शरद पाण्डेय | नई दिल्ली .रेलवे ट्रेनाें काे चलाने में कम समय लगे, इसके लिए आॅटोमैटिक ट्रेन प्रोजेक्शन (एटीपी) सिस्टम लागू करने जा रहा है। एटीपी सिस्टम कुछ हद तक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम की तरह काम करेगा। इससे दो ट्रेनों काे चलाने के बीच का अंतर औसत 20 मिनट से कम होकर 6 से 7 मिनट रह जाएगा। इससे ट्रेन कम समय में स्टेशन पर पहुंचेंगी। एटीपी सिस्टम काे लागू करने के िलए 640 किमी में पायलट प्रोजेक्ट की मंजूरी दे दी गई है।
यह होगा फायदा
रेलवे बोर्ड के संकेत और दूर संचार सदस्य प्रदीप कुमार ने बताया कि एटीपी सिस्टम शुरू होने के बाद कंट्रोलर को ट्रेन के एक सिग्नल से दूसरे सिग्नल तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एटीपी की मदद से कंट्रोलर एक ट्रेन निकलने के बाद दूसरी ट्रेन को सिग्नल दे देगा। इससे ट्रेनाें काे चलाने के बीच के समय की बचत हाेगी।
क्या है एटीपी सिस्टम
एक रेडियाे ड्राइवर के पास और दूसरा स्टेशन मास्टर और कंट्रोलर के पास होगा। दोनों जगह एंटीना लगा होगा। इससे ट्रेन और कंट्राेलर लगातार आपस में संपर्क में रहेंगे। जब ट्रेन स्टेशन पार कर जाएगी, तो अगले स्टेशन मास्टर या कंट्रोलर के पास सिग्नल पहुंच जाएगा।
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