
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों ने बुधवार को क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। छात्रों ने नागरिकता कानून वापस लेने सहित सात मांगें रखी हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के विरोध प्रदर्शन का बुधवार 20वां दिन था। देर शाम को स्वरा भास्कर के साथ जीशान अयूब और पूर्व सांसद पप्पू यादव समर्थन देने के लिए जामिया के गेट नंबर सात पर पहुंचे। स्वरा ने कहा कि मोदी सरकार देश की आवाज का दमन कर रही है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की अन्य मांगों में देश भर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों की निष्पक्ष जांच कराने, पुलिस हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों (जो हिंसा में शामिल नहीं थे) को रिहा करने, शांतिपूर्वक प्रदर्शनों में शामिल रहे लोगों के खिलाफ हुई एफआईआर वापस लेने, हिंसा के शिकार प्रदर्शनकारियों को मुआवजा देने, इंटरनेट सेवाएं सुचारु करने जैसी मांगें शामिल हैं।
हिंसा की जांच जारी, एसआईटी टीम जामियानगर पहुंची
नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के मामले को जांच कर रही एसआईटी की टीम बुधवार सुबह जामिया नगर पहुंची। लोगों से बातचीत में पुलिस टीम को पता लगा उपद्रवियों में भारी संख्या में बाहरी लोग थे। शाम को लोकल पुलिस के अधिकारी एसआईटी बैठक में पहुंचे, जहां उन्होंने जांच अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। पुलिस को शक है कि दिल्ली में भी हुई हिंसा के पीछे पीएफआई नाम के संगठन का हाथ हो सकता है। न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने और जामिया नगर व शाहीन बाग में ही बुधवार शाम तक लगभग 70 लोगों ने शिकायत दे दी थी।
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