बैंकों को 1 जनवरी 2020 या उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मोड से किए ट्रांजैक्शन पर वसूले गए चार्ज को वापस करना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को इस बारे में निर्देश दिया है। सर्कुलर में कहा गया है कि आयकर कानून, 1961 की धारा 269एसयू के तहत निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड का इस्तेमाल कर 1 जनवरी या उसके बाद किए ई-लेनदेन पर बैंकों ने चार्ज लिया हो तो उसे तुरंत रिफंड किया जाए।
इस कदम का उद्देश्य डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना और कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ना है। सेक्शन 269एसयू के अंतर्गत निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शंस मोड में रूपे पावर्ड डेबिट कार्ड, यूपीआई (भीम यूपीआई), यूपीआआई क्यूआर कोड (भीम यूपीआई क्यूआर कोड) शामिल हैं। इसी के साथ सर्कुलर में बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे इन माध्यमों के जरिए भविष्य में किए जाने वाले किसी भी ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज न लगाएं। सर्कुलर में कहा गया है कि सीबीडीटी की जानकारी में आया है कि बैंक यूपीआई के माध्यम से किए लेनदेन पर अतिरिक्त शुल्क ले रहे हैं।
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