बिजली उपभोक्ता द्वारा बिजली निगम के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज सुमित्रा कादियान की अदालत ने उपभोक्ता की याचिका को सही ठहराते हुए और उसे बिजली चोरी के आरोपों से मुक्त करते हुए बिजली निगम को आदेश दिए कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई 2 लाख 56 हजार 119 की जुर्माना राशि को 24 प्रतिशत ब्याज की दर से वापिस किया जाए।
उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता के अनुसार वर्ष 2017 की 6 जून को अशोक विहार फेस वन की रोशनी देवी पर बिजली निगम ने आरोप लगाए थे कि उसने बिजली के मीटर में छेद कर बिजली चोरी की है और उस पर उक्त जुर्माना लगा दिया था। बिजली निगम कहीं बिजली का कनेक्शन न काट दे, इस डर से उसने जुर्माने की पूरी राशि जमा करा दी थी और बिजली निगम के इस फैसले को अदालत में चुनौती दे दी थी।
अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर लगाए गए बिजली चोरी के आरोपों को गलत पाते हुए निगम को आदेश दिया कि जमा कराई गई धनराशि को 24 प्रतिशत की ब्याज दर से वापिस किया जाए।
अधिवक्ता का कहना है कि इससे पहले भी बिजली निगम द्वारा बिजली चोरी के बहुत से मामले अदालत द्वारा गलत पाए गए हैं। इस मामले में भी उपभोक्ता बिजली निगम पर डैमेजिज व ह्रासमेंट का मामला दायर करने की तैयारी कर रही है।
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