आर्थिक बदहाली से जूझ रहा नगर निगम आम जनता पर प्रॉपर्टी टैक्स जमा न करने पर नोटिस जारी कर सीलिंग की कार्रवाई करता रहता है लेकिन सरकारी दफ्तरों के मामले में इसका दोहरा रवैया है। फरीदाबाद में केंद्र एवं राज्य सरकार के 32 ऐसे दफ्तर हैं जिन्होंने कई सालों से प्रॉपर्टी, सीवर व पानी का टैक्स जमा नहीं किया है। यह रकम करीब 42 करोड़ रुपए है।
लापरवाही का आलम यह है कि टैक्सेशन ब्रांच कभी इन विभागों की ओर नजर उठाकर नहीं देखता। निगम कमिश्नर डॉ. यश गर्ग के निर्देश पर ऐसे विभागों की सूची तैयार की गई है। अब इन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। जिससे वे 31 अक्टूबर तक टैक्स जमा कर राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली छूट का फायदा ले सकें।
सबसे अधिक बकाया जिन पर है उनमें हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी), भारत दूरसंचार निगम और केंद्रीय भूजल बोर्ड के आफिस टाप पर हैं। टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी नगर निगम के टैक्ससेशन ब्रांच के ऊपर है। लेकिन इस विभाग में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की हीला हवाली से प्रॉपर्टी टैक्स, सीवर और पानी के बिल अपेक्षा के अनुसार जमा नहीं होते।
अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाने के बजाय दफ्तरों में बैठकर आंकड़ों की बाजीगरी करने में लगे रहते हैं। यही नहीं प्रॉपर्टी मालिकों के पास समय पर नोटिस तक नहीं पहुंचते। नगर निगम में जब कोई तेज तर्रार कमिश्नर आता है तो उसकी सख्ती के बाद टैक्सेशन ब्रांच कुछ दिन तक हरकत में रहता है। इसके बाद फिर ढीले पड़ जाता है।
कई सरकारी विभागों पर नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स, सीवर व पानी का करोड़ों रुपए का बिल बकाया है। ऐसे सरकारी विभागों की सूची तैयार कराई गई है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों के विभाग हैं। इन सभी को नोटिस दिया जा रहा है। जिससे उनसे टैक्स वसूला जा सके। उक्त विभागों पर करीब 42 करोड़ का बकाया है। अब निगम प्रशासन का मेन फोकस बकाया वसूलना रहेगा।
डॉ यश गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम
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