कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली सभी यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की है। सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया गया है कि कोई लिखित परीक्षा कराए बगैर स्टूडेंट्स के पिछले सभी सेमेस्टर तथा पूर्व के आंतरिक कार्य तथा अन्य उचित आधार पर बच्चों के मूल्यांकन का फार्मूला निकालें। इस आधार पर बच्चों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट किया जाए।
फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को भी उनके पूर्व सेमेस्टर के आधार पर मूल्यांकन करके डिग्री प्रदान करें। यह जानकारी शनिवार को उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑनलाइन प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण इस पूरे सेमेस्टर में पढ़ाई नहीं हो पाई है। यदि किसी यूनिवर्सिटी में कुछ पढ़ाई हुई भी हो तो लैब, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल, रिसर्च इत्यादि पूरी तरह बंद रहे। इसलिए पढ़ाई के बगैर परीक्षा कराना मुश्किल है। कोरोना के कारण परीक्षा कराना संभव नहीं। सिसोदिया ने बताया कि इसमें अंतिम वर्ष की परीक्षाएं भी शामिल हैं।
किसी भी वर्ष की कोई परीक्षा नहीं होगी
सिसोदिया के अनुसार जुलाई का महीना उच्च शिक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मानना है कि अभूतपूर्व समय में हमें अभूतपूर्व निर्णय लेने होते हैं। आज का समय ऐसा ही अभूतपूर्व संकट का है। इसलिए दिल्ली सरकार ने राज्य के सभी यूनिवर्सिटी में सभी सेमेस्टर तथा फाइनल ईयर की सारी परीक्षाओं को कैंसिल करने का निर्णय लिया है। सिसोदिया ने कहा कि किसी भी वर्ष की कोई परीक्षा नहीं होगी।
फैसले से लाखों छात्रों को राहत
सिसोदिया ने कहा कि स्टूडेंट्स को तत्काल परीक्षा परिणाम देना आवश्यक है। स्टूडेंट्स को आगे की पढ़ाई करनी है। सिसोदिया ने कहा है कि सभी यूनिवर्सिटी हर स्टूडेंट के मूल्यांकन का समुचित पैरामीटर तथा फार्मूला बनाकर उनके परीक्षा परिणाम जारी करें। फैसले से लाखों बच्चों को राहत मिलेगी। इस आदेश के तहत नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, आंबेडकर विश्वविद्यालय, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और महिलाओं के इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय में परीक्षाएं रद्द की गई हैं।
यूजीसी के दिशानिर्देशों को वापस लेने के लिए सीएम का पीएम को पत्र
सीएम अरविंद केजरीवाल ने केन्द्र के अधीन आने वाली यूनिवर्सिटी में भी परीक्षाएं रद्द कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। बता दें यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को आखरी सेमेस्टर के छात्रों की लिखित ऑफलाइन या ऑनलाइन परीक्षाएं करवाई जाएं।
सीएम ने लिखा कि मानव संसाधन मंत्रालय एवं यूजीसी अपने निर्णय को बदलने को तैयार नहीं है। उन्होंने पीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। सीएम ने पत्र में लिखा है कि आईआईटी व एनएलयू जैसे नामी विश्वविद्यालयों ने पहले ही आखरी सेमेस्टर के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर डिग्री दी है तो अन्य सभी विश्वविद्यालय डिग्री क्यों नहीं दे सकते।
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