साइबर कैफे चलाने वाले की बेटी आशिमा बनी आईएएस, दूसरे प्रयास में हासिल की 65वीं रैंक

बल्लभगढ़ के विजय नगर कॉलोनी में रहने वाले साइबर कैफे संचालक की बेटी आशिमा गोयल आईएएस बन गईं। उन्होंने सेल्फ स्टडी कर दूसरे प्रयास में 65वीं रैंक हासिल कर ली। तीन-भाई बहनों में दूसरे नंबर की आशिमा गोयल ने बताया कि उनके पिता मित्रसेन गोयल बाजार में एक छोटी साइबर कैफे की दुकान चलाते हैं। जबकि मां मीना गोयल हाउसवाइफ हैं। बड़ी बहन सीए और छोटा भाई निश्चल अभी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।

आशिमा ने बताया कि उन्होंने यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल की है। पहले प्रयास के दौरान वह बंगलुरू में नौकरी कर रही थीं। बाद में उसे छोड़कर तैयारी में जुट गईं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालॉजी नई दिल्ली से एमटेक, बायोटेक केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली आशिमा नियमित रूप से 9-10 घंटे पढ़ाई करती थीं।

उनका बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में आने का लक्ष्य था। अब वह शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती हैं। प्रदेश के परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने घर जाकर आशिमा को शुभकामना देकर उनके उज्जवल भविस्य की कामना की।



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आईएएस में चयनित बल्लभगढ़ निवासी आशिमा गोयल परिजनों के साथ व परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा।


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