हमारी कोशिश बच्चों को शिक्षा के उपयोग का तरीका सिखाना है। यह बात उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कही। सिसोदिया ने कहा कि अब तक हमारी शिक्षा-प्रणाली में एक ही मापदंड रहा है कि पढ़-लिखकर नौकरी हासिल करनी है। यह एकांगी नजरिया है जिसके कारण बच्चों में सीमित दृष्टिकोण पैदा होता है।
सिसोदिया के अनुसार उद्यमिता पाठ्यक्रम के जरिए 9वीं से बारहवीं तक के बच्चों के भीतर एक नई समझ पैदा करने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के तहत बच्चों से बातचीत में सिसोदिया ने यह बात कही। इस दौरान चर्चित उद्यमी किरण मजूमदार शॉ ने बच्चों से संवाद किया। लॉकडाउन के दौरान बुधवार को यह 10वां संवाद कार्यक्रम था।
सिसोदिया ने कहा कि आज इस संवाद में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के हजारों बच्चे शामिल हैं। हमारा सपना है कि इन्हीं बच्चों में से भविष्य में कई किरण मजूमदार शॉ जैसे सफल उद्यमी निकलकर सामने आएं। सिसोदिया ने कहा कि मजूमदार एक बिजनेस वुमेन ही नहीं बल्कि उन्होंने मेडिकल साइंस में भी महत्वपूर्ण काम किया है।
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