राजधानी की करीब 10800 कंपनियों ने जनता से टैक्स का पैसा लेकर सरकार के पास पूरा टैक्स ही जमा ही नहीं किया है। ऐसी कंपनियों पर दिल्ली सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी विभाग के साथ बैठक कर टैक्स जमा करने की स्थिति का विश्लेषण किया। विभाग की तरफ से दी जानकारी के अनुसार मार्च 2020-21 के बीच 10800 कंपनियों ने कम या शून्य टैक्स जमा किया है।
इसमें 970 कंपनियों ने कोई टैक्स ही जमा नहीं किया है। दिल्ली सरकार डिफॉल्टर कंपनियों की लिस्ट तैयार कर चुकी है और सभी को जीएसटी एक्ट के तहत नोटिस भेज कर 15 दिन के अंदर टैक्स जमा करने का निर्देश दे रही है। इसके बाद डिफॉल्टर कंपनियां पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा सरकार दिल्ली में जीएसटी एक्ट के तहत पंजीकृत सात लाख कंपनियों के डाटा का भी अध्ययन कर रही है।
डिफॉल्टरों से 10 करोड़ वसूले गए
दिल्ली राज्य व्यापार और कर विभाग ने पंजीकृत बड़े टर्न ओवर वाले 15000 करदाताओं के रिटर्न फाइलिंग स्थिति का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। विश्लेषण में पाया गया गया है कि केंद्र और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में शामिल करीब 970 करदाताओं ने 2019-20 और 2020-21 का रिटर्न दाखिल नहीं किया है। कुल 10800 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने कम या शून्य टैक्स जमा किया है। इन कंपनियों को टैक्स जमा करने के लिए 31 जुलाई तक समय मिला था, जो अब समाप्त हो चुका है।
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