नई दिल्ली (शेखर घोष ) .नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगातार बढ़ते ट्रेनों और पैसेंजर के दबाव के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिए इसके काया पलट की योजना बनाई है। ताकि पैसेंजरों की संख्या बढ़ने के बाद भी नई ट्रेनें चलाई जा सकें। अतिरिक्त आय के लिए स्टेशनों पर व्यवसाय के लिए नए प्लेटफार्म री-क्रिएट किए जा सकें। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि स्टेशन को तोड़कर नया बनाने के लिए रेलवे बोर्ड अगले तीन माह में इंप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (टीओआई) लाने पर विचार कर रहा है।
इसके लिए स्टेशन विकास निगम को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के री-डेवलेपमेंट के लिए निजी कंपनियों से पीपीपी मॉडल के आधार पर सहयोग लेने को कहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन देश भर के 867 स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। यहां रोजाना 5.50-6 लाख पैसेंजर आते हैं। वर्तमान में नई दिल्ली स्टेशन पर 16प्लेटफार्म और पहाड़गंज और नई अजमेरी गेट की तरफ दो प्रमुख द्वार हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को 1926 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बनाया था।
2010 में भारत में हुई कॉमनवेल्थ गेम के लिए 2007 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को पहली बार विकसित किया गया था। इसी दौरान रिंग रेलवे का निर्माण कर इसे नई दिल्ली से कनेक्ट किया गया था। 1926 में इस स्टेशन से 20-25 ट्रेन और चार से पंाच हजार लोग आते-जाते थे। आज यहां से रोजाना 354 ट्रेनें चलती हैं और रोजाना 5.50-6 लाख पैसेंजर्स आते हैं। यह विश्व के लारजेस्ट इंटरलॉकिंग नेटवर्क वाले स्टेशन में नाम दर्ज करवा चुका है।
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