क्राइम ब्रांच ने मोतिहारी बिहार के गैंगस्टर और उसके दो साथियों को अरेस्ट किया है। इनकी पहचान राजन साहनी, लक्ष्मी साहनी और सोनू गुप्ता के तौर पर हुई। इनमें राजन साहनी पंद्रह जघन्य अपराधों मंे शामिल रहा है जिसके ऊपर बिहार में पचास हजार रुपए का इनाम घोषित था। आरोपी बिजनेसमैन की हत्या और दो हत्या की कोशिश के मामले में वांछित थे।
एडिशनल सीपी बीके सिंह ने बताया तीन अक्टूबर को बिहार पुलिस से सूचना मिली कि हत्या के गवाह को बदमाश धमका रहे हैं, जो दिल्ली में कहीं छिपे हैं। यह इनपुट मिलने पर पुलिस ने राजन साहनी के बारे में जानकारी जुटायी, जिसकी लोकेशन महिपालपुर में मिली।
बिहार और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त रुप से ट्रेप लगा तीनों आरोपियों को सुबह करीब छह बजे महिपालपुर से पकड़ लिया। ये तीनों हत्या और हत्या की कोशिश जैसे तीन मामले में वांछित थे। पुलिस की तहकीकात में पता चला आरोपी लक्ष्मी रेलवे यार्ड में लेबर मुहैया कराने का काम करता है। मोतिहारी का एक मुखिया ने भी यही काम शुरु किया जो उसका बड़ा प्रतिस्पर्धी बन गया।
इस वजह से लक्ष्मी, राजन और सोनू ने मिलकर इस साल चार जुलाई को मुखिया को गोली मार दिया। इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी बिहार छोड़ दिल्ली आकर छिप गए थे। इससे पहलू जून के महीने में राजन, सोनू और लक्ष्मी ने मोतिहारी में राजेश और सरन नाम के दो लोगों को गोली मार दी थी।
गैंगस्टर राजन साहनी हत्या के चार, हत्या की कोशिश के चार, पांच वसूली समेत पंद्रह आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। इसकी गिरफ्तारी पर बिहार पुलिस ने पचास हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। उसने तीन शादी कर रखी थीं। दिल्ली आकर इसने हत्या के मामले के चश्मदीद को धमकाया, जब उसने कॉल उठाना बंद कर दिया तो वॉइस मेल के जरिए धमकी भेज दी। वहीं लक्ष्मी साहनी स्नातक है। वह ट्रांसपोर्ट बिजनेस करता है और उसके खुद के दर्जनभर ट्रक हैं।
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