राजधानी का सेटेलाइट नक्शा तैयार करने की कार्रवाई तेज हो गई हैं। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष अनुराग जैन ने प्लानिंग विभाग के नक्शा तैयार करने ड्रोन सर्वे कराने के प्रस्ताव को अनुमति दे दी हैं। अब फाइनेंस विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही ड्रोन सर्वे के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
इस नक्शे को दो साल के अंदर तैयार किया जाएगा। इसके तैयार होने के बाद दिल्ली की हर जानकारी लोगों के सामने एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। ड्रोन सर्वे और जीआईएस मैपिंग के काम पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान लगाया गया है।
यह होगा फायदा
दिल्ली का अभी कोई डिजिटल नक्शा नहीं है। कागजों में पीले,नीले रंग से दिल्ली को अलग-अलग इलाकों में बांटा ही नक्शा मौजूद है। इससे दिल्ली के रि-डेवलपमेंट को लेकर खाका तैयार करने में दिक्कत होती है। डिजिटल नक्शा होने से दिल्ली के रि-डेवलपमेंट प्लान बनने में सबसे ज्यादा मदद मिलेंगी। इसके अलावा लोगों के लिए उपयोगी जानकारी भी एक क्लिक पर मिल सकेंगी। इसमें लोग दिल्ली की हर जगह के लैंड यूज के संबंध में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
ऐसे होगा नक्शा तैयार
सेटेलाइट नक्शा को तैयार करने के लिए ड्रोन सर्वे के साथ ही संबंधित जगह की जीआईएस मैपिंग की जाएगी। साथ ही उस जगह का सर्वे कर घनी आबादी, ग्रामीण आबादी, मिक्स यूज लैंड, बाजार समेत हर छोटी से छोटी जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसके बाद जोनल प्लान के साथ ड्रोन सर्वे, जीआईएस मैपिंग और सर्वे की जानकारी को मिलाकर उपयोगी जानकारी वाला सेटेलाइट मैप तैयार किया जाएगा।
160 लेयर में होगी जानकारी
नक्शे को अलग-अलग सेक्टर सूचना/इमेज की 160 लेयर को मिला कर बनाया जाएगा। इन लेयर में अलग-अलग सेक्टर की जानकारी होगी। जैसे एक लेयर में ट्रांसपोर्ट से संबंधित पूरी जानकारी होगी। इसी तरह सरकारी ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पार्क-खेल मैदान-खाली प्लांट, ग्रीन एरिया, इंडस्ट्री, सीवर लाइन, पानी की लाइन, बिजली, पेट्रोल पंप समेत सभी कुछ नक्शे में डिजिटल जानकारी के साथ उपलब्ध होगा। कहां घनी आबादी, ग्रामीण आबादी सब कुछ नक्शे में सर्वे की जानकारी के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा।
आईआईटी रुड़की ने किया जे जोन का सर्वे | नक्शो को तैयार करने के लिए डीडीए ने आईआईटी रुड़की को जे जोन और एन-जोन का कुछ भाग का ड्रोन सर्वे करने का काम दिया था। इसका काम पूरा होने के बाद अब मैपिंग का काम किया जा रहा है। इसका उपयोग भी सेटेलाइट नक्शे में किया जाएगा।
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