अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पिछले साल लेफ्ट विंग के छात्र संगठनों से जुड़े छात्र नेताओं और छात्रों द्वारा आम छात्रों पर की गई की हिंसा की याद दिलाने के लिए सोमवार को परिसर के मेन गेट पर फोटो-पोस्टर के जरिए एक प्रदर्शनी लगाई। जिसमे जेएनयू के आम छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों पर सुनियोजित वामपंथी हमले की कहानी बताई गई।
प्रदर्शनी में फीस आंदोलन में एबीवीपी के संघर्ष और यूजीसी द्वारा छात्रों की मांगे माने जाने की पटकथा को भी स्थान दिया गया। साथ ही विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कैसे जंगल, मंदिर और कर्मचारियों के घरों में छुपकर स्वयं की जान बचाई, छात्रों ने ये कहानी भी बयां की।
एबीवीपी जेएनयू अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने बताया कि 5 जनवरी 2020 की तारीख छात्र राजनीति के इतिहास कि कभी ना भुलाई जा सकने वाली तारीख है। उस दिन सारे जेएनयू ने लाल आतंक की कहानी अपनी आंखों से देखी की किस तरह एआईएसए, एसएफआई, डीएसएफ के गुंडे लाठी और रॉड से एबीवीपी समर्थकों पर हमला कर रहे थे।
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