फरीदाबाद पुलिस की पिटाई के बाद युवती द्वारा फंदा लगाकर आत्महत्या करने के मामले में राजेंद्रा पार्क थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। केस दर्ज होने के बाद परिजनों ने युवती के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस को सौंपा। मेडिकल बोर्ड से हुए पोस्टमार्टम में स्पष्ट हुआ है कि युवती से मारपीट हुई है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ दीपक माथुर ने बताया कि शव का बिसरा जांच के लिए लैब में भेजा गया है।
पुलिस ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया। रविवार दोपहर को परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। उधर, मृतक आशा के परिजनों ने फरीदाबाद पुलिस पर मामले में समझौता करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। आशा के जीजा संदीप ने बताया कि शनिवार रात को जब वह मेदांता अस्पताल में मौजूद थे।
उस वक्त फरीदाबाद पुलिस उपायुक्त उनके गांव बेगमपुर खटौला पहुंचे थे और केस न करने के लिए दबाव बनाया था। वहीं पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन ने बताया कि अभी तक किसी भी अधिकारी को इस मामले की जांच नहीं सौंपी गई है। ऐसे में राजेन्द्रा पार्क थाना पुलिस ही जांच करेगी।
संदीप ने बताया कि गुरुवार रात को शंकर की तलाश में 12 पुलिसकर्मी आए थे। उन्होंने घर पर डेरा डाला हुआ था। चार पुलिस कर्मी रात भर घर के अंदर मौजूद रहे थे। गौरतलब है कि बादशाहपुर से धोखाधड़ी के मामले में अपने साथी को फरीदाबाद पुलिस के चुंगल से छुड़ा ले जाने वाले आरोपी शंकर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश देने उसके घर पहुंची थी। शंकर के घर पर न मिलने के कारण पुलिसकर्मियों ने शंकर की पत्नी नैनतारा व बहन आशा को पीटना शुरू कर दिया था।
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