिश सफल नहीं हुई। हालांिक भारत के अंतरिक्ष अभियान काे उस समय झटका लगा था जब बेंगलुरू स्थित कंट्राेल स्टेशन का चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया था।
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