जिला बार एसोसिएशन ने कोर्ट परिसर में काम करने वाले ट्रेनी वकीलों, मुंशियों, टाइपिस्टों और फोटो स्टेट करने वालों के लिए गाइड लाइन जारी की है। अब उपरोक्त कोई भी व्यक्ति वकीलों की निर्धारित ड्रेस को पहनकर कोर्ट परिसर में नहीं आएगा। यही नहीं दूसरी बार एसोसिएशन में पंजीकृत वकीलों के भी यहां की कोर्ट में प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी है।
इसके अलावा वाहनों पर वकील का लोगो लगाने पर रोक है। यदि कोई व्यक्ति उक्त गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा तो उस पर हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। यही नहीं बार एसोसिएशन ने टाइपिस्टों और स्टांप वेंडरों के लिए पेजवाइज कागजात टाइप करने की शुल्क भी निर्धारित कर दी है। बार एसोसिएशन के प्रधान बॉबी रावत एवं महासचिव नरेंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में कई मुंशी, टाइपिस्ट, स्टांप वेंडर आदि वकीलों की ड्रेस पहनकर गड़बड़ी करनी शुरू कर दी थी। कई ऑफिसों में काम करने के बदले लोगों से वसूली करने की शिकायतें मिलीं। बार एसोसिएशन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। रावत के अनुसार दूसरी बार एसोसिएशन में पंजीकृत कोई वकील बगैर स्थानीय वकील की मदद से किसी कोर्ट में सीधे किसी केस की पैरवी नहीं कर सकेगा।
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