कोरोना वायरस का खौफ, 8 बेड के रूम में सिर्फ एक संदिग्ध; पूरे वार्ड में 7 मरीज भर्ती

नई दिल्ली (तरुण सिसोदिया) .चीन में सैकड़ों लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस का खौफ चीन और भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बना हुआ है। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भी इसका खौफ साफ दिखाई दे रहा है। इसके चलते 8 बेड वाले रूम में सिर्फ एक ही संदिग्ध को रखा गया है, ताकि इंफेक्शन की कोई संभावना ही न रहे।


राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वार्ड नंबर पांच को कोरोना वायरस के आइसोलेशन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इस वार्ड में 7-8 क्यूबिक (छोटे रूम) हैं, जिसमें करीब 6-8 बेड की क्षमता है। मगर एक क्यूबिक में कोरोना वायरस के सिर्फ एक संदिग्ध को ही रही रखा जा रहा है। इस तरह इस वक्त 7 संदिग्ध मरीजों के कारण ही वार्ड फुल हो गया है। अस्पताल के एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह सही है कि एक रूम में एक ही मरीज है। मगर वायरस इतना ज्यादा खतरनाक है कि सावधानी बरतने की जरूरत है। कोई संदिग्ध यदि पॉजिटिव पाया जाता है और दूसरे को उसके साथ पहले से ही रखते हैं तो उसके साथ जो भी होगा सभी के पॉजिटिव होने के चांस बढ़ेंगे।

चीन में 12 साल रहा 38 वर्षीय पुरुष भर्ती
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोरोना वायरस के संदिग्धों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को एक और 38 वर्षीय संदिग्ध अस्पताल में भर्ती हुआ है। इस संदिग्ध के बारे में बताया जा रहा है वह 12 साल तक चीन में रहा और 2 फरवरी को ही भारत वापस लौटा। तबियत खराब हुई तो अस्पताल आ गया और अस्पताल ने इसे यहां भर्ती कर लिया और ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया। इसे मिलाकर अस्पताल में भर्ती संदिग्धों की तादाद बढ़कर 7 हो गई है। इससे पहले 8 संदिग्ध मरीजों की जांच हो चुकी है। इन सभी के सैंपल नेगेटिव आए हैं।

बुहान गए डॉक्टर की कोरोना जांच के लिए लिया सैंपल
चीन के बुहान से छात्रों को भारत लेकर आने दल के डॉक्टर की हालत बिगड़ने के बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने मंगलवार को उसका ब्लड सैंपल भी जांच के लिए पुणे भेज दिया है। दो दिन में इसकी रिपोर्ट आने के लिए कहा जा रहा है। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वैसे डॉक्टर की हालत में सुधार बताया जा रहा है। बुखार ठीक है और खांसी में रिलीफ है। डॉक्टर को बुहान से वापस आने के बाद से ही तेज बुखार और खांसी हो रही थी। सभी डॉक्टर और अन्य स्टाफ को उनके अपने घर में ही आइसोलेशन में रखा गया है।

बीमारी के लक्षण
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है. यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था. इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।

बचाव के उपाय
हाथों को साबुन से धोना चाहिए। अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है। खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें। जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें। अंडे और मांस के सेवन से बचें। जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।



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राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वार्ड नंबर पांच को कोरोना वायरस के आइसोलेशन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।


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