बैंक में गिरवी रखी प्रॉपर्टी को धोखे से बेचने के आरोप में एक दंपति को अरेस्ट किया गया है। फर्जी एग्रीमेंट के जरिए आरोपियों ने पीड़ित से छह करोड़ की रकम भी ऐंठ ली थी। यह कार्रवाई चीटिंग केस में आर्थिक अपराध शाखा ने की है।
मुख्य आरोपी की पहचान मदन मोहन मित्तल (69) के तौर पर हुई जो कालिंदी कॉलोनी का रहने वाला है। पति पत्नी मेटल्स के बिजनेस में है। आर्थिक अपराध शाखा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया इस मामले में अनिल अग्रवाल ने शिकायत दर्ज करायी थी।
पुलिस को बताया गया साल 2014 में वह घर के लिए प्रॉपर्टी खरीदना चाहते थे। इस सिलसिले में वह संजय अग्रवाल नाम के ब्रोकर के जरिए आरोपी मदन मोहन मित्तल और उनकी पत्नी से मिला। आरोपी ने उन्हें पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी के कागजात दिखाए। उसकी बातों पर विश्वास कर पीड़ित ने इस प्रॉपर्टी के बदले छह करोड़ की पेयमेंट कर दी।
बकायदा, 26 अगस्त साल 2015 में इस डील को लेकर एक एग्रीमेंट भी साइन हो गया। उनके नाम प्रॉपर्टी करने की तारीख तीस नवंबर से पहले रखी गई। बाद में यह डेट बढ़ाकर 15 अगस्त 2016 तक पहुंच गई। अगले साल आरोपी ने उन्हें बताया यह प्रॉपर्टी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में गिरवी रखी है।
बाद में बैंक द्वारा इस प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में लेने संबंधी पीड़ित ने न्यूज पेपर में नोटिस भी देखा। इस धोखाधड़ी की बाबत पिछले साल पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला आरोपियों ने इस प्रॉपर्टी को बेचने के एवज में 2,60 करोड़ बैंक के जरिए रकम ली थी, जबकि तीन करोड़ चालीस लाख कैश लिया। आरोपी दंपति रकम हड़पने के बाद अंडर ग्राउंड हो गया था। जिसे पुलिस ने अब अरेस्ट कर लिया।
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