जब सूरज राशि बदलेगा, देश टीकाकारण अभियान चलाकर दिशा बदलेगा

14 जनवरी, यानी मकर संक्रांति से दिन बड़े होने लगेंगे। इसी के आसपास भारत में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की तैयारी है। केंद्र ने कहा िक वैक्सीन को मंजूर किए जाने के बाद 10 दिनों के भीतर वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। ड्रग कंट्राेलर ने 3 जनवरी काे देश में ‘काेविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल काे मंजूरी दी थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। सबसे पहले वैक्सीन कंपनियां करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता स्थित गवर्नमेंट मेडिकल सप्लाई डिपो (जीएमएसडी) में वैक्सीन पहुंचाएंगी। वहां से राज्याें की राजधानियों में पहुंचेगी। फिर जिला मुख्यालय, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर तक ले जाने का जिम्मा राज्य सरकारों का होगा। देशभर में वैक्सीन के कुल 37 बड़े स्टाेर बनाए जा रहे हैं।

राज्यों की तैयारियां: वैक्सीनेशन बूथ बने, अब सिर्फ इंतजार

  • राजस्थान: हेल्थवर्करों समेत 10 लाख काे टीका लगेगा। जुलाई तक 1.65 कराेड लाेगाें काे 2400 केंद्राें पर टीके लगेंगे।
  • गुजरात: 40 हजार केंद्रों में रोजाना 16 लाख लोगों को टीका लगेगा। जुलाई तक 1.23 करोड़ को टीका लगाने की तैयारी है।
  • यूपी: तीन चरणों में 3.5 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। इसके लिए 3 हजार वैक्सीनेशन सेंटर बन रहे हैं।
  • हरियाणा: पहले चरण में 6 लाख हेल्थ वर्करों को टीका। जुलाई तक 67 लाख लोगों को टीका लगेगा। 800 केंद्र बने।
  • पंजाब: 1.6 लाख हेल्थ वर्कर्स के साथ 1.25 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। 11 हजार केंद्र बनाए गए हैं।
  • मप्र: 5 लाख फ्रंटलाइन कर्मियों को टीका लगेगा। डेढ़ करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए 10 हजार सेंटर बनेंगे।

अभी 3 कराेड़ काे मुफ्त वैक्सीन

देश में फरवरी तक 1 करोड़ हेल्थ वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन मुफ्त दी जाएगी। देशभर में 27 करोड़ बुजुर्गाें काे भी प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जाएगी। सरकार अभी वैक्सीन कंपनियां से खरीदी के लिए एग्रीमेंट की शर्तें तय कर रही हैं।

किस-किस तरह की बीमारी वालों पहले टीका, यह कमेटी तय करेगी
जिन लोगों की उम्र 50 साल से कम है और उन्हें कोई गंभीर रोग हैं, उनकी पहचान होगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख प्रो. वीके पॉल ने बताया कि यह कमेटी तय करेगी कि कौन-कौन सी बीमारी ऐसी हैं, जिनसे जान को खतरा है।

कमेटी दो दिन में रिपोर्ट दे देगी। सूत्र बता रहे हैं कि किडनी, लिवर से संबंधित बीमारियां, मधुमेह, हृदयरोग वाले लोगों को पहले टीका दिया जाएगा। ऐसे लोगों को वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर से विशेष पर्चा बनवाना पड़ सकता है।

वैक्सीन निर्माताओं में टकराव थमा, कहा- अब मिलकर काम करेंगे
वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट व भारत बायोटेक के बीच टकराव थम गया है। दोनों संस्थानों ने मंगलवार को साझा बयान जारी किया। कहा कि देश में वैक्सीन पहुंचाने के लिए मिलकर काम करेंगे। सोमवार को सीरम प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा था- ‘सिर्फ फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कारगर हैं। बाकी सब पानी है।’ इस पर भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने कहा था- ‘|ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के ट्रायल के दौरान वॉलंटयिर्स पर साइड इफेक्ट दबाने के लिए दवाएं दी गई थीं।’



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फाइल फोटो


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