नोएडा. गोपनीय शिकायत को लीक कर सर्विस रूल (अधिकारी आचरण नियमावली) का उल्लंघन करने के आरोप में गौतमबुद्ध नगर जनपद के एसएसपी वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा 14 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। जिनमें उन पांच अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं, जिनकी शिकायत एसएसपी वैभव कृष्ण ने की थी। यह कार्रवाई यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसएसपी के वायरल वीडियो की जांच रिपोर्ट आते ही की गई। उनके वीडियो और चैट की जांच गुजरात के फोरेंसिक लैब से करवाई गई थी। लैब की रिपोर्ट में वे वीडियो और चैट सही पाए गए, जिन्हें वैभव कृष्ण ने फर्जी बताया था।
वीडियो से नहीं हुई छेड़छाड़, अब सवाल कौन है वह युवती?
वैभव कृष्ण ने 7 जनवरी को जनपद के एसएसपी का पद संभाला था। लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद से वे विवादों में आ गए। हालांकि जांच में पुलिस को अब उस युवती की तलाश है जिससे एसएसपी वैभव कृष्ण चैट कर रहे हैं। 1 जनवरी को वैभव कृष्ण की 3 वीडियो वायरल हुई। जिसे देखते ही एसएसपी ने उसे फर्जी बताते हुए छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए प्रेसवार्ता कर थाना सेक्टर-20 में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। मामले की जांच आईजी मेरठ रेंज आलोक सिंह ने हापुड एसपी को दी। विडियो जांच के लिए गुजरात भेजा गया। जांच में वीडियो मार्फ्ड या फर्जी नहीं पाया गया। यानी कि उस वीडियो से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। वह वीडियो असली है।
एसआईटी 15 दिन में देगी रिपोर्ट
एसआईटी की अध्यक्षता एचसी अवस्थी, निदेशक, सतर्कता करेंगे। इनके अलावा पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश और प्रबंध निदेशक उप्र जल निगम विकास गोठलवाल को सदस्य बनाया गया है। समिति 15 दिन में जांच पूर्ण कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
एसआईटी 15 दिन में देगी रिपोर्ट
गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को पीएसी आगरा, सुलतानपुर के एसपी हिमांशु कुमार को पीएसी इटावा, ्एसएसपी राजीव नारायण मिश्र को मुरादाबाद पीएसी, बांदा के एसपी गणेश साहा को पुलिस अधीक्षक (मानवाधिकार) लखनऊ और मेरठ के एसपी डॉ. अजयपाल शर्मा को पुलिस अधीक्षक (पीटीएस) उन्नाव बनाया गया है। वैभव कृष्ण ने इनकी शिकायत की थी।
क्या है पूरा मामला, जिस पर नपे 5 अिधकारी
कुछ दिन पहले वैभव कृष्ण की एक महिला के साथ अश्लील चैट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में महिला नहीं दिख रही थी लेकिन उसके फोन की स्क्रीन की किसी अन्य डिवाइस से रिकॉर्डिंग की गई थी। वीडियो वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण ने केस दर्ज कराया था। उन्होंने वीडियो को मॉर्फ्ड और एडिटेड करार दिया था और 5 आईपीएस अफसरों का नाम लेते हुए उन पर पोस्टिंग के लिए रिश्वत लेने समेत भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
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