पिछले साल के मुकाबले दिल्ली को सिर्फ 4 करोड़ रुपए ज्यादा, रैपिड रेल-पुलिस के अलावा सब खाली

नई दिल्ली (अखिलेश कुमार ) .केंद्रीय बजट में दिल्ली की झोली में कुछ खास नहीं आया है। रैपिड रेल और दिल्ली पुलिस के बजट के अलावा किसी भी अन्य में मद में फंड नहीं बढ़ाया गया है। उलटा इस बार बजट पिछले साल की तुलना में 4 करोड़ रुपए कम कर दिया गया है। दिल्ली को एनसीआर से जोड़ने वाली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को केंद्र सरकार ने अपने बजट से तीन गुना स्पीड दी है। वित्तवर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान में 824.25 करोड़ रुपए आवंटित किया है जबकि 2020-21 के बजट में 2089 करोड़ रुपए पूंजीगत बजट सहित 2487.40 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। इसमें दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-गुड़गांव-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत के तीन कॉरिडोर का निर्माण करना है।

पहले कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ में साहिबाबाद से दुहाई (17 किमी) पर निर्माण चल रहा है जबकि बाकी हिस्सों पर अलग-अलग टेंडर व तैयारी चल रही है। इस कॉरिडोर का पहला चरण साहिबाबाद से मेरठ तक मार्च, 2023 और पूरा कॉरिडोर 2025 में शुरू करने का लक्ष्य है। दिल्ली से मेरठ (82.15 किमी जिसमें 11.53 किमी अंडरग्राउंड) कॉरिडोर को लेकर एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर शर्मा का कहना है कि कॉरिडोर के हिस्सों में काम एडवांस स्टेज पर चल रहा है। जहां साहिबाबाद से दुहाई के सेक्शन पर निर्माण शुरू है वहीं पूरे कॉरिडोर के लिए ट्रेन खरीद का टेंडर मंगाए गए हैं और ट्रैक का टेंडर फाइनल स्टेज में है। न्यू अशोक नगर से आनंद विहार सहित अंडरग्राउंड सेक्शन निर्माण का टेंडर भी जारी किया जा चुका है।

केंद्र सरकार ने 1984 के दंगा पीडितों को मुआवजा देने के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट भी नहीं बढ़ाया

  • 2018-19 के बजट में 659 करोड़ रुपए रखे थे लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया तो संशोधित अनुमान में घटाकर 100 करोड़ रुपए किया गया
  • एनसीआरटीसी को रैपिड रेल के तीन कॉरिडोर का निर्माण करना है, दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ कॉरिडोर पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
  • दिल्ली अलवर कॉरिडोर के एक हिस्से को दिल्ली सहित तीनो राज्य दे चुके हैं मंजूरी, केंद्र सरकार की मंजूरी बाकी।

काम में रखनी होगी तेजी ताकि वापस ना जाए पैसा

केंद्र ने 2018-19 के बजट में 659 करोड़ रुपए का प्रावधान एनसीआरटीसी के लिए रखे थे। लेकिन कई स्तर पर दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार के बीच अंतिम मंजूरी में देरी होने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। फिर संशोधित अनुमान में घटाकर 100 करोड़ रुपए कर दिया गया। इसी तरह 2019-20 के बजट में आरआरटीएस के लिए इस कंपनी को 700 करोड़ रुपए पूंजीगत और 274.25 करोड़ रुपए राजस्व में दिए। खर्च नहीं हो पाने के कारण जो संशोधित अनुमान इस बार बजट में पेश किए गए, उसमें पूंजीगत बजट घटाकर 550 करोड़ रुपए कर दिए।

रैपिड रेल चलने पर 60 मिनट में दिल्ली से मेरठ
कॉरिडोर निर्माण पूरा होने पर दिल्ली से मेरठ इस ट्रेन में सिर्फ 60 मिनट में पहुंच सकेंगे। इस कॉरिडोर के लिए दिल्ली सरकार को 1138 करोड़ रुपये देने हैं जिसमें एक हिस्सा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दे चुके हैं। केंद्र ने प्रोजेक्ट में 5634 करोड़ रुपये मदद और लोन के तौर पर देने की मंजूरी कैबिनेट में पहले ही दी हुई है। पहला चरण साहिबाबाद से मेरठ और दूसरा चरण दिल्ली से साहिबाबाद ट्रेन चलेगी। पूरे कॉरिडोर पर 30,274 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी। हर ट्रेन में एक बिजनेस कोच और एक लेडीज कोच होगा। 6 कोच वाली ट्रेन में 432 यात्री बैठने की सुविधा होगी।

तीन राज्य दे चुके दिल्ली-गुड़गांव-अलवर कॉरिडोर को मंजूरी

एनसीआरटीसी के दिल्ली-गुड़गांव-अलवर के 106 किमी कॉरिडोर को दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा सरकार मंजूरी दे चुकी है। इसमें 35 किमी अंडरग्राउंड(22 किमी दिल्ली में) बनेगा। सेक्शन में 11 स्टेशन बनेंगे जिसमें 4 स्टेशन दिल्ली में होंगे जबकि दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर तीन स्टेशन बनेंगे। सराय काले खां पर भविष्य में दिल्ली से मेरठ और दिल्ली से पानीपत और दिल्ली-अलवर कॉरिडोर जुड़ेंगे। दिल्ली में आरआरटीएस के सभी स्टेशन मेट्रो स्टेशन से जुड़े होंगे। दिल्ली-अलवर कॉरिडोर पर दिल्ली के करीब 2500 करोड़ रुपये समेत 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। सराय काले खां से राजस्थान बॉर्डर एसएनबी अरबन काम्प्लेक्स तक 70 मिनट और भविष्य में जुड़ने पर मेरठ से एसएनबी तक 130 मिनट में पहुंच सकेंगे। कहीं ट्रेन नहीं बदलनी पड़ेगी। एनसीआरटीसी का दावा है कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर 5 साल में ये कॉरिडोर भी पूरा कर लेंगे।

नुकसान : दिल्ली मेट्रोरेल का अनुदान इस बार खत्म

दिल्ली मेट्रोरेल को मिलने वाला अनुदान खत्म कर दिया है। वित्तवर्ष 2019-20 में 414.70 करोड़ रुपए का अनुदान, 2018-19 में 50 करोड़ रुपए और 2017-18 में दिल्ली मेट्रो को 146.23 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली थी। दिल्ली मेट्रोरेल के लिए अलग से राशि नहीं है लेकिन देशभर के मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 3256 करोड़ रुपए अंशदान, 1152 करोड़ रुपए लोन और 13074 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी गई है।

फायदा: पुलिस में सामान्य खर्च का बजट बढ़ा

दिल्ली पुलिस को 8242.46 करोड़ रुपए का बजट मिला है। ये चालू वित्तवर्ष में 8083.88 करोड़ रुपए मिला था। वित्त वर्ष 2018-19 की बात करें तो दिल्ली पुलिस को 7132.62 करोड़ रुपए का बजट दिया था। यानी दिल्ली पुलिस पिछले वर्ष के मुकाबले 138.58 करोड़ रुपए और दो वर्ष पहले के मुकाबले 1109.84 करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। बिल्डिंग बनाने के लिए 365.62 करोड़ रुपए रखे गए हैं।

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी नहीं बढ़ाई, 325 करोड़ रुपए बरकरार

  • दिल्ली को 2001-02 से केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 325 करोड़ रुपए ही दी जा रही है। इस बार भी इतनी है।
  • दिल्ली के लिए 1116 करोड़ रुपए का आवंटन किया। पिछले बजट में 1112 करोड़ रुपए दिए थे।
  • केंद्र ने दिल्ली को केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं के लिए बजट करीब 155 रोड़ रुपए बढ़ा कर 626 करोड़ रुपए कर दिया है।
  • पिछले वर्ष केंद्र ने अपना अंश में ढाई प्रतिशत की बढ़ोतरी कर आपदा प्रबंधन कोष 5 करोड़ रुपए किया था। इस बार भी इतना ही किया गया है।
  • चंद्रावल ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 150 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। पिछले वर्ष इसके लिए 300 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था।
  • केंद्र ने 1984 के दंगा पीडितों को मुआवजा देने के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट भी नहीं बढ़ाया।

एक्सपर्ट कमेंट -आरआरटीएस से दिल्ली में भीड़ घटेगी
आरआरटीएस के 8 कॉरिडोर प्रस्तावित हैं जिसमें 3 पर अलग-अलग स्टेज में डीपीआर, प्रशासनिक मंजूरी, टेंडर के काम चल रहे हैं। अगर तेजी से काम या जरूरी मंजूरी नहीं लेंगे तो पैसा वापस चला जाएगा। इससे लोग भीड़भाड़ की बजाय दूर जाकर रहेंगे। इससे दिल्ली की भीड़ घटेगी। -डॉ. पीके सरकार, ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट, विजिटिंग प्रोफेसर, आईआरटीई



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केंद्रीय बजट में दिल्ली की झोली में कुछ खास नहीं आया है।


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