नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जस्टिस एनवी रमना, अजय रस्तोगी और वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने ये रोक जम्मू-कश्मीर प्रशासन की उस याचिका पर लगाई, जिसमें कहा गया था कि 2018 में अपराध के वक्त आरोपी बालिग था और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट के आदेश की पुष्टि कर गलती की है।
मामले में अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी। सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से वकील पीएस पटवालिया ने कहा कि 11 अक्टूबर 2018 को हाईकोर्ट ने 27 मार्च 2018 के निचली कोर्ट के आदेश पर गलती से मुहर लगाई।
हाईकोर्ट ने यह पड़ताल नहीं की कि आरोपी की जन्मतिथि के बारे में निगम और स्कूल के रिकॉर्ड में विरोधाभास है। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को नोटिस जारी किया था, इसके बावजूद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने सुनवाई पर रोक नहीं लगाई।
मेडिकल बोर्ड ने भी घटना के समय आरोपी की उम्र 19 से 23 साल के बीच मानी थी। कठुआ में 10 जनवरी 2018 को बच्ची के अपहरण के बाद उसके साथ करीब एक सप्ताह तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। बाद में उसकी हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया था। इस मामले में विशेष कोर्ट दोषियों को सजा सुना चुकी है।
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