नवरात्र की शुरूआत के साथ ही शहर के अलग-अलग रामलीला कमेटियों की ओर से भी रामलीला का मंचन शुरू कर दिया गया है। सभी जगह भगवान राम के जीवन के जुड़े मुख्य घटनाओं को दर्शाया जा रहा है। जहां जैकबपुरा स्थित श्री दुर्गा रामलीला कमेटी में रामलीला के चौथे दिन राजा दशरथ के चारों पुत्रों राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का राजा जनक की चारों पुत्रियों के साथ विवाह की लीला का मंचन किया गया, वहीं गीता भवन स्थित श्री सनातन धर्म सभा रामलीला समिति में गणेश वंदना के बाद नारद मोह के साथ मंचन की शुरुआत की गई।
कैलाश में बैठे शिव- पार्वती संवाद के साथ मंचन शुरू हुआ। कमिटी के अध्यक्ष सुरेंद्र खुल्लर ने बताया कि नारद मुनि की तपस्या से देवराज इंद्र भयभीत हो उठे कि कहीं देवर्षि नारद अपने तप के बल से इंद्रपुरी को लेकर अधिकार में न ले लें। इंद्र ने नारद की तपस्या भंग करने के लिए कामदेव को भेजा। श्रीदुर्गा रामलीला कमेटी के प्रवक्ता राजकुमार सैनी ने बताया कि मंचन में विवाह के बाद चारों की विदाई की लीला भी बहुत भी भावुक रही। कोरोना की दृष्टि से इस बार राम बारात नहीं निकाली गई। लेकिन सभी ने यहां जश्न मनाया। वहीं विवाह की चिट्ठी राजा जनक की ओर से अयोध्या में राजा दशरथ के पास भेजी गई। जिसके बाद राजा दशरथ अपने दोनों राजकुमारों भरत व शत्रुघ्न को लेकर जनकपुरी पहुंचे।
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