रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले पुलिस के कब्जे में, अनुमति नहीं होने से कार्यक्रम रद्द

कोरोना के कारण इस बार दशहरा बिना रावण दहन के मना। धार्मिक सामाजिक संगठन की ओर से हर बार की तरह इस बार भी रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बनाए गए, लेकिन प्रशासन की ओर से जलाने की अनुमति न मिलने से पुलिस ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। इससे कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। हालांकि गली-मोहल्लों में जरूर पुतले जलाए गए। जिले में हर साल 12 से 15 जगह रावण दहन के बड़े कार्यक्रम होते हैं।

एनआईटी के दशहरा मैदान में रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला का मंचन करने के बाद 80 से 85 फुट के रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। दशहरा पर लगने वाले मेलों में भी भारी संख्या में लोग परिवार के साथ पहुंचते हैं। इस बार कोरोना को देखते हुए प्रशासन की ओर से किसी भी रामलीला कमेटी को दशहरा पर रावण दहन की अनुमति नहीं दी गई। रविवार को एनआईटी स्थित धार्मिक सामाजिक संगठन ने प्रशासन की मंजूरी के बिना रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बनाकर खड़े कर दिए।

इसकी सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस अधिकारियों ने संस्था के प्रधान जोगिंद्र चावला से जब प्रशासन की अनुमति के कागज दिखाने की मांग की तो वह नहीं दिखा सके। धार्मिक सामाजिक संगठन की तरफ से मालवीय वाटिया में बनाया गया रावण का पुतला सुबह पांच बजे खड़ा कर दिया गया। इसके बाद विधि विधान से पूजा पाठ की तैयारियां शुरू कर दी गईं। जैसे ही इसकी सूचना प्रशासन को मिली।



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Effigies of Ravana, Meghnad and Kumbhakarn in police possession


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