दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ से उपेक्षित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अब निगम चुनाव को करीब देखते हुए हाथरस कांड के बहाने दिल्ली में जमीन तलाशना शुरू कर दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने हाथरस कांड के विरोध में खुद राजघाट पर मौन सत्याग्रह की घोषणा के साथ सभी 14 जिलों में मौन सत्याग्रह का आयोजन किया।
लेकिन प्रदेश अध्यक्ष चौधरी के द्वारा आयोजित इस सत्याग्रह से वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की दूरी के कारण सभी जिलों में कार्यकर्ताओं के भाव में पूरी तरह से फ्लॉप रही। हाथरस पीड़ित युवती को न्याय दिलाने के लिए जिला और विधानसभा स्तर पर कैंडल मार्च के बाद कांग्रेस अब सत्याग्रह करने की भी तैयारी कर रही है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस अपना विरोध तब तक जारी रखेगी जब तक कि हाथरस की बेटी के परिवार को पूरा न्याय नहीं मिल जाता है। राजघाट पर हुए मौन सत्याग्रह में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार को साथ देने के लिए अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल, डा. अशोक वालिया, अरविन्दर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा, हारूण युसुफ जैसे कद के एक भी नेता नहीं पहुंचे।
मौन सत्याग्रह में डीपीसीसी के उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल, एआईसीसी सचिव तरूण कुमार, पूर्व सांसद कृष्णा तिरथ, जिला अध्यक्ष मौ.उस्मान, पूर्व विधायक अमरीश गौतम, दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा शर्मिष्ठा मुखर्जी, परवेज आलम खान, दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा अमृता धवन, प्रयंका सिंह, गुड्डी देवी कांग्रेस कार्यकर्ता पंहुचें।
नवनियुक्त दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा अमृता धवन ने राजघाट में पद की शपथ लेकर डीपीसीसी कार्यालय, राजीव भवन में अपने पद का औपचारिक तरीके से कार्यभार संभाला। डीपीसीसी अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार की उपस्थिति में दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अमृता धवन को दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस का कार्यभार सौंपा।
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