निजी एजेंसी उठाएंगी घरों से कूड़ा, सुधरेगी सफाई व्यवस्था

पूर्वी दिल्ली में अब निजी एजेंसी घर-घर से कूड़ा उठाएगी। वह भारत सरकार के नए नियमों का अनुपालन करेगी और कूड़ा का संग्रहण व परिवहन वैज्ञानिक तरीकों से करेगी। यह बात पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन प्रवेश शर्मा, उपमहापौर हरि प्रकाश बहादुर व पर्यावरण प्रबंधन समिति के अध्यक्ष वीर सिंह पंवार ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि इससे पूर्वी दिल्ली की सफाई व्यवस्था बेहतर होगी और टिप्पर आदि मशीनरी पर होने वाला निगम का खर्च भी बचेगा। एजेंसी गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाएगी और ढके हुए वाहनों द्वारा इसका परिवहन किया जाएगा। गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी और सूखे कूड़े को प्रसंस्करित कर उत्पाद तैयार किए जाएंगे।

इस व्यवस्था से ढलाव की संख्या में कमी आएगी और कूड़े के ढेर नहीं दिखाई देंगे। निगम की योजना ढलावों की जगह पर वरिष्ठ नागरिकों और किशोरों के लिए पुस्तकालय बनाने की है। उपमहापौर हरिप्रकाश बहादुर ने कहा कि एजेंसी नवीन मानकों के अनुसार कूड़ा का प्रबंधन करेगी। जिससे पूर्वी दिल्ली की स्वच्छता रैंक में सुधार आने की उम्मीद है और पर्यावरण भी अच्छा होगा।

खाद और अन्य उत्पादों की बिक्री से निगम की आय बढ़ेगी
उपमहापौर ने कहा कि घर-घर से कूड़ा उठाने की नई व्यवस्था लागू का ध्येय पूर्वी दिल्ली को स्वच्छ व कूड़ा मुक्त बनाना है। पर्यावरण प्रबंधन समिति के अध्यक्ष वीर सिंह पंवार ने कहा कि टिप्परों द्वारा कूड़ा उठाने की परंपरागत व्यवस्था में निगम के प्रतिमाह करीब 15-16 करोड़ रुपए खर्च होते थे।

लेकिन ढलाव पर कूड़े के ढेर में अपेक्षित कमी नहीं हो पाई और कूड़ा का परिवहन भी पूर्ण रूप से ढके वाहनों द्वारा नहीं हो पा रहा था। इसके चलते ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका।

साईं मंदिर के जैविक कचरे से बनाना शुरु किया खाद
पूर्वी दिल्ली नगर निगम वार्ड 38 में साईं मंदिर में फूलों को खाद में परिवर्तित करने के लिए वैज्ञानिक तकनीक से बनी इकाई लगाई जा रही है। इससे प्रति महीना 300 किलो चढ़ाए हुए फूल लैंडफिल जाने के बजाय पोषक तत्वों से भरी खाद में परिवर्तित हो जाएंगे। .

यह कार्य मंदिर कर्मचारियों के सहयोग से पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पर्यवेक्षण एवं एवं स्थानीय निवासियों और सामुदायिक स्वयंसेवकों के समर्थन में किया जा रहा है। साईं मंदिर, पूर्वी दिल्ली में दूसरा मंदिर है जिसमें चढ़ाए हुए फूलों से खाद बनेगी।



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फाइल फोटो


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