स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों पर नकेल कसनी सुरू कर दी है। आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी से विभिन्न जांच के नाम पर पैसे लेने वाले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि लाभार्थी के पास आयुष्मान भारत का कार्ड होने के बाद भी अस्पताल इलाज के दौरान उनसे चार्ज करते हैं।
जबकि इस योजना के तहत सभी प्रकार की जांच और इलाज मुफ्त में किए जाते हैं। कोई भी लाभार्थी पांच लाख रुपए तक का इलाज पैनल में शामिल किसी भी निजी अस्पताल में करा सकता है। लेकिन फरीदाबाद में ऐसा नहीं हो रहा है।
सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने सोमवार को निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सरकार के निर्देशों की जानकारी दी और सख्त हिदायत देते हुए कहा यदि निजी अस्पतालों ने गड़बड़ी की तो उनके प्रबंधन के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने लाभार्थियों से भी आह्वान करते हुए कहा यदि कोई अस्पताल उनसे जांच के नाम पर अथवा इलाज के नाम पर पैसे चार्ज करता है तो वह सीएमओ आफिस में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
ये है आयुष्मान भारत योजना
वर्ष 2018 में तत्काली वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट सत्र में इस योजना की संसद में घोषणा की थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बीपीएल कार्ड धारकों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। इसके तहत प्रत्येक बीपीएल परिवार को 5 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज की सुविधा सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में दी जाती है। 14 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. बीआर अंबेडकर जयंती पर इस योजना की शुरूआत की थी।
अब तक 87 हजार से अधिक लोगों के बन चुके कार्ड
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक जिले में 87283 कार्ड बनाए जा चुके हैं। इनमें से 4779 लाभार्थी इस योजना का लाभ भी चुके हैं। निजी अस्पतालों में इलाज करा चुके लोगों का करीब 6 करोड़ 95 लाख 34 हजार 580 रुपए का भुगतान निजी अस्पतालों को सरकार कर चुकी है। सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि अभी तक आयुष्मान भारत योजना का पैनल में शामिल अस्पताल गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए 30 रुपए का चार्ज करते थे लेकिन अब इसे निशुल्क कर दिया गया है।
निजी अस्पताल मिलने वाले लाभों का बोर्ड लगाएं
सोमवार को सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने निजी अस्पताल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए कहाकि पैनल में शामिल सभी निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत मिलने वाले लाभ से संबंधित बोर्ड अपने अपने अस्पतालों के ओपीडी, प्रवेश द्वार और आईपीडी काउंटर जरूर लगवाएं ताकि लाभार्थी को इसकी जानकारी हो सके।
डा. पूनिया ने बैठक में कहा कि पैनल अस्पतालों के खिलाफ कई लाभार्थियों ने शिकायत दी है कि इलाज के दौरान होने वाली जांच, चिकित्सकीय परामर्श सहित अन्य सुविधाओं का अलग से बिल बनाकर उसका पैसा वसूलते हैं। ऐसे पैनल अस्पताल अपनी हरकतों में सुधार लाएं।
अस्पतालों को सभी सुविधाएं आयुष्मान भारत योजना के तहत उपलब्ध करानी होगी। यदि किसी अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिलती है तो उसके प्रबंधक के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बैठक के बाद सीएमओ ने आयुस्मान योजना के प्रति जागरुकता के लिए 10 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर अलग अलग इलाकों के लिए रवाना किया।
जिले के 21 निजी अस्पताल हैं पैनल में: सीएमओ ने बताया कि जिले में इस योजना के तहत 21 अस्पताल पैनल में हैं। इनमें एसकेजी अस्पताल, अपूर्वा नर्सिंग होम, शांति देवी मेमोरियल अस्पताल, अर्श अस्पताल, सूर्या आर्थो एंड ट्रामा सेंटर, सेंटर फार साइट, पार्क अस्पताल, नोबल अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर, संतोष मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, गोयल अस्पताल, आरके अस्पताल, हांडा मेडिकल सेंटर, अलफला अस्पताल, मेडिचेक अस्पताल, केदार अस्पताल, पवन अस्पताल यूनिट-1 व 2, मानवता अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, डाक्टर टुडे आईवीएफ एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/356ta8T
via IFTTT
No comments:
Post a Comment