पत्नी के दूसरे के साथ अवैध संबंध के शक ने एक शख्स को कातिल बना दिया। उसने अपने साथियों के संग मिलकर पहले एक बेगुनाह की हत्या की और फिर उसे सुसाइड का रंग देने के लिए एक नोट छोड़ दिया। इस नोट में उसी युवक का नाम शामिल था, जिससे वह बदला लेना चाहता था। हालांकि, पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई, जिसके बाद इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
इनकी पहचान अजीमुद्दीन उर्फ अजीम (40), नंदन कुमार उर्फ नंदू (22) व हबीब उर्फ गुड्डू (48) के तौर पर हुई। यह मामला नार्थ वेस्ट दिल्ली के महिंद्रा पार्क इलाके का है। पुलिस ने बताया 17 नवंबर को एक शख्स को जख्मी हालत में कैट एंबुलेंस ने बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके गिरने और छत पर पड़े होने की सूचना मिली थी।
इस घायल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसकी पहचान गीता कॉलोनी निवासी आलम के तौर पर हुई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला वह रिक्शा चलाता था। शव का पोस्टमार्टम हुआ। आलम की मौत पुलिस को कुछ संदिग्ध ली। घटना से पुलिस को एक नोट भी मिला जिसमें कुछ लोगों के नाम और मोबाइल नंबर दिए गए थे।
लेकिन हालात इस शख्स की मौत को हादसा नहीं बता रहे थे। क्योंकि मृतक की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि आलम तो पढ़ा लिखा ही नहीं था। लिहाजा, पुलिस ने मामले में प्राथमिक जांच के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। जांच के दौरान पुलिस ने तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। इनमें मुख्य आरोपी अजीमुद्दीन मूलरुप से पूर्णिया बिहार और दो अन्य आरोपी गाजियाबाद यूपी निवासी हैं।
जिससे रंजिश थी, उसका लिख दिया था सुसाइड नोट में नाम
पुलिस की तहकीकात में इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठ गया। खुलासा हुआ अजीमुद्दीन और सुसाइड नोट में लिखे फरमान नामक शख्स के साथ उसकी आपसी रंजिश थी। फरमान और अजीमुद्दीन की पत्नी अशोक विहार स्थित एक फैक्टरी में काम करते थे। अजीमुद्दीन को शक था कि उसकी पत्नी के फरमान के साथ अवैध संबंध हैं।
उसे यह भी लगता था कि फरमान की वजह से ही उसकी पत्नी ने उस पर मुकदमा दर्ज कराया था। जिस कारण उसे जेल जाना पड़ा था। जेल से जमानत पर छूटने के बाद अजीमुद्दीन ने अपनी बुआ के लड़के हबीब के साथ फरमान की हत्या का विचार बनाया।
लेकिन हबीब ने इस प्लान को बदल डाला। उसने सलाह दी कि वे किसी शख्स की हत्या करने के बाद मौके पर एक झूठा सुसाइड नोट लिखकर छोड़ देते हैं, जिसमें फरमान का नाम लिख देेगें। ऐसा करने पर फरमान खुद कानूनी पचड़े में फंस जाएगा।
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