नई दिल्ली .दिल्ली में मंगलवार को पुलिसकर्मियों का जो दर्द छलका, उसकी पटकथा लिखने में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई। टि्वटर और वाट्स एप की गलियों से टकराता गुस्सा पीएचक्यू से लेकर, दिल्ली के तमाम इलाकों तक जा पहुंचा। खास बात यह कि प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों के परिवारवालों ने भी उनका साथ दिया। दिल्ली पुलिसकर्मियों ने पुलिस मुख्यालय पर पर किए गए प्रदर्शन के बाद उनकी मांगें मान ली गईं।
इसके बाद इंडिया गेट पर पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों ने कैंडल मार्च निकाला। नरेला स्थित हरीश चंद्र हॉस्पिटल के पास रोड पर पुलिसकर्मियों के परिवारवालों ने पंक्ति बनाकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। कुछ देर तक तो वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ा। लेकिन बाद में उन्होंने ही वाहन चालकों व सवारियों को अपनी परेशानी और प्रदर्शन करने का कारण बताया। प्रदर्शनकारी रीना कुमारी ने बताया कि उनके परिवार से भी कुछ लोग दिल्ली पुलिस में नौकरी करते हंै। लेकिन जिस तरह से वकीलों ने उनके सम्मान और स्वाभिमान की बेइज्जती की है, वह काफी निंदनीय है।
सावित्री नामक महिला ने कहा कि पुलिसकर्मियों को सुरक्षा दी जाए। पीतमपुरा सिविल लाईन के पास भी पुलिस फैमिली ने प्रदर्शन किया। जिसमें महिलाओं बच्चों ने हिस्सा लिया। दीपिका नामक महिला ने बताया कि आज जब दिल्ली पुलिस पर अटैक हो रहा है तो, दिल्ली पुलिस इंसाफ मांगने कहां जाए। रुमिला देवी ने कहा कि अगर इस तरह से चलता रहा तो पूरे भारत की पुलिस का अस्तित्व खो जाएगा। इस बीच आईएएस एसोसिएशन और तमिलनाडु भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) एसोसिएशन ने भी दिल्ली पुलिस का समर्थन किया। आईएएस एसोसिएशन ने कहा, हम तीस हजारी कोर्ट में पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।
दिल्ली बार एसोसिएशन ने गठित की 3 कमेटियां, अाज भी रहेगी हड़ताल
नरेला: सड़क पर उतरे बच्चे
नरेला और प्रशांतविहार इलाके में पुलिसकर्मियों के परिवारवाले सड़कों पर उतरे और सरकार से पुलिस की सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिनका साथ स्थानीय लोगों ने भी दिया।
इस तरह फूटी विरोध की चिंगारी
शनिवार को विवाद के दौरान जब वकीलों ने पुलिसवालों को पीटा तो डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ बदसलूकी की गई। इस दौरान उनके साथ मौजूद एक पुलिसकर्मी को पीटा गया। उसके एक दोस्त ने जब उसे फोन किया तो उसने अपना दर्द बयां किया। यह ऑडियो वायरल हो गया। इसके बाद साकेत कोर्ट के बाहर कुछ वकीलों ने एक पुलिसकर्मी को मारा। इसे नॉर्थ-वेस्ट जिले में डीसीपी रहीं और अब गोवा में पोस्टेड असलम खान ने सोमवार दोपहर 2.40 बजे ट्वीट किया। इसे दिल्ली पुलिस के पूर्व प्रवक्ता और वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश में डीआईजी मधुर वर्मा ने भी रिट्वीट किया और लिखा- मुझे दुख है कि हम पुलिस हैं और हम लोगों का कोई अस्तित्व नहीं है।
करीब 40 हजार मामलों की सुनवाई नहीं हो पाई
तीस हजारी कोर्ट विवाद में मंगलवार काे भी दिल्ली की निचली अदालतों में हड़ताल रही। हड़ताल बुधवार काे भी रहेगी। दिल्ली बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एनसी गुप्ता ने बताया कि मंगलवार दोपहर तीस हजारी कोर्ट के वकीलों की एक मीटिंग हुई। जिसमें मामले से संबंधित 3 कमेटियां गठित की गई। पहली लीगल कमेटी, दूसरी कोर्ट में आने-जाने वालों पर नजर रखने के लिए और तीसरी बार एसोसिएशन को रिप्रेंजेंट करेगी। लीगल कमेटी में 10 वरिष्ठ वकीलों को चुना गया है। तीस हजारी कोर्ट के वरिष्ठ वकील भरत शर्मा ने बताया कि दिल्ली की अदालतों में करीब 400 कोर्ट रूम है। हर एक कोर्ट रूम मंे 80 से 100 से अधिक मामलों की सुनवाई की जाती है। लेकिन वकीलों की हड़ताल के कारण करीब 40 हजार मामलों की सुनवाई नहीं हो पाई।
वॉटसएप मैसेज, जिसके वायरल होने के बाद पीएचक्यू पर जुटे पुलिसकर्मी
‘दिल्ली की जनता से निवेदन है कि 5-6 नवंबर को दिल्ली पुलिस आपकी सेवा नहीं कर पाएगी। अपना अस्तित्व बचाने के लिए 2 दिन काम पर नही आ पाएगी। और मैं भी उसका हिस्सा हूं। कल सुबह 9 बजे दिल्ली पुलिस के तमाम कर्मचारी पीएचक्यू में इक्कठे होंगें और पुलिस आयुक्त से मिलेंगे। ज्यादा से ज्यादा शेयर करो। करो या मरो, मैं जा रहा हूं और कौन-कौन आ रहा है? मना करने से पहले सोचना कि तीस हजारी में पिटने वालो में मैं नहीं था फिर भी मुझे दर्द क्यों हो रहा है।’
धरने पर बैठे पुलिसवालों ने जो मांगें की, सभी मान लीं
- तीस हजारी कोर्ट में पुलिस के साथ मारपीट करने वाले वकीलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
- दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील की जाए, जिसमें वकीलों के खिलाफ एक्शन नहीं लिए जाने की बात का जिक्र है।
- सस्पेंड और ट्रांसफर किए गए पुलिस अधिकारियों को वापस काम पर लाया जाए।
- घायल पुलिसकर्मियों को मुआवजा देने के साथ उनके इलाज का पूरा इंतजाम हो।
- पुलिस वेलफेयर यूनियन बनाई जाए, जो भविष्य में किसी भी तरह की समस्या आने पर पुलिसकर्मियों के हितों का ध्यान रखें।
- मंगलवार को धरना प्रदर्शन करने और अपनी आवाज उठाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना की जाए।
- जहां-जहां पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की घटनाएं हुई, वहां केस दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी हो।
सुबह 9 बजे शुरू हुआ धरना, शाम 7.45 पर खत्म हुआ
- 9.00am: पीएचक्यू के बाहर करीब 4-5 हजार पुलिसकर्मी जुट गए।
- 9.15am: नई दिल्ली डिस्ट्रिक डीसीपी ईश सिंघल मिलने आए।
- 11.00am : सर्दन रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्वत, स्पेशल सीपी इंटेलीजेंस प्रवीर रंजन, स्पेशल सीपी ला एंड ऑर्डर साउथ आरएस कृष्णैया, डीसीपी जितेन्द्र मणि त्रिपाठी, हटाए गए नार्थ डिस्ट्रिक के एडिशनल डीसीपी
हरेन्द्र सिंह, सीपी के एसओ राजीव रंजन ने बात की।
- 12.30am: पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बात की और भरोसा दिलाया कि वे संयम से काम लें सब कुछ ठीक होगा।
- 7.45pm : मांगे मानने के बाद धरना खत्म किया और इंडिया गेट गए।
आप का केंद्र पर निशाना
दिल्ली की कानून व्यवस्था पिछले 70 साल के इतिहास में सबसे खराब हो गई है। यहां पर चेन स्नैंचिंग, लूट, हत्या की वारदात बढ़ गई है। यहां तक की प्रधानमंत्री के रिश्तेदार और जज भी स्नैचिंग का शिकार हो रहे हैं। राजधानी की कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति केन्द्र सरकार और गृहमंत्री की अक्षमता को दर्शाती है।- सौरभ भारद्वाज, प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी
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