विलफुल डिफॉल्टरों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और कांग्रेस के बीच तकरार जारी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रवक्ता सुरजेवाला के आरोपों पर बुधवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने 13 ट्वीट में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राहुल तथ्यों को सनसनीखेज बनाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। अच्छा होता यदि राहुल लोन राइट ऑफ के बारे में डॉ. मनमोहन सिंह से पूछ लेते। फिर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- राहुल समझ लें कि राइट ऑफ का मतलब माफी नहीं होता। मोदी सरकार ने किसी का एक पैसे का कर्ज माफ नहीं किया है। राहुल गांधी को राइट ऑफ और वेव ऑफ का फर्क समझने के लिए पी चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए। इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री सीतारमण पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं।
एनपीए का ब्रेकअप क्यों नहीं दे रही सरकार
चिदंबरम ने कहा, मैंने संसद में पूछा था कि 2004 से पहले, 2004 से 2014 तक के और 2014 के बाद के नॉन प्रोफिटेबल असेट यानी एनपीए का ब्रेकअप सरकार क्यों नहीं दे रही। यह ब्रेकअप मिले तो यह अंदाजा लगेगा कि इस दौरान कितने लोन दिए गए?’ उन्होंने कहा, वित्त मंत्री सिर्फ यह कहती रहती हैं कि सारे लोन पूर्ववर्ती यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (यूपीए) सरकार के दौरान दिए गए। आरबीआई का वह नियम उन विलफूल डिफॉल्टर पर क्यों लागू किया जा रहा जो भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं। यह नियम दूसरी कैटेगरी के सामान्य डिफॉल्टर पर भी लागू हो सकता है, लेकिन भगोड़ों पर क्यों?
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