जलभराव से भीगे बिस्तर और कपड़े, रविवार की बारिश के बाद स्टेज पर होने वाले सभी कार्यक्रम रद्द

बिस्तर, कपड़े भीग गए, हालात देखकर आंखें भी गिली हो गई। रविवार को यही आलम था सिंघु बॉर्डर पर, जमीन पर भी जलभराव होने के कारण एक जगह से दूसरी जगह पर जाने की किसान कोशिश कर रहे थे। जबकि कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच कंबल ओढ़े एक बुजुर्ग किसान अपनी ट्रॉली में एक छोटा डंडा लेकर प्लास्टिक की बंधी तिरपाल को ऊपर उठा रहे थे।

जिससे ट्रॉली में आ रहा बारिश का पानी निकल सके। उनके साथ रजाइयों में बैठे करीब किसान तिरपाल की तरफ ही देख रहे थे। उनकी रजाई काफी ज्यादा रात को भीग चुकी थी। पूरी रात वह बस डंडा लेकर तिरपाल में भरे पानी को इसी तरह से हटाते रहे।

लेकिन बारिश के डंडे पानी की बूंदे गिरने से उनकी नींद खुल जाती थी। शनिवार और रविवार के सात से आठ घंटे उन्होंने ऐसे ही काटे। यह आलम था सिंधू बॉर्डर पर एक ट्रॉली का, ऐसी सैकड़ों ट्रॉलियां थी। जिसमें किसानों ने रात को इसी तरह से रात काटी।

सिंघु बॉर्डर पर स्टेज के पास लगाए गए किसानों के गद्दे व पूरा स्टेज भीग गया। जहां पर किसान यूनियन जिस टैंट में बैठकर मीटिंग करते है, वहां पर भी बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया। हालातों को देखते रविवार के सभी कार्यक्रमों को मजबूरन रद्द करना पड़ा। नेता जगह जगह जाकर लंगर व टैंट और ट्रॉलियों में जाकर किसानों से मिलते नजर आए।

लंगर में खड़े होकर खाना खा रहे है किसान

लंगर के सेवादारों ने बताया कि किसी तरह से गैस और कुछ बची सूखी लकडिय़ों की मदद से खाना बनाया था। लेकिन बारिश के कारण चटाइयां भी गिली हो गई थी। इसलिए सभी लाईन लगवाकर खाना परोसा गया, फिर लोगों ने सुरक्षित जगह पर खड़े होकर खाना खाया।

जलभराव को देखकर दवाई का छिडक़ाव
बारिश के कारण अधिकतर जगहों पर जलभराव हो गया था। पानी निकलने का कोई साधन नहीं हैं। इसके लिए कुछ जगहों से पानी निकालने के लिए किसानों ने हथौड़ी से किनारे से सड़क को काटकर पानी निकालने की कोशिश की। जबकि कुछ किसानों ने कीटनाशक दवाई का मशीनों से छिड़काव किया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3aZj1ii
via IFTTT

No comments:

Post a Comment