कोरोना वैक्सीन आने पर उसके भंडारण के लिए होगी बड़ी चुनौती-डाॅ. गुलेरिया

दिल्ली में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना पर लगाम के लिए वैक्सीन को लेकर सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं। इसी दिशा में फाइजर के साथ भी बातचीत शुरू हो गई है।
इस संबंध में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निर्देशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एक कार्यक्रम में कहा कि वैक्सीन के लिए फाइजर के साथ सरकार की बात चल रही है, लेकिन इसको लेकर चुनौती है। इस वैक्सीन को (माइनस) -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना होगा, जो सबसे बड़ी चुनौती होगी। खासकर ग्रामीण इलाकों तक इन्हें पहुंचाने की चुनौती है।

बता दें कि फाइजर इंक ने कहा है कि इसका कोरोना टीका तीसरे चरण के ट्रायल के अंतिम विश्लेषण में 95 फीसदी प्रभावी पाया गया है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हमारे पास एस्ट्रोजेनका वैक्सीन भी है, रूसी वैक्सीन का तीसरा ट्रायल चल रहा है।

अगले साल की पहली तिमाही में वैक्सीन मिल सकती हैं। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि 90 के दशक में बर्ड फ्लू आया। बड़ी मात्रा में पोल्ट्री की मौत हुई थी। एच1एन1 वायरस भी आया। हम पीछे देखें तो पता चलता है कि कई महामारियां आएंगी और हमें इसके लिए तैयारी रखनी होगी। जब आप लोगों को संक्रमण नियंत्रण सिखा रहे हैं तो स्वच्छता कर्मियों तक को ट्रेन करना होगा।



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