जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने केन्द्र सरकार की ओर से हाल में अनुमोदित नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए इसे समग्र और शिक्षा के बहु-विषयक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की एक बेहतरीन कार्य योजना बताया। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति देश में उच्चतर शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में उठाया गया अहम कदम है। बुनियादी स्तर पर मातृभाषा पर जोर और विद्यार्थियों के 360 डिग्री समग्र विकास की पहल इस नीति को खास बनाती है।
प्रो. दिनेश कुमार उच्चतर शिक्षा विशेषकर तकनीकी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को लेकर ‘नई शिक्षा नीति’ पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में नई शिक्षा नीति एक बहुप्रतीक्षित सुधार है जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए शिक्षा में लचीलापन तथा ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराना है। नई नीति शिक्षा को कौशल विकास का माध्यम बनाती है जो देश के लिए महत्वपूर्ण है। नई शिक्षा नीति में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री में लचीलापन लाने के कदम का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के बीच सबसे बड़ा अंतर शैक्षणिक लचीलापन है।
स्नातकोत्तर स्तर पर नई शिक्षा नीति में एक साल और दो साल की पीजी डिग्री का प्रावधान है और स्नातक स्तर पर यह मल्टिपल एंट्री और एग्जिट विकल्प देती है, जिससे डिग्री तीन और चार साल की हो सकती है। यह व्यवस्था तय करेगी कि विद्यार्थी को उच्च शिक्षा या शोध के लिए जाना है या नहीं। अब डिग्रियां लेकर या बीच में कॉलेज छोड़ने पर विद्यार्थी खुद को असहाय महसूस नहीं करेगा अपितु आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार कर सकेगा।
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