ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। शीतलहर से हाथ-पैर सुन्न हो रहे हैं। मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों की संख्या कम हो गई है। ठंड के चलते पार्कों में लोगों की चहलकदमी बहुत कम है। शनिवार को ठंड से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली, मगर दिन में हुई बूंदाबांदी ने एक बार फिर ठंडक बढ़ा दी।
शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जबकि शनिवार को 6.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। जबकि अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार सुबह काफी कोहरा था। इससे तापमान में गिरावट आई है। दिन का अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री दर्ज किया गया।
वहीं वायु की गुणवत्ता भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। एनआईटी तीन स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीन मलिक के अनुसार ओपीडी में मरीजों की संख्या 80 से बढ़कर 150 पहुंच गई है। उन्होंने कहा इस मौसम में सुबह सैर करने पर सामान्य व्यक्ति को भी सांस संबंधी शिकायतें हो सकती हैं। दमा व ह्दय के मरीजों, बच्चों व गर्भवती महिलाओं आदि को ज्यादा परेशानी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी ओर नागरिक अस्पताल बीके की ओपीडी में भी इजाफा हुआ है।
ह्दय रोग विभाग की ओपीडी में मरीजों की संख्या 200 पार हो गई है। डॉ. ऋषि गुप्ता के अनुसार ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को सुबह की सैर पर जाने से बचना चाहिए। ठंड में सैर पर जाने से शरीर में खून का थक्का जमने से हार्ट के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए जब तक धूप न निकले घर से बाहर न निकलें। बीके अस्पताल के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन गर्ग के अनुसार ठंडे मौसम में हृदय रोगियों के लिए सुबह की सैर ज्यादा खतरनाक है। हवा में मौजूद डस्ट सांस के जरिए ह्दय तक चली जाती है। इसलिए सुबह की सैर से बचें।
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